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Delhi Violence: दिल्‍ली हाईकोर्ट ने ताहिर हुसैन के 4 आरोपी साथियों को दी जमानत, कही यह बड़ी बात

दिल्‍ली हाईकोर्ट ने आरोपियों को 20-20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी है.  (सांकेतिक फोटो)

दिल्‍ली हाईकोर्ट ने आरोपियों को 20-20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी है. (सांकेतिक फोटो)

दिल्‍ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों (Delhi Riots) के मामले में ताहिर हुसैन के चार ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. दिल्‍ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में चार आरोपितों को जमानत देते हुए दिल्ली पुलिस पर कई सवाल उठाए हैं. इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की पीठ ने कहा कि दिल्‍ली हिंसा 24 फरवरी 2020 को हुई, लेकिन इसकी रिपोर्ट 27 फरवरी को दर्ज की गई. इसके साथ पीठ ने कहा कि आरोपितों के खिलाफ बयान देने वाले चश्मदीदों ने न तो घटना के दौरान पीसीआर कॉल की और न ही डीडी एंट्री दर्ज कराई है. यही नहीं, पीठ ने इस मामले में एक अन्य चश्मदीद पुलिसकर्मी संग्राम के बयान पर भी सवाल उठाया है. पीठ ने कहा, 'सिपाही का बयान रिकॉर्ड किया गया, लेकिन कोर्ट यह समझने में नाकाम है कि कानून-व्यवस्था की बेहतर समझ के बाद भी पुलिसकर्मी ने न तो पीसीआर कॉल की और न ही इसकी डीडी एंट्री ही दर्ज कराई.

    यही नहीं, न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की पीठ ने कहा कि दिल्‍ली हिंसा के मुख्य आरोपित ताहिर हुसैन (Tahir Hussain)  की कॉल रिकॉर्ड भी याचिकाकर्ताओं से मेल नहीं खाती है.

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    कोर्ट ने 20-20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत
    दिल्‍ली हाईकोर्ट ने दिल्‍ली दंगों के मामले में ताहिर हुसैन के चार आरोपी साथियों लियाकत अली, इरशाद अहमद, अरशद कय्यूम उर्फ मोनू और गुलफाम उर्फ वीआईपी को 20-20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी है. इसके साथ कोर्ट ने कहा कि घटना में शामिल होने के संबंध में इनमें से किसी के भी खिलाफ कोई सीसीटीवी फुटेज, वीडियो क्लिप और फोटो भी पुलिस द्वारा पेश नहीं किया गया. इसके अलावा पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता आरोपियों को लंबे समय तक सलाखों के पीछे नहीं रखा जा सकता और ट्रायल द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की सत्यता को जांचा जा सकता है.

    आरोपियों को दिया ये आदेश
    न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की पीठ ने जमानत पाने वाले चारों आरोपिया को लेकर कहा कि वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से न तो गवाहों को प्रभावित करेंगे और न ही सुबूतों से छेड़छाड़ करेंगे. बता दें कि 24 फरवरी 2020 में हुए दिल्‍ली दंगे में 53 लोगों की मौत हुई थी. वहीं, इस दौरान 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे.

    Tags: DELHI HIGH COURT, Delhi news, Delhi police, Delhi riots, Delhi riots case, Delhi Violence, Tahir hussain

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