एहतेशाम
नई दिल्ली. वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को तीन महीने के लिए ज़मानत मिल गई. भड़काऊ भाषण के मामले में त्यागी को सुप्रीम कोर्ट ने इलाज कराने के लिए तीन महीने की ज़मानत दी है. इससे पहले त्यागी के वकील ने हृदय रोग के इलाज के लिए ज़मानत की मांग की थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत मंज़ूर करते हुए आदेश दिया की ज़मानत के दौरान वह कोई भड़काऊ भाषण नहीं देंगे.
मंगलवार की सुनवाई से पहले हरिद्वार धर्म संसद मामले से जुड़ी त्यागी की याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड सरकार से जवाब मांगा था. न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था, चूंकि वे खुद संवेदनशील नहीं है, इससे पूरा माहौल खराब हो रहा है. पीठ ने त्यागी की जमानत याचिका पर राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया था.
त्यागी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा था कि त्यागी लगभग छह महीने से हिरासत में हैं और वह कई बीमारियों से पीड़ित हैं. उन्होंने कहा कि त्यागी के खिलाफ दर्ज मामले में अधिकतम सजा तीन साल ही है और इन आधारों पर उन्हें बेल दी जाना चाहिए. गौरतलब है कि इस साल मार्च में उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज कर दिए जाने के बाद त्यागी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
धर्म संसद में हेट स्पीच का सिलसिला
गौरतलब है कि हरिद्वार धर्म संसद में कई साधु संतों ने मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं. इतना ही नहीं, धर्म संसद में महात्मा गांधी को भी नहीं बख्शा गया. एक साधु कालीचरण महाराज ने तो बापू तक को बुरा भला कह दिया. उन्हें हिरासत में भी लिया गया था. दूसरी ओर मुसलमान से हिन्दू बने वसीम रिजवी उर्फ त्यागी ने भी आपत्तिजनक बयान दिए थे. हरिद्वार के बाद दिल्ली में धर्म संसद हुई थी और वहां भी भड़काऊ बयान दिए गए.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |