लालकिले पर ट्रैक्टर मार्च और तिरंगा न फहराने की खबरें झूठी, किसान मोर्चा ने कहा- संघर्ष को बदनाम कर रहे लोग

नाथवान ने कहा कि यह लड़ाई केंद्र की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ है, न कि दिल्ली के खिलाफ.
मीडिया के साथ बातचीत के दौरान किसान संघर्ष समिति, हरियाणा के समन्वयक मंदीप नाथवान (Mandeep Nathwan) ने कहा कि सरकार के इशारे पर कुछ लोग किसानों के संघर्ष को अलग रूप देने की कोशिश कर रहे हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: January 18, 2021, 5:12 PM IST
नई दिल्ली. आगामी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर लालकिले (Red Fort) पर तिरंगा झंडा (Tricolor Flag) फहराने और राजपथ पर टैंकों के साथ ट्रैक्टर मार्च करने की खबरों को किसान संघर्ष समिति ने खारिज कर दिया है. समिति की ओर से इसके समन्वयक मंदीप नाथवान (Mandeep Nathwan) ने आज कहा कि कुछ लोग कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन को हिंसक बनाने के लिए इस तरह की खबरों को हवा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे बयान किसानों के संघर्ष को कमजोर करते हैं. नाथवान ने कहा कि यह लड़ाई केंद्र की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ है, न कि दिल्ली के खिलाफ.
रविवार को मीडिया के साथ बातचीत के दौरान किसान संघर्ष समिति, हरियाणा के समन्वयक मंदीप नाथवान ने कहा कि सरकार के इशारे पर कुछ लोग किसानों के संघर्ष को अलग रूप देने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे लोग इस शांतिपूर्ण आंदोलन को हिंसक बनाना चाहते हैं, लेकिन किसान ऐसा होने नहीं देंगे. नाथवान ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान सिर्फ उन्हीं रणनीतियों पर आंदोलन कर रहे हैं जो संयुक्त किसान मोर्चा बनाता है. यह आंदोलन सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ शुरू हुआ है, न कि दिल्ली के विरोध में हो रहा है. उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन जारी रख हुए हैं.
किसानों और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पाई है
किसान संघर्ष समिति के समन्वयक ने कहा कि लालकिले पर तिरंगा झंडा फहराने या टैंकों के साथ ट्रैक्टर मार्च की खबरें, इस आंदोलन को कमजोर करती हैं. ऐसा कोई भी बयान किसानों के हित में नहीं है. मंदीप नाथवान ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने इस तरह के किसी कार्यक्रम या आयोजन को मंजूरी नहीं दी है. ऐसी खबरें हमारे आंदोलन को कमजोर करने के मकसद से फैलाई जा रही हैं. आपको बता दें कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों के किसान केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. अपनी मांगों के समर्थन में ये किसान पिछले डेढ़ महीने से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर जमे हुए हैं. केंद्र सरकार के साथ कई दौर की वार्ताओं के बाद भी अभी तक किसानों और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पाई है.
रविवार को मीडिया के साथ बातचीत के दौरान किसान संघर्ष समिति, हरियाणा के समन्वयक मंदीप नाथवान ने कहा कि सरकार के इशारे पर कुछ लोग किसानों के संघर्ष को अलग रूप देने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे लोग इस शांतिपूर्ण आंदोलन को हिंसक बनाना चाहते हैं, लेकिन किसान ऐसा होने नहीं देंगे. नाथवान ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान सिर्फ उन्हीं रणनीतियों पर आंदोलन कर रहे हैं जो संयुक्त किसान मोर्चा बनाता है. यह आंदोलन सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ शुरू हुआ है, न कि दिल्ली के विरोध में हो रहा है. उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन जारी रख हुए हैं.
It's being said that farmers would unfurl tricolour at Red Fort & tractors and tanks would roll together (on January 26). No such programme has been finalised by the Morcha. Such statements are not in interests of farmers: Mandip Nathwan, Convener, Kisan Sangharsh Samiti, Haryana https://t.co/LsalCdstuE
— ANI (@ANI) January 17, 2021
किसानों और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पाई है
किसान संघर्ष समिति के समन्वयक ने कहा कि लालकिले पर तिरंगा झंडा फहराने या टैंकों के साथ ट्रैक्टर मार्च की खबरें, इस आंदोलन को कमजोर करती हैं. ऐसा कोई भी बयान किसानों के हित में नहीं है. मंदीप नाथवान ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने इस तरह के किसी कार्यक्रम या आयोजन को मंजूरी नहीं दी है. ऐसी खबरें हमारे आंदोलन को कमजोर करने के मकसद से फैलाई जा रही हैं. आपको बता दें कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों के किसान केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. अपनी मांगों के समर्थन में ये किसान पिछले डेढ़ महीने से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर जमे हुए हैं. केंद्र सरकार के साथ कई दौर की वार्ताओं के बाद भी अभी तक किसानों और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पाई है.