गाजियाबाद रेलवे स्टेशन (Ghaziabad Railway Station) को विकासित करने के लिए डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बनकर तैयार हो गई है. करीब 2.5 करोड़ रुपए से विकसित होने वाले रेलवे स्टेशन को मेट्रो (Metro) और मेरठ एक्सप्रेस वे (Meerut Expressway) से लिंक करने की तैयारी है. 1865 में बने स्टेशन की पुरानी बिल्डिंग को म्यूजियम बनाकर उसमें रेलवे की धरोहरों को संजोया जाएगा. अधिकारियों का कहना है रेलवे मंत्रालय से स्वीकृत मिलने के बाद काम शुरू हो जाएगा.
रेल मंत्रालय ने गाजियाबाद के पुराने रेलवे स्टेशन के विकसित करने के लिए 2.5 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से साझा किया है. सामान्य दिनों में प्रतिदिन करीब पौने दो सौ ट्रेनों का संचालन गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से होता है. नोएडा और गाजियाबाद में बड़ी आबादी पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम, उत्तराखंड के लोगों की है. ये लोग ट्रेन पकड़ने के लिए दिल्ली जाते हैं. इन लोगों को राहत देने के लिए गाजियाबाद स्टेशन को विकसित किया जा रहा है. इस स्टेशन को ट्रांजिट हब बनाने की तैयारी है. जिसमें मेट्रो और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे को आपस जोड़ा जाएगा. इसके लिए पुराना बस अड्डा मेट्रो लाइन का विस्तार कर स्टेशन रोड तक ले जाया जाएगा. वहीं एक्सप्रेस वे से कनेक्ट करने के लिए एलेवेटेड रोड बनाने का भी प्रस्ताव है.
डीपीआर के अनुसार चार एजेंसियां मिलकर काम करेंगी. जिसमें गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, एनएचएआई, डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन) और रेल मंत्रालय शामिल होगा. डीएमआरसी नया बस अड्डा से मेट्रो को पुराने रेलवे स्टेशन तक लेकर जाएगा। एनएचएआई रेलवे स्टेशन से जीटी रोड के रास्ते दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे तक एलिवेटेड रोड बनाएगी. मेट्रो और एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी होने पर यात्रियों की स्टेशन तक पहुंच आसानी हो जाएगी. डीपीआर के अनुसार रेलवे स्टेशन का एक्सटेंशन, एलिवेटेड रोड और मेट्रो लाइन का एक्सटेंशन होने पर करीब ढाई हजार करोड़ रुपया खर्च होगा. जिसमें स्टेशन को विकसित करने में करीब एक हजार करोड़ और मेट्रो के विस्तार व एलिवेटेड रोड पर 1500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
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FIRST PUBLISHED : June 23, 2021, 18:50 IST