नई दिल्ली. दिल्ली एनसीआर के गुरुग्राम में फर्जी कॉल सेंटर संचालित करने के आरोप में पांच महिलाओं समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने शनिवार को इसकी जानकारी दी और बताया कि पुलिस ने कॉल सेंटर के मालिकों के पास से 13.40 लाख रुपये बरामद किए. पुलिस के मुताबिक साइबर क्राइम पुलिस टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि फर्जी कॉल सेंटर डीएलएफ फेज-2 स्थित किराए के मकान से हो रहा था कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा.
डीएलएफ और साइबर क्राइम के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) संजीव बल्हारा ने बताया, हमने कॉल सेंटर मालिकों और उनके एक साथी को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कॉल सेंटर के मालिक आशु अरोड़ा, प्रतीक कुमार और मृत्युंजय के रूप में हुई है. आरोपियों ने स्वीकार किया कि पिछले एक महीने से कॉल सेंटर चलाया जा रहा था.
तीनों मालिक पहुंचे जेल
बल्हारा ने कहा कि आरोपियों के पास से 13.40 लाख रुपये भी बरामद किए गए हैं और तीनों को जेल भेज दिया गया है. मामले में तीनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों की पहचान चंची किचन, हिका असुमी, एटो वेरो और मुकेश शर्मा के रूप में हुई है.
डरा धमकाकर कैश खातों में जमा करा लेते थे
कॉल सेंटर मालिक फरीदाबाद निवासी डेविड वीआईसीआई डायलर पर विदेशी ग्राहकों की जानकारी अपलोड करता था. इस जानकारी के जरिए कॉल सेंटर वाले विदेशी नागरिकों को कॉल करके खुद को फेडरल पुलिस डिपार्टमेंट का सदस्य बताते थे और उनका नेशनल आईडेंटिटी नंबर सस्पेंड करने का डर दिखाकर विभिन्न कंपनियों के गिफ्ट कार्ड खरीदने के लिए मजबूर करते थे. इसके बाद इनसे गिफ्ट कार्ड का नंबर लेकर एक अन्य व्हाट्सएप ग्रुप पर भेज देते थे, जो आईटी और कार्ड के नाम से बनाए गए थे. गिफ्ट कार्ड को कैश करवाकर राशि अलग-अलग खातों में डलवा लेते थे.
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