UP-हरियाणा और पंजाब के किसानों को दिल्ली पुलिस की चेतावनी, बिना अनुमति के अंदर घुसे तो होगी सख्त कार्रवाई

हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब के किसान दिल्ली में प्रदर्शन के लिए आ रहे हैं.
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब के किसानों (Farmers) ने दिल्ली में प्रदर्शन का ऐलान किया है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि अगर बिना अनुमति के प्रवेश किया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
- News18Hindi
- Last Updated: November 24, 2020, 10:52 PM IST
नई दिल्ली. हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब के किसानों (Farmers) ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली (Delhi) में आंदोलन के लिए कमर कस ली है. इन तीनों राज्यों के किसान 'दिल्ली चलो' मार्च के तहत राष्ट्रीय राजधानी को जोड़ने वाले पांच राजमार्गों से होते हुए 26 और 27 नवंबर को दिल्ली पहुंचेंगे. इस बाबत दिल्ली पुलिस के डीसीपी ईश सिंघल (DCP Eish Singhal) ने कहा कि वह अगर बिना अनुमति के शहर में प्रवेश करते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
डीसीपी ने एएनआई से कहा,' यूपी, हरियाणा और पंजाब के किसान संगठन 26 और 27 नवंबर को दिल्ली में मार्च करेंगे. कोरोनोवायरस के दौरान किसी भी सभा की अनुमति नहीं है. स्थिति बेहतर होने पर आप उचित अनुमति लेकर दिल्ली आ सकते हैं. यदि प्रदर्शनकारी बिना अनुमति आते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वैसे 'दिल्ली चलो' मार्च को लेकर पिछले हफ्ते ही किसानों की एक बैठक हुई है. कहा जा रहा है कि इस आंदोलन में 500 से ज्यादा किसान संगठन हिस्सा लेंगे.
दिल्ली सरकार ने नहीं दी है इजाजत
दिल्ली सरकार ने रामलीला मैदान और जंतर मंतर पर किसानों को रैली करने की परमिशन नहीं दी है. लेकिन किसान दिल्ली मार्च करने के लिए अड़े हैं. कहा जा रहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र को पत्र लिखकर कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कुछ दिनों के लिए बाजार बंद करने की अनुमति मांगी है. लेकिन किसान फिर भी मानने को तैयार नहीं है. उनका कहना है कि ये उनके लिए अस्तित्व की बात है.
500 से अधिक किसान संगठनों का समर्थन
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान संघ के अलग-अलग धड़ों ने तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से साथ मिलकर संयुक्त किसान मोर्चा बनाया है. इस मोर्चे को 500 से अधिक किसान संगठनों का समर्थन हासिल है. मोर्चे के कामकाज में समन्वय बनाए रखने के लिए सात सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया है.
डीसीपी ने एएनआई से कहा,' यूपी, हरियाणा और पंजाब के किसान संगठन 26 और 27 नवंबर को दिल्ली में मार्च करेंगे. कोरोनोवायरस के दौरान किसी भी सभा की अनुमति नहीं है. स्थिति बेहतर होने पर आप उचित अनुमति लेकर दिल्ली आ सकते हैं. यदि प्रदर्शनकारी बिना अनुमति आते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वैसे 'दिल्ली चलो' मार्च को लेकर पिछले हफ्ते ही किसानों की एक बैठक हुई है. कहा जा रहा है कि इस आंदोलन में 500 से ज्यादा किसान संगठन हिस्सा लेंगे.
Farmer organisations from UP, Haryana & Punjab will march to Delhi on Nov 26 & 27. No gathering is permitted amid coronavirus. You can come here with due permission when situation is better. If protestors still come here, legal actions will be taken: Eish Singhal, DCP. #Delhi pic.twitter.com/06oAED6357
— ANI (@ANI) November 24, 2020
दिल्ली सरकार ने नहीं दी है इजाजत
दिल्ली सरकार ने रामलीला मैदान और जंतर मंतर पर किसानों को रैली करने की परमिशन नहीं दी है. लेकिन किसान दिल्ली मार्च करने के लिए अड़े हैं. कहा जा रहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र को पत्र लिखकर कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कुछ दिनों के लिए बाजार बंद करने की अनुमति मांगी है. लेकिन किसान फिर भी मानने को तैयार नहीं है. उनका कहना है कि ये उनके लिए अस्तित्व की बात है.
500 से अधिक किसान संगठनों का समर्थन
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान संघ के अलग-अलग धड़ों ने तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से साथ मिलकर संयुक्त किसान मोर्चा बनाया है. इस मोर्चे को 500 से अधिक किसान संगठनों का समर्थन हासिल है. मोर्चे के कामकाज में समन्वय बनाए रखने के लिए सात सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया है.