इमाम ने दिल्ली हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत की याचिका दायर की है.
नई दिल्ली. दिल्ली हिंसा के मामले में आरोपी शरजील इमाम ने अब दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है. इमाम ने देशद्रोह के मामले में अंतरिम जमानत याचिका दाखिल की है. इमाम ने दिल्ली हाईकोर्ट में निचली अदालत के फैसले को भी चुनौती दी है. इमाम की याचिका में देशद्रोह के ट्रायल पर रोक लगाने से इनकार करने वाले निचली अदालत के आदेश में भी चुनौती दी है. गौरतलब है कि सीएए एनआरसी को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान दिसंबर 2019 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में भाषण देने के मामले में शरजील इमाम पर देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ था.
वहीं दूसरी तरफ दिल्ली हिंसा मामले में आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. इस दौरान उमर खालिद के वकील ने अपनी दलील पूरी की. अब इस मामले की अगली सुनवाई हाईकोर्ट में 1 अगस्त को होगी. इस दौरान दिल्ली पुलिस कोर्ट के सामने अपनी दलील पेश करेगी. वहीं गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान उमर खालिद के वकील ने कहा कि 5 संदिग्ध वॉटसएप ग्रुप बनाए गए थे लेकिन उमर केवल तीन का ही सदस्य था और सिर्फ एक ग्रुप में ही 4 मैसेज भेजे थे.
उमर खालिद के वकील ने कहा कि उमर खालिद किसी भी भाषण से हिंसा नहीं भड़की, उसके भाषण और हिंसा का कोई सम्बंध नहीं है, CAA हिंसा में एक भी चश्मदीद नहीं जो यह बता सके हिंसा के समय उमर खालिद वहां पर मौजूद था.
उमर के वकील ने एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि फोन पर संपर्क करना सिर्फ यह बता सकता है कि अभियुक्त एक दूसरे को जानते हैं लेकिन इससे ज्यादा कुछ साबित नहीं हो सकता. उमर खालिद के वकील ने कहा कि बैठकों में चक्का जाम और प्रदर्शन का जिक्र करने में कुछ अवैध नहीं है, क्या एक वॉट्सएप ग्रुप का सदस्य होना अवैध है जब तक आप गैरकानूनी काम नहीं करते? उमर के वकील ने एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि आपराधिक षड्यंत्र आमतौर पर गोपनीयता से रचा जाता है और प्रत्यक्ष प्रमाण पाना मुश्किल होता है.
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