Corona को मात देकर 20 जवान लौटेंगे घर, ITBP के DG रेफरल अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को कहेंगे शुक्रिया

ग्रेटर नोएडा का रेफरल अस्पताल.
ग्रेटर नोएडा में बना विशेष कोविड-19 अस्पताल पिछले 10 दिनों से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए लाइफलाइन बना हुआ है. कोरोना वायरस खतरे के मद्देनजर इलाज के जो प्रोटोकॉल होते हैं, उस हिसाब से इस अस्पताल को तैयार किया गया है.
- News18Hindi
- Last Updated: May 15, 2020, 3:59 PM IST
नोएडा. शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के रेफरल हॉस्पिटल (Referral Hospital) से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (Central Armed Police Forces) के 20 जवानों को छुट्टी दी जाएगी. ये जवान कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित थे. अब इलाज के बाद ये सभी बिल्कुल स्वस्थ हैं. इस मौके पर आज शाम 5 बजे आईटीबीपी के डायरेक्टर जनरल (DG ITBP) एसएस देसवाल (SS Deswal) इस अस्पताल की मेडिकल टीम और डॉक्टरों, जो वाकई कोरोना वॉरियर हैं, से मिलकर उनका शुक्रिया अदा करेंगे.
आधुनिक तकनीक से लैस है ग्रेनो का यह अस्पताल
देश के कोने-कोने में स्थानीय पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान भी तैनात हैं, जो कोरोना वायरस के बीच अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. इस वायरस से संक्रमित केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों के इलाज के लिए देश का पहला अस्पताल बनाया गया है. वहां पर खास तौर पर इन्हीं जवानों का इलाज हो रहा है. इस खास कोविड अस्पताल में सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और सीआईएसएफ के जवान भर्ती हैं और अपना इलाज करवा रहे हैं. ग्रेटर नोएडा में बना विशेष कोविड-19 अस्पताल पिछले 10 दिनों से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए लाइफलाइन बना हुआ है. कोरोना वायरस खतरे के मद्देनजर इलाज के जो प्रोटोकॉल होते हैं, उस हिसाब से इस अस्पताल को तैयार किया गया है. इसमें आधुनिक मशीनें, ऑटोमेटिक मेडिसिन डिलीवरी सिस्टम, कांटेक्ट लेस स्टाफ इंटरेक्शन और रोबोटिक रैक का प्रयोग किया जा रहा है.
यहां के स्टाफ को कोरोना प्रोटोकॉल के बारे में पता हैआईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडेय के मुताबिक अस्पताल में तैनात स्टाफ कोरोना वायरस प्रोटोकॉल के बारे में पूरी ब्रीफिंग दी गई है. इसके साथ ही आईटीबीपी के छावला कैंप में जो क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था, उसके अनुभव से इस अस्पताल को और बेहतर बनाने की कोशिश की गई है. इस हॉस्पिटल को आईटीबीपी ने कोविड हॉस्पिटल में परिवर्तित कर दिया है. 200 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में आईटीबीपी, बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, और एनएसजी के जवानों और कुछ परिवार के सदस्यों का इलाज चल रहा है. वर्त्तमान में यहां 168 संक्रमित भर्ती हैं.
सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की तर्ज पर सेवाएं उपलब्ध
इस हॉस्पिटल में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की तर्ज पर सेवाएं उपलब्ध हैं. इसमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के ही विशेषज्ञ चिकित्सक सेवाएं देते हैं और यहां आधुनिक चिकित्सकीय उपकरण उपलब्ध हैं. सीएपीएफ में यह देश का पहला हॉस्पिटल है जहां कोविड 19 संक्रमितों का इलाज चल रहा है. फिलहाल इस अस्पताल में दिल्ली और आसपास के इलाकों में तैनात जवान आ रहे हैं. आने वाले दिनों में इसकी सुविधाएं और आधुनिक करने की योजना है ताकि देशभर के मरीज यहां आ सकें और उनका इलाज हो सके. इसके अलावा इस योजना पर भी विचार चल रहा है कि देश के अन्य हिस्सों में इस तरीके के अस्पताल बनाया जाए ताकि अर्धसैनिक बलों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधा मिले और स्थानीय जनता की भी काम यह अस्पताल आ सकें.
आधुनिक तकनीक से लैस है ग्रेनो का यह अस्पताल
देश के कोने-कोने में स्थानीय पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान भी तैनात हैं, जो कोरोना वायरस के बीच अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. इस वायरस से संक्रमित केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों के इलाज के लिए देश का पहला अस्पताल बनाया गया है. वहां पर खास तौर पर इन्हीं जवानों का इलाज हो रहा है. इस खास कोविड अस्पताल में सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और सीआईएसएफ के जवान भर्ती हैं और अपना इलाज करवा रहे हैं. ग्रेटर नोएडा में बना विशेष कोविड-19 अस्पताल पिछले 10 दिनों से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए लाइफलाइन बना हुआ है. कोरोना वायरस खतरे के मद्देनजर इलाज के जो प्रोटोकॉल होते हैं, उस हिसाब से इस अस्पताल को तैयार किया गया है. इसमें आधुनिक मशीनें, ऑटोमेटिक मेडिसिन डिलीवरी सिस्टम, कांटेक्ट लेस स्टाफ इंटरेक्शन और रोबोटिक रैक का प्रयोग किया जा रहा है.
यहां के स्टाफ को कोरोना प्रोटोकॉल के बारे में पता हैआईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडेय के मुताबिक अस्पताल में तैनात स्टाफ कोरोना वायरस प्रोटोकॉल के बारे में पूरी ब्रीफिंग दी गई है. इसके साथ ही आईटीबीपी के छावला कैंप में जो क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था, उसके अनुभव से इस अस्पताल को और बेहतर बनाने की कोशिश की गई है. इस हॉस्पिटल को आईटीबीपी ने कोविड हॉस्पिटल में परिवर्तित कर दिया है. 200 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में आईटीबीपी, बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, और एनएसजी के जवानों और कुछ परिवार के सदस्यों का इलाज चल रहा है. वर्त्तमान में यहां 168 संक्रमित भर्ती हैं.
सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की तर्ज पर सेवाएं उपलब्ध
इस हॉस्पिटल में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की तर्ज पर सेवाएं उपलब्ध हैं. इसमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के ही विशेषज्ञ चिकित्सक सेवाएं देते हैं और यहां आधुनिक चिकित्सकीय उपकरण उपलब्ध हैं. सीएपीएफ में यह देश का पहला हॉस्पिटल है जहां कोविड 19 संक्रमितों का इलाज चल रहा है. फिलहाल इस अस्पताल में दिल्ली और आसपास के इलाकों में तैनात जवान आ रहे हैं. आने वाले दिनों में इसकी सुविधाएं और आधुनिक करने की योजना है ताकि देशभर के मरीज यहां आ सकें और उनका इलाज हो सके. इसके अलावा इस योजना पर भी विचार चल रहा है कि देश के अन्य हिस्सों में इस तरीके के अस्पताल बनाया जाए ताकि अर्धसैनिक बलों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधा मिले और स्थानीय जनता की भी काम यह अस्पताल आ सकें.