Chit Fund Fraud: पंजाब और सिंध बैंक में मैनेजर की नौकरी कर रहे इकबाल सिंह बवेजा के मन में अचानक अमीर बनने की फितूर सवार हो गई. ऐसा नहीं है कि इकबाल के पास आय का जरिया सिर्फ उसकी तनख्वाह थी, बल्कि दिल्ली के पॉश इलाकों में एक राजौरी गार्डन में एक बैंक्विट हॉल और पीएसबी इलेक्ट्रॉनिक्स के नाम से एक शोरूम चल रहा था. अमीर बनने के इस फितूर में उसने बैंक से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली.
बैंक की नौकरी छोड़ने के बाद उसने दो चिटफंड कंपनी खोली और लोगों को अच्छा मुनाफा दिलाने का सब्जबाग दिखाकर करीब 20 करोड़ रुपए इकट्ठा कर लिए. इतने रुपए हाथ आते ही इकबाल का मन बदल गया. उसने रातों रात अपना सबकुछ समेटा और अपने परिवार के साथ दिल्ली के गायब हो गया. निवेशकों की शिकायत पर पुलिस बीते चार सालों से इकबाल की तलाश कर रही थी.
इकॉनोमिक ऑफेंस विंग के डीसीपी अन्वेष रॉय के अनुसार, तीनों की गिरफ्तारी सुरजीत सिंह आनंद नामक एक पीडि़त की शिकायत के बाद की गई है. सुरजीत सिंह आनंद ने पुलिस को अपनी शिकायत में बताया था कि राजौरी गार्डन में D’s बैंक्विट हॉल और पीएसबी इलेक्ट्रॉनिक्स शो के मालिक इकबाल सिंह बवेजा रिजक चिफ फंड और पीबीएस चिट फंढ कंपनी चलाते थे.
आरोपी इकबाल की इन चिपफंड कंपनी में उसकी पत्नी तजिंदर कौर, बेटा परमीत सिंह और बहू जसनीत भी शामिल थे. आरोपी लोगों को अच्छे रिटर्नस का लालच देकर अपने जाल में फंसाते थे. इनके जाल में फंसकर लोगों ने इनकी चिटफंड कंपनी में करोंड़ो रुपए का निवेश करा दिया. जिसके बाद, चारों करीब लोगों की मेहनत की कमाई का करीब 20 करोड़ रुपए लेकर फरार हो गए.
चार साल बाद हुई आरोपियों की गिरफ्तारी
डीसीपी अन्वेष रॉय ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस की इकॉनोमिक ऑफेंस विंग ने 21 जून 2019 को प्राइज चिट्स एंड मनी सर्कुलेशन स्कीम (बैनिंग एक्ट) के तहत मामला दर्ज कर अपनी तफ्तीश शुरू कर दी. पुलिस की टीम ने पीडि़तों के बयान दर्ज करने के लिए संबंधित बैंक एकाउंट की स्क्रूटनी शुरू की. साथ ही, आरोपियों की तलाश भी शुरू कर दी गई.
उन्होंने बताया कि तमाम कोशिशों के बावजूद आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिला. जिसके चलते, अदालत ने पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर चारों आरोपियों को भगोड़ा घोषित कर दिया. उधर, तमाम असफलताओं के बावजूद पुलिस की टीम इलेक्ट्रॉनिक्स सर्विलांस की मदद से आरोपियों की तलाश कर रही थी. करीब 4 साल बाद पुलिस की मेहतन रंग लाई और तीन आरोपियों का सुराग ईओडब्ल्यू के हाथ लग गया.
एमपी के पन्ना से हुई आरोपियों की गिरफ्तारी
डीसीपी अन्वेष रॉय ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स सर्विलांस की मदद से पुलिस को पता चला कि आरोपी मध्य प्रदेश के पन्ना शहर में छिपे हुए हैं. जिसके बाद, एसीपी सचिंदर मोहन शर्मा के नेतृत्व में ईओडब्ल्यू की एक टीम को पन्ना के लिए रवाना कर दिया गया. 28 मार्च 2023 को पुलिस टीम ने मुख्य आरोपी इकबाल, उसके बेटे परमीत सिंह और बहू जसनीत को गिरफ्तार कर लिया है.
उन्होंने बताया कि मामले की चौथी आरोपी और इकबाल की पत्नी तजिंदर कौर की मृत्यु हो चुकी है. गिरफ्तारी के बाद तीनों को स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने आरोपी इकबाल सिंह बावेजा और परमीत सिंह बावेजा को दो दिन के पुलिस रिमांड पर ईओडब्ल्यू को सौंप दिया है. दोनों आरोपियों से पुलिस की पूछताछ जारी है.
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