पवन जल्लाद फांसी देने के लिए दो बार मथुरा जेल का दौरा कर चुके हैं.
नई दिल्ली. हालांकि शबनम (Shabnam) के डेथ वारंट पर अभी तक साइन नहीं हुए हैं, लेकिन जेल (Jail) में फांसी दिए जाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. पवन जल्लाद (Pawan Jallad) भी शबनम को फांसी दिए जाने के लिए तैयार है. फांसी (fhansi) दिए जाने से पहले पवन शबनम से बहुत कुछ कहना चाहता था, लेकिन नियमों के चलते पवन और शबनम की निगाहें भी नहीं मिल पाएंगी. इससे पहले भी दोनों का आमना-सामना नहीं हो सकता है. इसी तरह से निर्भया (Nirbhaya) के दोषियों को फांसी हुई थी.
पवन जल्लाद ने न्यूज18 हिंदी से बात करते हुए बताया, “इतनी निर्दयी औरत को मैं बहुत कुछ सुनाना और पूछना चाहता था, लेकिन मैं नियमों से बंधा हुआ हूं. मैं तो फांसी दिए जाने से पहले उसके सामने भी नहीं पड़ सकता. यहां तक की जब फांसी दिए जाने के लिए दोषी को प्लेटफार्म पर लाया जाता है, तब भी हम दोनां की निगाहें नहीं मिलती हैं.”
कोठरी में ही डाल दिया जाता है काला नकाब
पवन ने बताया, “एक-दो वाक्या ऐसे हुए हैं कि जिसे फांसी दी जानी है वो फांसी घर के इंतज़ाम, वहां खड़े पुलिस फोर्स और जल्लाद को देखकर घबरा जाता है, मचलने लगता है, फांसी से भागने लगता है. इसलिए अब दोषी के चेहरे पर कोठरी से निकलने के साथ ही काला नकाब डाल दिया जाता है. इससे वो न तो जल्लाद को ही देख पाता है और न फांसी दिए जाने के इंतज़ाम. निर्भया के चारों दोषियों को भी फांसी घर में लाने से पहले उनके चेहरे पर काला नकाब डाल दिया गया था.”
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एक दोषी से मैं क्यों माफी मांगू
फांसी दिए जाने से पहले जल्लाद दोषी के कान में माफी मांगते हुए कहता है कि “मुझे माफ कर देना, मैं तो एक सरकारी कर्मचारी हूं. कानून के हाथों मजबूर हूं.” इसके बाद अगर मुजरिम हिंदू है तो वह उसे राम-राम बोलता है. वहीं अगर मुस्लिम है तो वह उसे आखिरी दफा सलाम करता है. लेकिन पवन का कहना है “यह सब झूठ है. मैं क्यों एक दोषी से माफी मांगू. एक लड़की का रेप करने वाले और अपने ही परिवार के लोगों की हत्या करने वाली लड़की से मैं क्यों माफी मांगने लगा. यह तो लोगों की मनगढ़ंत बातें हैं.”
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