नई दिल्ली. दिल्ली नर्सेज फेडरेशन के बैनर तले दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में 24 और 25 जनवरी को ब्लैक रिबन डेज मनाए जाएंगे. इस दौरान सभी नर्स और नर्सिंग स्टाफ कोविड ड्यूटी के दौरान मारी गई नर्सों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग करते हुए काला फीता बांधकर प्रदर्शन करेंगे. हालांकि फेडरेशन की ओर से इसे विरोध प्रदर्शन बताया जा रहा है और हड़ताल नहीं कहा गया है.
फेडरेशन की ओर से बताया गया कि कोरोना ड्यूटी के दौरान दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 8 नर्सों की कोरोना मरीजों की सेवा करने के दौरान मौत हुई है. ये सभी नर्सें दिल्ली सरकार की ओर से पूर्ण रूप से घोषित कोविड अस्पतालों में काम कर रही थीं. जैसा कि दिल्ली सरकार की ओर से घोषणा की गई थी कि कोरोना के दौरान अगर किसी कोरोना वॉरियर की मौत होती है तो सरकार उसके परिजनों या आश्रितों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देगी लेकिन इन्हें अभी तक इनमें से किसी के परिजनों को कोई मुआवजा नहीं दिया गया है.
इतना ही नहीं दिल्ली सरकार की ओर से इनके परिजनों की उपेक्षा की जा रही है. गौरतलब है कि कोरोना काल में एक डॉक्टर की मौत के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डॉक्टर के घर जाकर एक करोड़ रुपये की मुआवजा राशि चेक के माध्यम से पीड़ित परिवार को दी थी लेकिन इन 8 नर्सों में से किसी को भी ये राशि नहीं दी गई है.
ऐसे में सभी अस्पतालों में काम कर रहे नर्सिंग स्टाफ राज्य सरकार से इन पीड़ित परिवारों के लिए घोषित 1 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि देने की मांग कर रहे हैं. इसी के लिए अगले दो दिन सभी नर्स अस्पतालों में काला फीता बांधकर ड्यूटी करेंगी और सरकार के उदासीन रवैये के प्रति अपना विरोध दर्ज करेंगे.
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