नई दिल्ली. दिल्ली में अब डेंगू (Dengue) और मलेरिया (Malaria) के मरीजों का आंकड़ा इस कद्र तेजी के साथ बढ़ने लगा है कि अब अस्पतालों में बेड्स की कमी नजर आने लगी है. प्राईवेट अस्पतालों में काफी पहले से ही बेड्स की करीब-करीब फुल हो गए हैं. हालांकि दिल्ली सरकार का दावा है कि अस्पतालों में बेड्स की पर्याप्त संख्या है. बेड्स की स्थिति पर लगातार नजर बनी हुई है. इस बीच देखा जाए तो मामलों के लगातार बढ़ने से स्थिति के गंभीर होने की वजह से दिल्ली सरकार डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी जलजनित बीमारियों को महामारी एक्ट के तहत बीमारी घोषित कर चुकी है. इसके बाद सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को हर मरीज की जानकारी नोडल एजेंसी को उपलब्ध कराना होगा.
दरअसल, दिल्ली में मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में इजाफा दर्ज किया जा रहा है. इनकी संख्या अब बढ़कर मलेरिया के 160 और चिकनगुनिया के 73 से 81 हो गई है. इस सप्ताह चिकनगुनिया के 8 नए मामले सामने आए हैं. डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के तेजी से बढ़ते मामलों से हालात अब चिंताजनक बनते जा रहे हैं. बीते सप्ताह में 531 नए मामले तीनों नगर निगमों के अलावा नई दिल्ली नगरपालिका परिषद्, दिल्ली छावनी बोर्ड और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अंतर्गत आने वाले एरिया में रिकॉर्ड किए गए हैं.
केंद्र सरकार के इन तीन अस्पतालों में अन्य राज्यों से आ रहे बड़ी संख्या में मरीज
जानकारी के मुताबिक दिल्ली सरकार के अलावा केंद्र सरकार के कई बड़े अस्पतालों एम्स, सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया अस्पतालों में मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ रही है. लेकिन यहां भी बेड्स की समस्या बनी हुई है. इन सभी अस्पतालों में दिल्ली के अलावा देश के अलग-अलग राज्यों से मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच रहे हैं. इसके चलते जहां उनके लिए बेड्स की समस्या सामने आ रही है. वहीं, उनकी जान बचाना भी बड़ा मुश्किल हो जा रहा है. इन हरियाणा, यूपी, राजस्थान, पंजाब, बिहार और दूसरे कई राज्यों से बड़ी संख्या में मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच रहे हैं. कुल मामलों में 60 फीसदी मामले अन्य राज्यों से रिपोर्ट किए जा रहे हैं.
अस्पतालों का मानना-बेड्स बढ़ाना समाधान नहीं, स्टाफ की उपलब्धता होना भी जरूरी
इन राज्यों से लगातार आ रहे गंभीर स्थिति वाले मरीजों को बेड्स की उपलब्धा पर डॉक्टर्स का भी कहना है कि सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों की कमी लंबे समय से बनी हुई है. लेकिन इन दिनों मरीजों की संख्या इस कदर बढ़ रही है कि बिस्तर बढ़ाने से भी कोई बड़ा बदलाव होना संभव नहीं है. हालांकि बिस्तर बढ़ाने के साथ-साथ अस्पताल में स्टाफ आदि पर भी ध्यान देना जरूरी है. बिस्तर बढ़ाकर मरीज को भर्ती करना ही विकल्प नहीं है बल्कि उन्हें उपचार देना भी जरूरी है. एक डॉक्टर 100 या 200 मरीजों का इलाज एक साथ नहीं कर सकता.
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सरकार का दावा-11,000 से ज्यादा बेड्स मरीजों के लिए पहले से उपलब्ध
उधर, बेड्स की कमी को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार अपने अधीनस्थ अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए रिजर्व सभी बेड्स में से एक तिहाई पर डेंगू मरीजों का इलाज करने का आदेश जारी कर चुकी है. हालांकि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 11,000 से ज्यादा बेड्स की उपलब्धता मरीजों के लिए बताई जा रही है. लेकिन जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उससे स्थिति कुछ और नजर आ रही है. हालांकि सरकार का दावा अब भी यही है कि सरकारी अस्पतालों में बेड्स की कमी नहीं है.
दिल्ली सरकार व एमसीडी के इन अस्पतालों पर मरीजों का बड़ा दवाब
इसके अलावा पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्वामी दयानंद अस्पताल में भी डेंगू मरीजों के लिए अतिरिक्त बेड्स की व्यवस्था की गई है. नॉर्थ एमसीडी के हिंदू राव अस्पताल में भी मरीजों का बड़ी संख्या में इलाज किया जा रहा है. दिल्ली सरकार के यमुनापार के सबसे बड़ अस्पताल जीटीबी में मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते बेड्स की मारामारी बन गई है. एलएनजेपी अस्पताल में भी दिल्ली के अलावा आसपास के राज्यों से बड़ी संख्या में मरीजों के आने से समस्या विकराल होती जा रही है.
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कोरोना और टीबी की तरह डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया के हर मरीज की जानकारी नोडल सिविक एजेंसी को उपलब्ध कराना अनिवार्य कर हो गया है. इस नियम का पालन में लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कुछ साल पहले डेंगू, मलेरिया व मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए इन बीमारियों को अधिसूचित बीमारियों की श्रेणी में शामिल करने का निर्देश दिया था. अब इसको दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य महानिदेशालय अधिसूचित कर चुका है.
बताते चलें कि डेंगू और मलेरिया के तेजी से बढ़ते मामलों के साथ ही मौतों के आंकड़ों में तेजी से इजाफा हो रहा है. सोमवार को सिविक एजेंसियों की ओर से जारी रिपोर्ट की माने तो डेंगू से अब तक राजधानी दिल्ली में छह मरीजों की मौत होने की पुष्टि की गई है. इनमें से 5 अकेली मौत तो पिछले सप्ताह में रिपोर्ट की गई हैं. डेंगू के नए मामलों की संख्या भी पिछले एक सप्ताह के भीतर 531 रिकॉर्ड की गई है. जिसके बाद अब राजधानी में कुल मामलों की संख्या 1,537 को पार गई है.
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