पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरुआत की जाएगी.
गाजियाबाद. शहर में कूड़ा उठाने के लिए गाजियाबाद नगर निगम (Ghaziabad Municipal Corporation) इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) का इस्तेमाल करेगा. निगम ने इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी है. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किसी एक वार्ड में इलेक्ट्रिक वाहन इस्तेमाल किया जाएगा, सफल होने के बाद अन्य वार्डों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों खरीद की जाएगी, जिससे कम खर्च में कूड़ा उठाया जा सके.
गाजियाबाद में मौजूदा समय डीजल और सीएनजी वाहनों से कूड़ा उठाया जाता है. डीजल वाहनों में तेल का खेल होने की कई बार शिकायत नगर आयुक्त को मिली है. कई पार्षद भी इस तरह का आरोप लगा चुके हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए कूड़ा उठाने वाले वाहनों पर जीपीए लगा दिया गया है. इस संबंध में नगर आयुक्त महेन्द्र सिंह तंवर ने बताया कि मौजूदा डीजल वाहनों को सीएनजी में बदलने की तैयारी की गई थी लेकिन यह बात सामने आई कि अभी तक कोई सत्यापित तकनीक नहीं है, जिससे इन वाहनों को सीएनजी में बदला जा सके. इसी को ध्यान में रखते हुए कूड़ा उठाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करने की तैयारी की गई है. चूंकि कूड़ा उठाने में इलेक्ट्रिक वाहनों का पहली बार इस्तेमाल होगा, इसलिए इसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया जाएगा. इसके लिए ऐसा वार्ड चुना जाएगा जहां से अधिक मात्रा में कूड़ा निकलता हो और वहां की गलियां घुमावदार हों, जिससे यह पता चल सकेगा कि ये वाहन सफल होंगे या नहीं. इसके बाद ही अन्य वार्डों के लिए वाहन खरीदे जाएंगे.
गाजियाबाद नगर निगम क्षेत्र में कुल 100 वार्ड हैं, जहां से रोजाना कूड़ा उठाया जाता है. औसतन प्रत्येक वार्ड में दो-दो वाहन दिए जाएंगे तो 200 वाहनों की जरूरत होगी. नगर निगम एक साथ वाहन नहीं खरीदेगा. बल्कि जैसे जैसे वाहनों की समय सीमा पूरी होती जाएगी, बदले में नए वाहन खदीदता जाएगा.
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