ईडी ने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए याचिका दायर की और तत्काल सुनवाई की अनुमति मांगी. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. धन शोधन मामले में गिरफ्तार किये गए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से पूछताछ के दौरान वकील की मौजूदगी की अनुमति देने वाले निचली अदालत के फैसले के विरूद्ध प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन संघी और न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने ईडी के वकील द्वारा याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के अनुरोध को स्वीकार किया और मामले की सुनवाई के लिए शुक्रवार का दिन नियत किया.
आम आदमी पार्टी के नेता को 30 मई को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था और निचली अदालत ने 31 मई को उन्हें नौ जून तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया. जैन को ईडी की हिरासत में भेजते हुए निचली अदालत ने उनकी अर्जी को अनुमति दी थी जिसमें कहा गया था कि आरोपी से पूछताछ के दौरान उनसे सुरक्षित दूरी पर एक वकील को मौजूद रहने की अनुमति दी जाए, जहां से वह आरोपी को देख सके, लेकिन सुन न सके. ईडी की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने निचली अदालत में इसका पुरजोर विरोध किया था. ईडी ने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए याचिका दायर की और तत्काल सुनवाई की अनुमति मांगी.
अधिसूचना संबंधी आदेश जारी कर दिए गए हैं
वहीं, कुछ देर पहले खबर सामने आई थी कि दिल्ली सरकार ने सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के उनके विभागों की जिम्मेदारी डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सौंप दी है. सत्येंद्र जैन के सभी विभाग स्वास्थ्य, उद्योग, ऊर्जा, गृह, शहरी विकास, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण और जल आदि विभागों की जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया को सौंपी गई है. अब सत्येंद्र जैन के पास कोई विभाग नहीं है. वह सरकार में अब बिना विभाग के मंत्री रहेंगे. इस संबंध में सामान्य प्रशासनिक विभाग की ओर से अधिसूचना संबंधी आदेश जारी कर दिए गए हैं.
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