दिल्ली हाईकोर्ट ने भी गणेश चतुर्थी कार्यक्रमों के आयोजन की अनुमति देने से साफ इंकार कर दिया है.
नई दिल्ली. दिल्ली दंगे के दौरान दयालपुर इलाके में खोखा व दुकान जलाने के दो मामलों में कड़कड़डूमा कोर्ट ने तीन आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में आरोपमुक्त कर दिया. इनमें से एक आरोपी दंगे का मुख्य आरोपी और आप के पार्षद रहे ताहिर हुसैन का भाई है. कोर्ट ने आदेश में कहा कि जब विभाजन के बाद के दिल्ली के सबसे भीषण सांप्रदायिक दंगे को इतिहास देखेगा तो नवीनतम वैज्ञानिक तकनीकों के बावजूद उचित जांच करने में पुलिस की नाकामी निश्चित रूप से लोकतंत्र के प्रहरी को पीड़ा देगी.
पिछले साल 24 फरवरी को दंगाइयों ने भजनपुरा गली नंबर-15 में रहने वाले ओम सिंह के खजूरी खास करावल नगर रोड ई-पांच स्थित पान के खोखे को जला दिया था. इस वारदात के अगले दिन दंगाइयों ने चांद बाग क्षेत्र में मुख्य वजीराबाद रोड पर हरप्रीत सिंह की दुकान आनंद टिंबर फर्नीचर में लूटपाट के बाद आग लगा दी थी. दयालपुर थाने में दर्ज अलग-अलग मुकदमों में पुलिस ने दिल्ली दंगे के मुख्य आरोपी और आप के पार्षद रहे ताहिर हुसैन के भाई शाह आलम के अलावा राशिद सैफी और शादाब को आरोपी बनाया था. दोनों ही मामलों में एक-एक कॉन्स्टेबल की गवाही दिलवाई गई.
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कड़कड़डुमा कोर्ट के जज विनोद यादव के कोर्ट में बचाव पक्ष के वकील दिनेश तिवारी ने कहा कि उनके मुवक्किलों के पास से कोई हथियार नहीं मिला है, न ही उनकी उपस्थिति दर्शाता वीडियो फुटेज अब तक पेश किया गया. साथ ही कहा कि इन मामलों में केवल एक-एक गवाह हैं, वे भी पुलिसवाले. कोई सार्वजनिक गवाह नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस कॉन्स्टेबलों ने झूठी गवाही दी है, वह घटनास्थल पर नहीं थे. वह मौके पर होते तो पुलिस कंट्रोल रूम को कॉल कर सूचना देते. लेकिन इसका कोई रिकॉर्ड पुलिस के पास नहीं है.
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अभियोजन पक्ष की तरफ से दिल्ली पुलिस के वकील अमित प्रसाद ने कहा कि कॉन्स्टेबल घटना के वक्त मौके पर मौजूद थे, उन्होंने आरोपियों की पहचान की है. सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को लेकर उन्होंने तर्क दिया कि दंगाइयों ने उस क्षेत्र में काफी संख्या में कैमरे तोड़ दिए थे. दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने बचाव पक्ष के तर्कों को मानते हुए सुबूतों के अभाव में दोनों मामलों के तीनों आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया. तीनों इस वक्त जमानत पर बाहर हैं. आपको बता दें कि शाह आलम अभी 9 मामलों में आरोपी है. राशिद और शादाब पर 7-7 मामले चल रहे हैं.
इन प्रमुख धाराओं के तहत दर्ज थे मुकदमे
147 (दंगा करने), 148 (घातक हथियार इस्तेमाल करने), 149 (गैरकानूनी समूह में समान मंशा से अपराध करने), 188 (सरकारी आदेश का उल्लंघन करने), 380 (चोरी करने), 427 (पचास रुपये से अधिक की हानि करने) और 436 (संपत्ति या उपासना स्थल को आग लगाने), 454 (छिप कर गृह भेदन करना)
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Tags: Delhi riots case, Karkardooma Court
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