MCD अस्पतालों के डॉक्टरों को सैलरी नहीं मिलने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, कल होगी सुनवाई

दिल्ली हाईकोर्ट.
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के दो हॉस्पिटल के डॉक्टर और हेल्थ वर्कर (Health Worker)को सैलरी न मिलने के मामले पर संज्ञान लिया है. जबकि इसकी शुक्रवार को सुनवाई तय की है.
- News18Hindi
- Last Updated: June 11, 2020, 8:37 PM IST
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) के दो हॉस्पिटल के डॉक्टर और हेल्थ वर्कर (Health Worker) सैलरी न मिलने से काफी नाराज हैं. जबकि दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने इस मामले पर संज्ञान लिया है. वहीं, इस मामले की सुनवाई कल यानी शुक्रवार को तय की है. आपको बता दें कि दिल्ली के दरियागंज इलाके में स्थित कस्तूरबा गांधी हॉस्पिटल और हिन्दू राव हॉस्पिटल के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने तत्काल भुगतान न होने पर इस्तीफे की धमकी भी दी है. रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने 'नो पे नो वर्क' की मांग के साथ चिट्ठी लिखी है. बहरहाल, इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के संज्ञान लेने के बाद डॉक्टर्स और हेल्थ वर्कर्स को राहत मिलने की उम्मीद है.
3 महीने से नहीं हुआ सैलरी का भुगतान
कस्तूरबा गांधी हॉस्पिटल के आरडीए ने एडिशनल एमएस को लिखी अपनी चिट्ठी में रेजिडेंट डॉक्टर के बकाए वेतन के मामले में ध्यान आकर्षित कराया है. साथ ही एक साथ इस्तीफा देनो या 'नो पे नो वर्क' की भी बात कही है. इसमें लिखा है कि रेजिडेंट डॉक्टर को पिछले 3 महीनों से सैलरी का भुगतान नहीं हुआ है. वे कोरोना महामारी के संकट के दौरान अपने और अपने परिवार की जिंदगी को दांव पर लगाकर काम कर रहे हैं. सैलरी न मिलने के कारण उन्हें अपने घर का किराया देने, ट्रैवलिंग में होने वाले खर्च और जरूरत के सामान खरीदने तक में समस्या हो रही है. आरडीए का कहना है कि हम पैसों के बिना काम नहीं कर सकते हैं. उन्होंने बकाए सैलरी के जल्द भुगतान की मांग की है. साथ ही कहा है कि अगर सैलरी का भुगतान 16 जून तक नहीं होगा तो उन्हें सामूहिक इस्तीफा देना पड़ सकता है.
डॉक्टरों ने मांगी 4 महीने की बकाया सैलरीराजधानी के मलकागंज में स्थित हिन्दू राव हॉस्पिटल और एनडीएमएमसी के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोशिसशन ने 4 महीनों की सैलरी के भुगतान की मांग की है. हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट को 30 मई को लिखी चिट्ठी में बकाए सैलरी के भुगतान के संबंध में ध्यान आकर्षित कराया गया है. जबकि इस संबंध में आरडीए का कहना है कि वेतन न मिलने के कारण उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. आरडीए ने यह भी कहा है कि हमें लग रहा है कि हमारी बातें अनसुनी कर दी जा रही हैं. आरडीए ने 18 जून तक के बकाए सैलरी के भुगतान की मांग की है. इस चिट्ठी में आरडीए की तरफ से लिखा गया है कि हम आपको असहाय होकर यह सूचना दे रहे हैं कि रेजिडेंट 'नो पे नो वर्क' के नियम पर काम करने का निर्णय ले रहे हैं. साथ ही वेतन भुगतान न होने की स्थिति में सामूहिक इस्तीफे की बात भी कही गई है.

3 महीने से नहीं हुआ सैलरी का भुगतान
कस्तूरबा गांधी हॉस्पिटल के आरडीए ने एडिशनल एमएस को लिखी अपनी चिट्ठी में रेजिडेंट डॉक्टर के बकाए वेतन के मामले में ध्यान आकर्षित कराया है. साथ ही एक साथ इस्तीफा देनो या 'नो पे नो वर्क' की भी बात कही है. इसमें लिखा है कि रेजिडेंट डॉक्टर को पिछले 3 महीनों से सैलरी का भुगतान नहीं हुआ है. वे कोरोना महामारी के संकट के दौरान अपने और अपने परिवार की जिंदगी को दांव पर लगाकर काम कर रहे हैं. सैलरी न मिलने के कारण उन्हें अपने घर का किराया देने, ट्रैवलिंग में होने वाले खर्च और जरूरत के सामान खरीदने तक में समस्या हो रही है. आरडीए का कहना है कि हम पैसों के बिना काम नहीं कर सकते हैं. उन्होंने बकाए सैलरी के जल्द भुगतान की मांग की है. साथ ही कहा है कि अगर सैलरी का भुगतान 16 जून तक नहीं होगा तो उन्हें सामूहिक इस्तीफा देना पड़ सकता है.
डॉक्टरों ने मांगी 4 महीने की बकाया सैलरीराजधानी के मलकागंज में स्थित हिन्दू राव हॉस्पिटल और एनडीएमएमसी के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोशिसशन ने 4 महीनों की सैलरी के भुगतान की मांग की है. हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट को 30 मई को लिखी चिट्ठी में बकाए सैलरी के भुगतान के संबंध में ध्यान आकर्षित कराया गया है. जबकि इस संबंध में आरडीए का कहना है कि वेतन न मिलने के कारण उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. आरडीए ने यह भी कहा है कि हमें लग रहा है कि हमारी बातें अनसुनी कर दी जा रही हैं. आरडीए ने 18 जून तक के बकाए सैलरी के भुगतान की मांग की है. इस चिट्ठी में आरडीए की तरफ से लिखा गया है कि हम आपको असहाय होकर यह सूचना दे रहे हैं कि रेजिडेंट 'नो पे नो वर्क' के नियम पर काम करने का निर्णय ले रहे हैं. साथ ही वेतन भुगतान न होने की स्थिति में सामूहिक इस्तीफे की बात भी कही गई है.