दिल्ली. पब्लिक सेक्टर और कार्यालयों के बाद अब एनडीएमसी के सभी स्कूल ‘स्मार्ट’ बनेंगे. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) ने साल 2022 के अंत तक शिक्षा क्षेत्र को पूरी तरह से डिजिटल करने का फैसला किया है. इसके तहत सभी प्राइमरी क्लासेस को ‘स्मार्ट क्लासरूम’ में परिवर्तित किया जाएगा. बता दें कि एनडीएमसी ने पहले से ही सेकेंडरी क्लासेस को स्मार्ट क्लासरूम में डेवलप कर लिया है. अब एनडीएमसी अपने सभी क्लासरूम को ‘स्मार्ट क्लासेस’ में परिवर्तित कर देगा, जिसमें मूल्यांकन उद्देश्यों के लिए सभी सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्कूलों में टैबलेट आधारित क्लासेस शामिल हैं.
स्मार्ट क्लासेस के अलावा नागरिक एजेंसी स्कूलों में ऑडिटोरियंस को अपग्रेड करेगी. एनडीएमसी और नवयुग स्कूलों में 14 पालिका टिंकरिंग लैब स्थापित करेगी. वर्तमान में अटल और पालिका विद्यालय में ऐसी दस प्रयोगशालाएं विकसित हैं.
एनडीएमसी अध्यक्ष धर्मेंद्र ने बताया कि जरूरतमंद बच्चों को एनडीएमसी ने न केवल इंटरनेट डेटा पैक शुल्क प्रदान किया बल्कि पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर 4 स्कूलों में क्लास 10वीं और 12वीं के छात्रों को 811 टैबलेट वितरित किए. वहीं वित्तीय वर्ष में 4,000 टैबलेट भी दिए जाएंगे. इसके साथ उन्होंने बताया कि एनडीएमसी नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार अपने स्कूलों का पुनर्गठन करने जा रहा है. पहले कदम के रूप में यह प्राथमिक विंग में एक शिक्षक संसाधन केंद्र, गतिविधि केंद्र स्थापित करेगा. इसके साथ ही बैग-रहित प्री-प्राइमरी और प्राइमरी क्लासरूम की शुरुआत करेगा.
नई शिक्षा नीति
नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के तहत बच्चों के स्कूल बैग का वजन कम करने पर जोर दिया गया है. अब स्कूल बैग का वजन छात्रों के वजन से 10 फीसदी से ज्यादा नहीं होगा. दूसरी कक्षा तक के छात्रों को किसी तरह का होमवर्क नहीं दिया जाएगा, तीसरी से पांचवीं क्लास के छात्रों को हफ्ते में 2 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा, मिडिल स्कूल यानी छठी से सातवीं क्लास के छात्रों के लिए दिन में 1 घंटा और हफ्ते में करीब 5 से 6 घंटे निर्धारित किए गए हैं. इसके अलावा माध्यमिक और 12वीं क्लास तक के लिए दिन में अधिकतम होमवर्क दो घंटे और हफ्ते में करीब 10 से 12 घंटे का होमवर्क दिया जा सकेगा.
नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली पढ़ाई में बड़ा बदलाव करते हुए सिलेबस को 10+2 के ढांचे की जगह 5+3+3+4 की नई संरचना में ढाला जा रहा है (Education System). यह स्कूली शिक्षा व्यवस्था 3 से 8 वर्ष, 8 से 11 वर्ष, 11 से 14 वर्ष और 14 से 18 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए होगी. साथ ही विद्यार्थियों को कौशल व व्यावहारिक जानकारियां देने और 5वीं क्लास तक मातृभाषा में शिक्षा देने पर भी जोर दिया गया है. इससे छात्र तीन भाषाओं पर पकड़ मजबूत कर सकेंगे.
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Tags: Delhi School, Schools
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