दिल्ली में खुला देश का सबसे हाइटेक किडनी डायलिसिस अस्पताल, इलाज-खाना सब मिलेगा फ्री

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की ओर से खोले गए गुरु हरिकिशन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च किडनी डायलिसिस अस्पताल में मरीजों को पूरी तरह मुफ्त इलाज मिलेगा.
किडनी डायलिसिस अस्पताल को लेकर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी प्रमुख मनजिंदर सिंरसा ने बताया कि यह अपने आप में पहला ऐसा अस्पताल है जहां कोई कैश काउंटर नहीं होगा. सिर्फ बीमार रोगियों के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर होगा. मरीज से एक पैसा नहीं लिया जाएगा.
- News18Hindi
- Last Updated: March 7, 2021, 3:21 PM IST
नई दिल्ली. पिछले 15 सालों में देश में एकाएक किडनी फेल होने की समस्याएं दोगुनी गति से बढ़ गई हैं. इतना ही नहीं किडनी डायलिसिस (Kidney Dialysis) के लिए ज्यादा अस्पताल न होने या प्राइवेट अस्पतालों में बहुत ज्यादा पैसा लगने के कारण किडनी मरीजों (Kidney Patients) को इस रोग के अलावा भी खासी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं. हालांकि अब दिल्ली में देश का पहला हाईटेक सुविधाओं से लैस किडनी डायलिसिस अस्पताल (Kidney Dialysis Hospital) खोला गया है जिसमें इलाज पूरी तरह फ्री होगा.
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (Delhi Sikh Gurudwara Management Committee) की ओर से दिल्ली के बाला साहिब गुरुद्वारे (Bala Sahib Gurudwara) के एक हिस्से में खोले गए गुरु हरिकिशन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च किडनी डायलिसिस अस्पताल का आज सात मार्च को उद्घाटन हुआ है. डीएसजीएमसी (DSGMC) के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) ने न्यूज़ 18 हिंदी को बताया कि यह अपने आप में पहला ऐसा अस्पताल है जहां कोई कैश काउंटर नहीं होगा. सिर्फ बीमार रोगियों के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर होगा. मरीज से एक पैसा नहीं लिया जाएगा.
सिरसा ने बताया कि इस अस्पताल में 50 बेड और 50 हवाई जहाज के बिजनेस क्लास में मिलने वाली इलेक्ट्रिक चेयर हैं. ऐसा इसलिए किया गया है कि डायलिसिस के दौरान अगर कोई मरीज बेड पर बोरियत या परेशानी महसूस करता है तो वह चेयर पर भी बैठ सकता है. यहां लगाई गई मशीनें और सभी उपकरण जर्मनी से मंगाए गए हैं. सभी मशीनें आधुनिक होने के साथ ही लेटेस्ट टैक्नोलॉजी (Latest Technology) से लैस हैं.

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (Delhi Sikh Gurudwara Management Committee) की ओर से दिल्ली के बाला साहिब गुरुद्वारे (Bala Sahib Gurudwara) के एक हिस्से में खोले गए गुरु हरिकिशन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च किडनी डायलिसिस अस्पताल का आज सात मार्च को उद्घाटन हुआ है. डीएसजीएमसी (DSGMC) के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) ने न्यूज़ 18 हिंदी को बताया कि यह अपने आप में पहला ऐसा अस्पताल है जहां कोई कैश काउंटर नहीं होगा. सिर्फ बीमार रोगियों के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर होगा. मरीज से एक पैसा नहीं लिया जाएगा.
सिरसा ने बताया कि इस अस्पताल में 50 बेड और 50 हवाई जहाज के बिजनेस क्लास में मिलने वाली इलेक्ट्रिक चेयर हैं. ऐसा इसलिए किया गया है कि डायलिसिस के दौरान अगर कोई मरीज बेड पर बोरियत या परेशानी महसूस करता है तो वह चेयर पर भी बैठ सकता है. यहां लगाई गई मशीनें और सभी उपकरण जर्मनी से मंगाए गए हैं. सभी मशीनें आधुनिक होने के साथ ही लेटेस्ट टैक्नोलॉजी (Latest Technology) से लैस हैं.

यह 100 बेड का किडनी डायलिसिस अस्पताल है जहां रोजाना 500 मरीज तक डायलिसिस करा सकते हैं.
एक दिन में होगा 500 मरीजों का डायलिसिस
सिरसा आगे बताते हैं कि इस अस्पताल में देश के किसी भी कोने से मरीज आकर डायलिसिस करा सकेगा. एक दिन में करीब 500 मरीजों के किडनी डायलिसिस (Kidney Dialysis) की सुविधा होगी. एक मरीज का डायलिसिस करीब 3-4 घंटे चलता है ऐसे में 100 बेड पर बारी बारी से लोग इलाज करा सकेंगे. इसके लिए कोई पहचान पत्र भी नहीं लाना होगा, सिर्फ इलाज के कागज िदिखाने होंगे. इस अस्पताल के लिए देश के जाने-माने डॉक्टरों को भी भर्ती किया गया है. इनमें कुछ दक्षिण भारत के नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist) भी हैं.