नई दिल्ली. केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों को लेकर शुरू हुआ किसान आंदोलन (kisan Andolan) अब खत्म हो गया है. किसान आंदोलन खत्म होने के बाद दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जाने वाले हजारों वाहन चालकों को भी राहत मिली है. खासकर दिल्ली के सिंघु बॉर्डर (Singhu Border), गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) और टिकरी बॉर्डर से गुजरने वाले लाखों निजी और व्यावसायिक वाहनों को बड़ी राहत मिली है. बॉर्डर के रास्ते बंद होने के कारण लोगों को रोज जाम से जूझते हुए दूसरे रास्तों से घूमकर दिल्ली आना-जाना पड़ता था. इसमें लोगों का काफी समय, ईंधन और पैसा भी बर्बाद हो रहा था. इससे दिल्ली-एनसीआर में रोजमर्रा के सामानों के दाम भी बढ़ गए थे. लेकिन, अब रास्ते खुल जाने के बाद दिल्ली-एनसीआर में जरूरत के सामान पहुंचाने वालों को न तो ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे और न ही उनको अब ज्यादा समय लगेगा. ऐसे में उममीद जताई जा रही है कि अगले कुछ दिनो में दिल्ली-एनसीआर में दूध और सब्जियों के दाम घट जाएंगे.
रोजाना दूध और सब्जी बेचने के लिए अब जो लोग दिल्ली आएंगे, उनको न तो लंबी लाइन लगानी पड़ेगी और न ही जाम का भी सामना करना पड़ेगा. इससे राजधानी में रहने वाले लोगों को काफी फायदा होगा. बता दें कि पिछले कई महीनों से किसान आंदोलन में शामिल पंजाब, हरियाणा और यूपी समेत अन्य प्रदेशों के लोग अपने-अपने घरों के लिए रवाना हो रहे हैं. हालांकि, दिल्ली के तीनों बॉर्डर पर हाईवे को पूरी तरह से साफ होने में अभी 4 से 5 दिन का समय लग सकता है, क्योंकि किसानों के टेंट और झोपड़ियां बनी हुई हैं. इनमें बहुत सी पक्की झोपड़ियां भी शामिल हैं.
दिल्ली-एनसीआर को ये होंगे फायदे
बता दें कि गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, बहादुरगढ़, कुंडली, पलवल, सोनीपत की तरफ से दिल्ली आने-जाने वाले लोगों को अगले कुछ दिनों के बाद बड़ी राहत मिल जाएगी. अभी गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली से गाजियाबाद की तरफ जाने का रास्ता तो खुला है, लेकिन गाजियाबाद से दिल्ली की तरफ आने का रास्ता बंद है. ऐसे में लाखों लोगों को रोज इंदिरापुरम और वैशाली से घूमते हुए आनंद विहार से गाजीपुर होते हुए दिल्ली आना पड़ता है, जिसमें काफी समय लगता है और लोगों को काफी जाम का भी सामना करना पड़ता था. अब गाजीपुर बॉर्डर के खुल जाने से लोग पहले की तरह एक्सप्रेसवे के रास्ते दिल्ली आ सकेंगे. हालांकि, ट्रैफिक की आवाजाही के लिए इस रूट को पूरी तरह क्लियर होने में थोड़ा वक्त लग सकता है.
क्यों बढ़ गए थे सब्जियों और दूध के दाम?
बता दें कि तीन नए कृषि कानूनों की वापसी सहित कुछ अन्य मांगों को लेकर पिछले साल 26 नवंबर को सिंघु, गाजीपुर और टीकर बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन शुरू हुआ था. एक साल 14 दिन बाद ये आंदोलन अब खत्म हो गया है. इस आंदोलन में किसानों ने एक तरह से बॉर्डर ही अपने घर बसा लिए थे. वहीं, तमाम सुविधाओं से लैस झोपड़ी और टेंटों में रहकर किसानों ने लंबा संघर्ष किया और अब कृषि कानूनों की वापसी होने के साथ ही किसानों की अन्य मांगों पर संयुक्त किसान मोर्चा और सरकार के बीच सहमति बन चुकी है.
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शुक्रवार से ही एनएच-9 पर गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाली दोनों लाइन शुरू गई हैं. किसानों ने गाजीपुर बोर्डर को लगभग खाली कर दिया है. इसके बावजूद यूपी गेट खुलने के लिए अभी कुछ दिनों का इंतजार हो सकता है. अगले चार-पांच दिनों में यूपी बोर्डर पर पहले की तरह ही गाड़ियां आ-जा सकेंगी. अब दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लाखों लोगों को ट्रैफिक जाम, समय की बचत तो होगी ही साथ ही महंगाई की मार से भी छुटकारा मिल सकता है.
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