दिल्ली दंगों के मामले में विदेशी फंडिंग को लेकर ईडी ने पूर्व आप पार्षद को हिरासत में लिया है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी में हुए सांप्रदायिक दंगों (Delhi Riots) के मामले में आरोपी आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) के खिलाफ पूर्वी दिल्ली नगर निगम (EMCD) ने बड़ी कार्रवाई की है. निगम ने दंगों के आरोपी पार्षद की सदस्यता खत्म कर दी है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने एक बयान जारी कर कहा है कि 26 अगस्त को इसको लेकर फैसला लिया गया. ताहिर हुसैन वार्ड संख्या 59-ई के पार्षद थे. नगर निगम ने उनकी सदस्यता के निलंबन का आधार सदन की बैठक में बिना बताए अनुपस्थित होना बताया है. दिल्ली दंगों में नाम आने पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने ताहिर को पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया था.
ताहिर हुसैन पर अंकित शर्मा की हत्या का भी आरोप है
बता दें कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने ताहिर हुसैन की सदस्यता तब खत्म की है जब बीते 22 अगस्त को दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के आधार पर कोर्ट ने कहा था कि आम आदमी पार्टी से बर्खास्त पार्षद ताहिर हुसैन ने भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया. बता दें कि ताहिर पर इंटेलिजेंस ब्यूरो के स्टाफ अंकित शर्मा की हत्या (Ankit Sharma) का भी आरोप है. कोर्ट ने कहा था कि ताहिर हुसैन के कथित उकसावे पर मुस्लिम हिंसक हो गए और हिंदू समुदाय पर पथराव शुरू कर दिया था. दिल्ली के दंगे इस साल फरवरी में हुए थे. कोर्ट ने इस दंगे के सभी आरोपियों को 28 अगस्त या फिर उससे पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाज़िर होने को कहा है.
ताहिर ने फैलाया दंगा!
कोर्ट ने कहा था कि पूर्वी दिल्ली में सुनियोजित तरीके से दंगे भड़काए गए और इस दंगे की अगुआई ताहिर हुसैन कर रहे थे. अदालत ने ये भी कहा कि आरोपी ताहिर हुसैन ने दंगाइयों को अपनी छत का इस्तेमाल करने दिया. इसके अलावा उन्होंने अपनी छत पर हिंसा फैलाने के लिए सामान भी दिए ताकि बड़े पैमाने पर दंगे हो सकें और दूसरे समुदाय को जानमाल का नुकसान हो. अदालत ने कहा, ‘प्रथम दृष्टया आरोपी ताहिर हुसैन अपने घर से और 24 और 25 फरवरी को चांद बाग पुलिया के पास मस्जिद से भी भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे.’
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