दिल्ली हिंसा केस की सुनवाई के दौरान कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाये थे.
नई दिल्ली. दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) के मामलों में जांच पर उठ रहे सवालों और कड़कड़डूमा कोर्ट (Karkardooma Court) की लगातार फटकार के बाद दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने उसकी पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक (SPP) को बदल दिया है. पुलिस ने अदालत को बताया कि एसपीपी डीके भाटिया के स्थान पर अभियोजक मधुकर पांडे मामलों की पैरवी करेंगे. असल में सुनवाई के लिए दौरान लगातार पुलिस की किरकिरी हो रही थी.
कड़कड़डूमा कोर्ट के जज विनोद यादव ने हाल ही में कई मामलों में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कई आरोपियों को आरोपमुक्त भी किया था. अदालत ने पुलिस से कई मामलों में एक ही प्राथमिकी दर्ज करने पर सवाल किया था कि ऐसे में दायर चार्जशीट कानून में कैसे टिकाऊ है. अदालत ने भाटिया से पूछा था कि क्या यह कानूनी सिद्धांत को खतरे में नहीं डालेगा कि एक व्यक्ति पर एक ही अपराध के लिए दो बार मुकदमा चलाया जा रहा है.
पुलिस ने वकील बदलकर कोर्ट को सूचित किया
कोर्ट में लगातार सुनवाई में पुलिस की किरकिरी को देखते हुए SPP को बदल दिया गया. पुलिस ने 9 सितंबर को अदालत को सूचित किया कि भाटिया की जगह अभियोजक मधुकर पांडे ने ले ली है. ऐसे में अदालत ने पुलिस के उस तर्क को स्वीकार कर लिया कि सभी मामलों की जानकारी मधुकर पांडे को देने के लिए समय प्रदान किया जाये.
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