मथुरा कृष्ण जन्मभूमि मंदिर बेहद महत्त्व रखता है
नई दिल्ली. दक्षिण पश्चिम दिल्ली के द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिर (Iskcon Temple) में जन्माष्टमी (Janmashtami) के अवसर पर सोमवार को लोगों की भारी भीड़ (Crowd) उमड़ने के कारण पुलिस और प्रशासन को मजबूरन मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए को बंद (Close) करना पड़ा. स्थानीय एसडीएम से इस मामले को लेकर टिप्पणी के लिए सम्पर्क नहीं हो सका. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के आदेश के बाद जून के मध्य में दिल्ली में चरणबद्ध तरीके से मंदिरों को खोलने की प्रक्रिया शुरू की गयी थी, लेकिन श्रद्धालुओं को प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी थी.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ’द्वारका के इस्कॉन मंदिर में शाम की पूजा के बाद भक्तों की भीड़ लग गई, जिसके कारण मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया. हालांकि, पुजारियों को जन्माष्टमी के विशेष कार्यक्रमों को बिना आगंतुकों के जारी रखने की अनुमति दी गई थी.’ इससे पहले दिन में, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना करने के लिए ग्रेटर कैलाश में इस्कॉन मंदिर पहुंचे थे.
दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
वहीं, रविवार को खबर सामने आई थी कि देश की राजधानी दिल्ली के मंदिरों में इस बार भी कृष्ण जन्माष्टमी सादगी के साथ मनाई जाएगी. साउथ-ईस्ट दिल्ली के डीसीपी ने लोगों से आग्रह किया था कि वे जन्माष्टमी के मौके पर कोरोना गाइडलाइन का ख्याल रखें. समाचार एजेंसी एएनआई ने अपने ट्विटर हैंडल पर साउथ-ईस्ट दिल्ली के डीसीपी आरपी मीणा का बयान जारी किया था. डीसीपी मीणा ने कहा था कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकार (DDMA) की गाइडलाइन में किसी भी तरह के धार्मिक आयोजन पर रोक लगाई गई है. इसलिए जन्माष्टमी पर भक्तों को मंदिरों में जाने की अनुमति नहीं होगी. डीसीपी ने लोगों से आग्रह किया था कि वे अपने घरों में इस उत्सव को मनाएं और मंदिरों में इकट्ठा न हों. डीसीपी मीणा ने साफ तौर पर कहा था कि दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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