Delhi Violence: उमर खालिद ने कोर्ट में चार्जशीट पर दर्ज कराई आपत्ति, बोले- मेरे ऊपर क्या आरोप, अब तक नहीं पता

यूएपीए जैसी गंभीर धाराओं में आरोपी है उमर खालिद.
दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) से जुड़े गंभीर आरोपों के तहत जेल में बंद जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद (Omar Khalid) ने कोर्ट में चार्जशीट पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि मेरे ऊपर क्या आरोप, अब तक नहीं पता.
- News18Hindi
- Last Updated: January 5, 2021, 6:55 PM IST
नई दिल्ली. पिछले साल हुई दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) से जुड़े गंभीर आरोपों के तहत जेल में बंद जेएनयू (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद (Omar Khalid) ने कोर्ट में चार्जशीट का मुद्दा उठाते हुए आपत्ति दर्ज कराई है. उमर खालिद ने कोर्ट में कहा कि चार्जशीट दायर हुए करीब डेढ़ महीना हो गया, लेकिन अब तक उन्हें यह पता नहीं चल सका कि उनके खिलाफ क्या आरोप लगाए गए हैं. खालिद ने अपनी यह आपत्ति कड़कड़डूमा कोर्ट के समक्ष रखी जहां दिल्ली हिंसा से जुड़े मामलों की सुनवाई चल रही है. चार्जशीट की कॉपी न मिलने को उमर खालिद ने ट्रायल को अपने अधिकार के खिलाफ बताया है.
यूएपीए जैसी गंभीर धाराओं में आरोपी बनाए गए उमर खालिद की आपत्ति पर कड़कड़डूमा कोर्ट में सरकार ने भी अपना पक्ष रखा. दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया गया कि इसमें कोई भी परेशानी नहीं है और उमर खलिद को चार्जशीट की कॉपी जेल के कंप्यूटर पर उपलब्ध करा दी जाएगी जिसे वह पढ़ सकेंगे.
शरजील इमाम और अतहर खान ने भी रखी अपनी बात
वहीं, मामले की सुनवाई के दौरान हिंसा के एक अन्य आरोपी शरजील इमाम और अतहर खान ने भी अपनी बात कोर्ट के सामने रखी. इमाम ने फेयर ट्रायल की मांग करते हुए कहा कि जब हिंसा हुई तो मैं जेल में था और इस पूरे मामले में मेरा कोई रोल नहीं है. इसके अलावा अतहर खान ने कोर्ट को बताया कि वह जब भी मेडिकल चेकअप के लिए बाहर जाता है तो उसे 14 दिन के लिए क्वारंटाइन कर दिया जाता है. यही नहीं, उसे अपने वकील से भी नहीं मिलने दिया जाता है. अतहर खान ने कहा कि जो भी जेल कर्मी रोज बाहर जाते हैं उन्हें क्वारंटाइन नहीं किया जाता है लेकिन मुझे हर बार किया जाता है.सरकार की तरफ से दी गई ये दलील
मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी अतहर खान की शिकायत पर दिल्ली सरकार की तरफ से दलील दी गई कि क्वारंटाइन का नियम हाई पावर कमेटी की तरफ से तय किया गया है. इन तमाम दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपियों की न्यायिक हिरासत 19 जनवरी तक बढ़ा दी है.
आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूएपीए के तहत गिरफ्तार उमर खालिद के खिलाफ पिछले साल नवंबर के आखिरी सप्ताह में चार्जशीट दायर की थी. स्पेशल सेल की चार्जशीट में उमर खालिद को रिमोट कंट्रोल की तरह पूरे एपिसोड को कंट्रोल करने वाला बताया गया था.
यूएपीए जैसी गंभीर धाराओं में आरोपी बनाए गए उमर खालिद की आपत्ति पर कड़कड़डूमा कोर्ट में सरकार ने भी अपना पक्ष रखा. दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया गया कि इसमें कोई भी परेशानी नहीं है और उमर खलिद को चार्जशीट की कॉपी जेल के कंप्यूटर पर उपलब्ध करा दी जाएगी जिसे वह पढ़ सकेंगे.
शरजील इमाम और अतहर खान ने भी रखी अपनी बात
वहीं, मामले की सुनवाई के दौरान हिंसा के एक अन्य आरोपी शरजील इमाम और अतहर खान ने भी अपनी बात कोर्ट के सामने रखी. इमाम ने फेयर ट्रायल की मांग करते हुए कहा कि जब हिंसा हुई तो मैं जेल में था और इस पूरे मामले में मेरा कोई रोल नहीं है. इसके अलावा अतहर खान ने कोर्ट को बताया कि वह जब भी मेडिकल चेकअप के लिए बाहर जाता है तो उसे 14 दिन के लिए क्वारंटाइन कर दिया जाता है. यही नहीं, उसे अपने वकील से भी नहीं मिलने दिया जाता है. अतहर खान ने कहा कि जो भी जेल कर्मी रोज बाहर जाते हैं उन्हें क्वारंटाइन नहीं किया जाता है लेकिन मुझे हर बार किया जाता है.सरकार की तरफ से दी गई ये दलील
मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी अतहर खान की शिकायत पर दिल्ली सरकार की तरफ से दलील दी गई कि क्वारंटाइन का नियम हाई पावर कमेटी की तरफ से तय किया गया है. इन तमाम दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपियों की न्यायिक हिरासत 19 जनवरी तक बढ़ा दी है.
आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूएपीए के तहत गिरफ्तार उमर खालिद के खिलाफ पिछले साल नवंबर के आखिरी सप्ताह में चार्जशीट दायर की थी. स्पेशल सेल की चार्जशीट में उमर खालिद को रिमोट कंट्रोल की तरह पूरे एपिसोड को कंट्रोल करने वाला बताया गया था.