दिसंबर महीने में दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया कैंपस में हिंसा और झड़प हुई थी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (Jamia University) के बाहर चल रहे विरोध-प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस (Delhi Police) पर यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में जबरन घुसने का आरोप लगा था. साथ ही यह भी आरोप लगा कि उसने वहां पढ़ रहे छात्र-छात्राओं पर लाठीचार्ज किया था. आंसू गैस (Tear Gas) के गोले दागे थे. यूनिवर्सिटी की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था. इसे लेकर खासा हो-हल्ला हुआ था. इसके जवाब में लोकसभा के अंदर गृह मंत्रालय (Home Ministry) की ओर से दिल्ली पुलिस का पक्ष रखा गया है. दिल्ली पुलिस ने अब लाइब्रेरी के अंदर घुसने की छह बड़ी वजहें बताई हैं. मंगलवार को लोकसभा (Lok sabha) में इसका खुलासा किया गया है.
गृह मंत्रालय ने बताई हैं यह छह बड़ी वजह
दिल्ली पुलिस का कहना है कि वो घटना वाली रात छात्रों और हिंसक भीड़ का पीछा कर रही थी. अपराधियों को पकड़ने की कोशिश कर रही थी. भीड़ को तितर-बितर कर रही थी. हालात को नियंत्रित कर रही थी. सरकारी संपत्ति की रक्षा कर रही थी. सबसे खास बात कि कैंपस क्षेत्र में रहने वाले निर्दोष छात्रों की जान बचाने के लिए वो यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसी थी. सांसद दीपक अधिकारी और एनके प्रेमचंद्रन के सवालों के जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री श्रीजी किशन रेड्डी ने दिल्ली पुलिस का यह पक्ष लोकसभा में रखा है.
यह थी छात्रों की मांग और दिल्ली पुलिस पर आरोप
जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी में दिल्ली पुलिस के खिलाफ एक याचिका दाखिल की गई है. याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि एम्स (AIIMS) की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली पुलिस की कार्रवाई से एक छात्र की आंख की रोशनी चली गई. छात्रों के साथ अपराधियों जैसा बर्ताव किया गया. इस मामले में एसआईटी गठित कर जांच कराई जाए या सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या फिर इस कोर्ट के जज की निगरानी में जांच हो.
.
Tags: CAA, Delhi police, Lok sabha, Supreme court of india