दो वर्ष के अंदर बन जाएगा आरओबी. सांकेतिक फोटो
गाजियाबाद. मेरठ के लोगों को गाजियाबाद और दिल्ली के ओर जाने का एक और रास्ता मिल जाएगा. उनके पास एक और विकल्प मौजूद रहेगा. मधुबन- बापूधाम कॉलोनी को मेरठ रोड से जोड़ने के लिए आरओबी बनाने का कार्य एक बार फिर से शुरू हो गया है. इस आरओबी को बनाने में 59 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. आरओबी बनाने के लिए कई वर्ष पहले जीडीए और उत्तर रेलवे के बीच समझौता हुआ था.
दोनों ही विभाग को आधा आधा पैसा आरओबी बनाने के लिए देना है. गत दिनों उत्तर रेलवे इस आरओबी के लिए पैसे की किश्त जारी नहीं कर पाया था, जिस कारण आरओबी बनाने का कार्य रुक गया थ. हाल ही में उत्तर रेलवे की ओर से किश्त जारी कर दी गई है. इसके साथ ही आरओबी बनाने का कार्य एक बार फिर से शुरू हो गया है. इस आरओबी को बनाने के लिए जीडीए और उत्तर रेलवे के बीच वर्ष 2017 में सहमती बनी थी.
उस समय इस प्रोजेक्ट को तीन वर्ष के अंदर ही पूरा करने की बात कहीं गई थी, मगर यह प्रोजेक्ट समय से काफी पीछे चल रहा है. इसके कई कारण बताए जा रहे हैं इसके बाद पैसे की किश्त समय पर जारी नहीं होने के कारण भी यह प्रोजेक्ट कई महीने तक रुका रहा है. ऐसे में मधुबन- बापूधाम कॉलोनी के लोगों का आरओबी को लेकर इंतजार बढ़ता जा रहा है. माना जा रहा में है कि आरओबी पूरा होने में अभी और डेढ़ से दो वर्ष का समय लग सकता है. इस आरओबी के बनने के बाद मेरठ से गाजियाबाद और दिल्ली की ओर से आने वाले लोगों को एक और विकल्प मिलेगा.
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