सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक शुरू हो गई है. (PHOTO- ANI)
नई दिल्ली. दिल्ली के सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर चल रहे किसान आंदोलन (Kisan Andolan) को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) आज अंतिम फैसला कर सकता है. मोर्चे की 5 सदस्यों की हाईपावर कमेटी (High Power Committee) की सरकार के साथ बातचीत खत्म हो चुकी है. इसके बाद सभी नेता मोर्चे की मीटिंग के लिए सिंघु बॉर्डर पहुंच गए हैं. जहां पर मीटिंग शुरू हो गई है. जहां पर अभी सभी नेता अपने-अपने संगठनों के दूसरे नेताओं से बात कर रहे हैं.
दिल्ली में किसान मोर्चा की हाईपावर कमेटी की बैठक के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी (Gurnam Singh Chaduni) ने कहा कि किसानों का विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार हमारी सभी मांगों को स्वीकार नहीं कर लेती. अगर हम अपना विरोध वापस लेते हैं तो हमारे लिए समस्या होगी, लेकिन वे मामले वापस नहीं लेते हैं. सरकार को मामलों को वापस लेने की समयसीमा घोषित करनी चाहिए.”
किसानों को ठंड में बैठना पसंद नहीं, सरकार किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस ले
संयुक्त किसान मोर्चा की 5 सदस्यीय समिति के सदस्य अशोक धवले ने कहा कि हम इस बात की सराहना करते हैं कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है और लिखित में कुछ दे रही है, लेकिन प्रस्ताव में कुछ खामियां थीं, इसलिए कल रात हमने इसे कुछ संशोधनों के साथ वापस भेज दिया है. अब हम सरकार की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं. किसान संघ के सदस्यों सहित एमएसपी-केंद्रित समिति के गठन की आवश्यकता है. सरकार ने यह भी कहा कि आंदोलन खत्म करने के बाद हमारे खिलाफ दर्ज मामले वापस ले लिए जाएंगे. यह गलत है. हमें यहां ठंड में बैठना पसंद नहीं है.
सैद्धांतिक रूप से मुआवजे को मंजूरी दे दी गई है, हमें पंजाब मॉडल जैसा कुछ ठोस चाहिए. उन्होंने बिजली बिल को वापस लेने का भी वादा किया था, लेकिन अब वे हितधारकों के साथ इस पर चर्चा करना चाहते हैं और फिर इसे संसद में रखना चाहते हैं. यह विरोधाभासी है.
इन 3 बिंदुओं पर अटकी है बात
मंगलवार को मोर्चा की अहम बैठक शुरू होने से ठीक पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय से 6 सूत्रीय प्रस्ताव लेकर आए प्रतिनिधिमंडल ने कुंडली में मोर्चा कमेटी के सभी 5 सदस्यों से गुप्त बैठक की थी. बैठक के बाद कमेटी के सदस्यों ने सभी प्रस्ताव मोर्चा की बैठक में रखे. इन प्रस्तावों में से तीन बिंदुओं पर किसान नेताओं ने सवाल खड़े किए. उन्होंने सरकार से बुधवार तक स्पष्टीकरण मांगा था.
MSP और मुकदमे वापसी और मुआवजे को लेकर चर्चा
कमेटी के सदस्यों ने प्रतिनिधिमंडल के साथ गुपचुप बैठक की. करीब एक घंटे की बैठक के बाद वह वापस मोर्चा की बैठक में पहुंचे. यहां पर मोर्चा के नेताओं के सामने सभी प्रस्ताव रखे गए, जिस पर किसान नेताओं ने एमएसपी, मुकदमे वापसी व मुआवजे पर सरकार की शर्तों का विरोध किया और अन्य सभी मुद्दों पर किसानों ने सहमति जताई। किसान नेताओं ने 3 बिंदुओं पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है और इसके बाद बुधवार को फिर से बैठक करने का निर्णय लिया है.
कमेटी के सदस्य बलबीर सिंह राजेवाल, शिवकुमार कक्का, गुरनाम सिंह चढूनी, युद्धवीर सिंह व अशोक धवले ने मंगलवार शाम पत्रकारों से बातचीत कर साफ कहा कि जिन 3 मुद्दों पर पेंच फंसा है, उन पर सहमति के बाद ही किसान आंदोलन वापस लेने के बारे में विचार करेंगे. सरकार ने लिखित प्रस्ताव भेजकर अच्छी पहल की है। अब लगता है कि जल्द ही सभी मुद्दों पर बाकी सहमति बनाने का प्रयास करेगी.
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Tags: Delhi Singhu Border, Farmers Agitation, Farmers Agitation on Delhi Border, Gurnam Singh Chaduni, Kisan Andolan, Samyukt Kisan Morcha
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