दिल्ली हिंसा पर आधारित किताब के विमोचन पर बोले कपिल मिश्रा- अगर सड़कें बाधित हुई तो फिर दूंगा भाषण

बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली हिंसा के साल भर पूरे होने पर इसपर आधारित किताब का विमोचन करते हुए कहा कि उन्हें अपने दिए भाषण का कोई अफसोस नहीं है (फाइल फोटो)
पूर्व विधायक और बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) ने 'डेल्ही रॉयट्स 2020: द अनटोल्ड स्टोरी' (Delhi Riots 2020: The Untold Story) नाम की किताब के विमोचन पर कहा, मैंने जो किया है, मैं फिर करूंगा. मुझे कोई पछतावा नहीं है, सिवाए इसके कि मैं दिनेश खटीक, अंकित शर्मा (दंगा पीड़ित) और कई अन्य की जान नहीं बचा सका
- News18Hindi
- Last Updated: February 23, 2021, 12:05 AM IST
नई दिल्ली. बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) ने कहा है कि पिछले साल उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा (Delhi Violence) शुरू होने से एक दिन पहले सीएए (CAA) विरोधी प्रदर्शनकारियों पर निशाना साधने वाला उन्होंने जो भाषण दिया था, उसका उन्हें कोई पछतावा नहीं है, और जरूरत पड़ी तो वो फिर से ऐसा करेंगे. पूर्व विधायक ने कहा, 'जब भी सड़कें अवरुद्ध (रोकी) की जाएंगी और लोगों को काम पर या बच्चों को स्कूल जाने से रोका जाएगा तो इसे रोकने के लिए वहां हमेशा कपिल मिश्रा होगा.'
कपिल मिश्रा ने सोमवार को 'डेल्ही रॉयट्स 2020: द अनटोल्ड स्टोरी' (Delhi Riots 2020: The Untold Story) नाम की किताब के विमोचन पर कहा, मैंने जो किया है, मैं फिर करूंगा. मुझे कोई पछतावा नहीं है, सिवाए इसके कि मैं दिनेश खटीक, अंकित शर्मा (दंगा पीड़ित) और कई अन्य की जान नहीं बचा सका.
इसी साल गणतंत्र दिवस पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा का हवाला देते हुए मिश्रा ने कहा कि प्रदर्शन से दंगा तक का यह मॉडल बहुत स्पष्ट है.
बता दें कि पिछले साल 23 फरवरी को कपिल मिश्रा ने अपने विवादित भाषण में जाफराबाद में सड़क पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने की धमकी दी थी. एक वर्ग मानता है कि उनके दिए इस भाषण के बाद ही सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी और सीएए के समर्थकों और विरोधियों की बीच झड़पें हुई थीं. इस हिंसा और उपद्रव में कम से कम 53 लोगों की मौत हुई थी जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए थे.कपिल मिश्रा ने कहा कि लोकतंत्र में अल्टीमेटम (अंतिम चेतावनी) देने का और क्या तरीका है? मैंने एक पुलिस अधिकारी के सामने ऐसा किया. क्या दंगा शुरू करने वाले लोग पुलिस के सामने अल्टीमेटम देते हैं?

किताब उनके खिलाफ खतरनाक प्रचार के खिलाफ 'उम्मीद की एक किरण'
वकील मोनिका अरोड़ा और दिल्ली विश्वविद्यालय की शिक्षक सोनाली चितलकर और प्रेरणा मल्होत्रा द्वारा लिखित इस किताब के बारे में बात करते हुए, कपिल मिश्रा ने कहा कि यह उनके खिलाफ खतरनाक प्रचार के खिलाफ 'उम्मीद की एक किरण' है, जिसके तहत उन्हें दंगों के लिए दोषी ठहराया जा रहा है.
'डेल्ही रॉयट्स 2020: द अनटोल्ड स्टोरी' पुस्तक के विमोचन में अरोड़ा, मल्होत्रा के साथ-साथ दूरदर्शन के पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने भी शिरकत की.
यह किताब पिछले साल अगस्त में तब चर्चा में आई थी जब ब्लूम्सबरी ने इसे छापने से इनकार कर दिया था, क्योंकि पुस्तक के प्रकाशन पूर्व ऑनलाइन विमोचन में एक अतिथि के रूप में कपिल मिश्रा को आमंत्रित करने पर उसे आलोचना का सामना करना पड़ा था. बाद में इस किताब को गरूड़ प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड ने छापी. (भाषा से इनपुट)
कपिल मिश्रा ने सोमवार को 'डेल्ही रॉयट्स 2020: द अनटोल्ड स्टोरी' (Delhi Riots 2020: The Untold Story) नाम की किताब के विमोचन पर कहा, मैंने जो किया है, मैं फिर करूंगा. मुझे कोई पछतावा नहीं है, सिवाए इसके कि मैं दिनेश खटीक, अंकित शर्मा (दंगा पीड़ित) और कई अन्य की जान नहीं बचा सका.
इसी साल गणतंत्र दिवस पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा का हवाला देते हुए मिश्रा ने कहा कि प्रदर्शन से दंगा तक का यह मॉडल बहुत स्पष्ट है.
बता दें कि पिछले साल 23 फरवरी को कपिल मिश्रा ने अपने विवादित भाषण में जाफराबाद में सड़क पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने की धमकी दी थी. एक वर्ग मानता है कि उनके दिए इस भाषण के बाद ही सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी और सीएए के समर्थकों और विरोधियों की बीच झड़पें हुई थीं. इस हिंसा और उपद्रव में कम से कम 53 लोगों की मौत हुई थी जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए थे.कपिल मिश्रा ने कहा कि लोकतंत्र में अल्टीमेटम (अंतिम चेतावनी) देने का और क्या तरीका है? मैंने एक पुलिस अधिकारी के सामने ऐसा किया. क्या दंगा शुरू करने वाले लोग पुलिस के सामने अल्टीमेटम देते हैं?

पिछले साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की सांप्रदायिक हिंसा और उपद्रव में 53 लोग मारे गए थे (फाइल फोटो)
किताब उनके खिलाफ खतरनाक प्रचार के खिलाफ 'उम्मीद की एक किरण'
वकील मोनिका अरोड़ा और दिल्ली विश्वविद्यालय की शिक्षक सोनाली चितलकर और प्रेरणा मल्होत्रा द्वारा लिखित इस किताब के बारे में बात करते हुए, कपिल मिश्रा ने कहा कि यह उनके खिलाफ खतरनाक प्रचार के खिलाफ 'उम्मीद की एक किरण' है, जिसके तहत उन्हें दंगों के लिए दोषी ठहराया जा रहा है.
'डेल्ही रॉयट्स 2020: द अनटोल्ड स्टोरी' पुस्तक के विमोचन में अरोड़ा, मल्होत्रा के साथ-साथ दूरदर्शन के पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने भी शिरकत की.
यह किताब पिछले साल अगस्त में तब चर्चा में आई थी जब ब्लूम्सबरी ने इसे छापने से इनकार कर दिया था, क्योंकि पुस्तक के प्रकाशन पूर्व ऑनलाइन विमोचन में एक अतिथि के रूप में कपिल मिश्रा को आमंत्रित करने पर उसे आलोचना का सामना करना पड़ा था. बाद में इस किताब को गरूड़ प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड ने छापी. (भाषा से इनपुट)