2020 तक ताजमहल से भी ऊंचा हो जाएगा दिल्ली का ये कूड़े का ढेर

प्रतीकात्मक तस्वीर
गाजीपुर का यह कूड़ाघर फुटबॉल के 40 मैदानों से भी बड़ा है. हर साल इसकी ऊंचाई लगभग 10 मीटर बढ़ रही है.
- News18.com
- Last Updated: June 4, 2019, 9:00 PM IST
दिल्ली का सबसे बड़ा कचरे का ढेर तेजी से बढ़ता जा रहा है. उसकी ऊंचाई इस कदर बढ़ रही है कि अगले साल तक यह (गाजीपुर स्थित लैंडफिल) ताजमहल से भी ऊंचा हो जाएगा. संयुक्त राष्ट्र ने दिल्ली को दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बताया है. जबकि गाजीपुर लैंडफिल अब उसका प्रतीक होगा.
शहर के पूर्वी इलाके गाजीपुर के इस कचरा के क्षेत्र में पक्षी, बाज, कुत्ते और चूहे जैसे जानवर अपना पेट भरने के लिए मंडराते रहते हैं. गाजीपुर का यह कूड़ाघर फुटबॉल के 40 मैदानों से भी बड़ा है. हर साल इसकी ऊंचाई लगभग 10 मीटर बढ़ रही है. गाजीपुर लैंडफिल की र्दुगंध आस-पास कई किलोमीटर तक फैलती है. यहां के कुछ इलाकों में तो लोगों का रहना भी दुश्वार हो गया है.
पूर्वी दिल्ली के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर अरुण कुमार के अनुसार, इस समय गाजीपुर लैंडफिल की ऊंचाई 65 मीटर (213 फीट) है. अगर इसकी बढ़ने की रफ्तार को देखें तो 2020 तक यह ताजमहल की 73 मीटर ऊंचाई को भी क्रास कर जाएगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी चेताया था कि अगर यही हालात रहे तो अगले कुछ सालों में यहां हवाई जहाजों के बचाव के लिए रेड अलर्ट लाइट्स लगानी पड़ेगी.
एक्शन में मोदी सरकार, जानिए कैसे शपथ लेने से पहले ही 100 दिन का एजेंडा तैयार थाक्षमता पूरी होने के बाजवूद यहां पिछले लगभग 17 सालों से रोजाना सैकड़ों ट्रक कूड़ा डाला जा रहा है. गाजीपुर लैंडफिल को 1984 में शुरू किया गया था और 2002 तक इसकी क्षमता पूरी हो गई थी. फिर भी इसे बंद नहीं किया गया. यहां पर रोजाना सैकड़ों ट्रक कूड़े की गाड़ी पहुंचती है.
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नाम न बताने की शर्त पर दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा कि यहां पर रोजाना लगभग 2 हजार टन कूड़ा डाला जाता है. पिछले साल बारिश के मौसम में यहां का एक हिस्सा ढह गया था और उसकी चपेट में आकर दो लोगों की जान भी चली गई थी. हालांकि इसके बाद कुछ समय तक यहां कूड़ा डालना बंद कर दिया गया था. लेकिन कोई दूसरा विकल्प न होने के कारण यहां पर दोबारा कूड़े की डंपिंग शुरू कर दी गई.
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शहर के पूर्वी इलाके गाजीपुर के इस कचरा के क्षेत्र में पक्षी, बाज, कुत्ते और चूहे जैसे जानवर अपना पेट भरने के लिए मंडराते रहते हैं. गाजीपुर का यह कूड़ाघर फुटबॉल के 40 मैदानों से भी बड़ा है. हर साल इसकी ऊंचाई लगभग 10 मीटर बढ़ रही है. गाजीपुर लैंडफिल की र्दुगंध आस-पास कई किलोमीटर तक फैलती है. यहां के कुछ इलाकों में तो लोगों का रहना भी दुश्वार हो गया है.
पूर्वी दिल्ली के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर अरुण कुमार के अनुसार, इस समय गाजीपुर लैंडफिल की ऊंचाई 65 मीटर (213 फीट) है. अगर इसकी बढ़ने की रफ्तार को देखें तो 2020 तक यह ताजमहल की 73 मीटर ऊंचाई को भी क्रास कर जाएगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी चेताया था कि अगर यही हालात रहे तो अगले कुछ सालों में यहां हवाई जहाजों के बचाव के लिए रेड अलर्ट लाइट्स लगानी पड़ेगी.
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नाम न बताने की शर्त पर दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा कि यहां पर रोजाना लगभग 2 हजार टन कूड़ा डाला जाता है. पिछले साल बारिश के मौसम में यहां का एक हिस्सा ढह गया था और उसकी चपेट में आकर दो लोगों की जान भी चली गई थी. हालांकि इसके बाद कुछ समय तक यहां कूड़ा डालना बंद कर दिया गया था. लेकिन कोई दूसरा विकल्प न होने के कारण यहां पर दोबारा कूड़े की डंपिंग शुरू कर दी गई.
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