Delhi Violence: सीनियर की जान बचाने वाले ACP से मिलने पहुंचे CP श्रीवास्तव, कहा- ऐसे अधिकारियों पर दिल्ली पुलिस को गर्व

दिल्ली हिंसा में घायल हुए गोकुलपुरी एसीपी अनुज कुमार से मिलने पहुंचे CP श्रीवास्तव (ANI)
जांबाज ACP अनुज कुमार ने बताया कि उन्हें यमुना विहार की ओर से भागकर अपनी जान बचानी पड़ी. दावा किया कि अगर वह चांदबाग मजार के रास्ते जाते तो आसपास भीड़ उन्हें मार देती.
- एएनआई
- Last Updated: March 5, 2020, 9:09 AM IST
नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव नॉर्थ ईस्ट (North East Delhi) दिल्ली के चांदबाग (Chandbagh) इलाके में हिंसक भीड़ का शिकार हुए गोकुलपुरी के एसीपी अनुज कुमार से मिलने उनके निवास पहुंचे. बता दें, अनुज शर्मा वही जांबाज अधिकारी हैं जिन्होंने हिंसा में घायल होने के बावजूद अपने वरिष्ठ अधिकारी डीसीपी शाहदरा अमित शर्मा को बचाया. पुलिस कमिश्नर श्रीवास्तव ने कहा कि दिल्ली पुलिस को ऐसे अधिकारियों पर गर्व है.
'शहीद हेड कांस्टेबल रतन लाल भी थे साथ'
इससे पहले अनुज कुमार ने मीडिया को बताया था कि चांदबाग हिंसा के वक्त डीसीपी अमित शर्मा भी उन्हीं के सामने घायल हुए थे. इस हिंसा में शहीद हुए हेड कॉन्सटेबल रतन लाल भी उन्हीं के साथ थे. अनुज कुमार ने बताया कि विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों में से कुछ सर्विस लेन से रोड पर आ गए. इसके बाद अफवाह फैल गई कि पुलिस की गोलियों से बच्चे मारे गए. इसके बाद वहां हिंसा भड़क गई.
'रास्ता खुला रखने का मिला था निर्देश'
अनुज ने दावा किया कि यह 24 फरवरी की सुबह 11.30 बजे औ 12 बजे के बीच की बात है. उन्होंने बताया- मेरी और रतन लाल समेत अन्य कर्मियों की ड्यूटी चांदबाग मजार से 800 मीटर आगे लगाई गई ती. 23 तारीख को वहां वजीराबाद रोड को जाम किया गया था जिसे देर रात खुलवाया गया. हमें निर्देश मिला था कि उस रास्ते को खुला रखा जाए.'
'चांदबाग मजार के रास्ते जाते तो आसपास भीड़ मार देती'
दावा किया कि, हिंसा वाले दिन धीरे-धीरे लोग जमा होने लगे और महिलाएँ आगे थी. वे सभी वजीराबाद रोड के पास आने लगे. हमने उन्हें समझाया फिर भी वे आगे बढ़ते रहे. हमने कोशिश की कि उन्हें सर्विस रोड की ओर से पीछे किया जा सके. हमें आदेश मिले थे कि जो प्रदर्शन हो रहा है वह सर्विस रोड तक ही सीमित रहे.
'पत्थरबाजी के बाद लोग हुए हावी'
अनुज ने बताया कि पुलिस की ओर से फायरिंग और फिर उसमें बच्चों के मारे जाने की अफवाह ने के चलते मौके पर भीड़ जमा हो गई. 15-20 मीटर की दूरी थी और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई. वहां पहले से काम चल रहा था ऐसे में पत्थर भी बहुत थे. जैसे ही पत्थरबाजी शुरू हो गई लोग हम पर हावी हो गई और हम आंसू गैस का गोला तक नहीं छोड़ पाए. इसी दौरान देखा कि डीसीपी अमित शर्मा घायल हैं. उनके मुंह से खून आ रहा था और वह डिवाइडर पर थे.
ऐसे बचानी पड़ी जान
अनुज कुमार ने बताया कि उन्हें यमुना विहार की ओर से भागकर अपनी जान बचानी पड़ी. दावा किया कि अगर वह चांदबाग मजार के रास्ते जाते तो आसपास भीड़ उन्हें मार देती. उन्होंने बताया कि रतनलाल घायल हो गए थे और उन्हें अस्पताल लेकर जाया गया लेकिन वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
ये भी पढ़ें: दिल्ली हिंसा: गोकुलपुरी के ACP अनुज कुमार ने बताया उस दिन के चांद बाग का हाल, कहा- शायद हमें भी मार डालेंगे

'शहीद हेड कांस्टेबल रतन लाल भी थे साथ'
इससे पहले अनुज कुमार ने मीडिया को बताया था कि चांदबाग हिंसा के वक्त डीसीपी अमित शर्मा भी उन्हीं के सामने घायल हुए थे. इस हिंसा में शहीद हुए हेड कॉन्सटेबल रतन लाल भी उन्हीं के साथ थे. अनुज कुमार ने बताया कि विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों में से कुछ सर्विस लेन से रोड पर आ गए. इसके बाद अफवाह फैल गई कि पुलिस की गोलियों से बच्चे मारे गए. इसके बाद वहां हिंसा भड़क गई.
@CPDelhi visited residence of Sh. Anuj Sharma, ACP Gokul Puri, the officer who was injured facing rioters & yet,heroically rescued his senior, Sh. Amit Sharma, DCP Shahdara,who was grievously injured trying to control the senseless violence. Delhi Police is proud of such officers pic.twitter.com/r4wrdWOUD3
— Delhi Police (@DelhiPolice) March 5, 2020
'रास्ता खुला रखने का मिला था निर्देश'
अनुज ने दावा किया कि यह 24 फरवरी की सुबह 11.30 बजे औ 12 बजे के बीच की बात है. उन्होंने बताया- मेरी और रतन लाल समेत अन्य कर्मियों की ड्यूटी चांदबाग मजार से 800 मीटर आगे लगाई गई ती. 23 तारीख को वहां वजीराबाद रोड को जाम किया गया था जिसे देर रात खुलवाया गया. हमें निर्देश मिला था कि उस रास्ते को खुला रखा जाए.'
'चांदबाग मजार के रास्ते जाते तो आसपास भीड़ मार देती'
दावा किया कि, हिंसा वाले दिन धीरे-धीरे लोग जमा होने लगे और महिलाएँ आगे थी. वे सभी वजीराबाद रोड के पास आने लगे. हमने उन्हें समझाया फिर भी वे आगे बढ़ते रहे. हमने कोशिश की कि उन्हें सर्विस रोड की ओर से पीछे किया जा सके. हमें आदेश मिले थे कि जो प्रदर्शन हो रहा है वह सर्विस रोड तक ही सीमित रहे.
'पत्थरबाजी के बाद लोग हुए हावी'
अनुज ने बताया कि पुलिस की ओर से फायरिंग और फिर उसमें बच्चों के मारे जाने की अफवाह ने के चलते मौके पर भीड़ जमा हो गई. 15-20 मीटर की दूरी थी और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई. वहां पहले से काम चल रहा था ऐसे में पत्थर भी बहुत थे. जैसे ही पत्थरबाजी शुरू हो गई लोग हम पर हावी हो गई और हम आंसू गैस का गोला तक नहीं छोड़ पाए. इसी दौरान देखा कि डीसीपी अमित शर्मा घायल हैं. उनके मुंह से खून आ रहा था और वह डिवाइडर पर थे.
ऐसे बचानी पड़ी जान
अनुज कुमार ने बताया कि उन्हें यमुना विहार की ओर से भागकर अपनी जान बचानी पड़ी. दावा किया कि अगर वह चांदबाग मजार के रास्ते जाते तो आसपास भीड़ उन्हें मार देती. उन्होंने बताया कि रतनलाल घायल हो गए थे और उन्हें अस्पताल लेकर जाया गया लेकिन वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
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