Oxygen Express: भारतीय रेल ने मध्य प्रदेश, दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए बनाया ये प्लान
Oxygen Express: भारतीय रेल ने मध्य प्रदेश, दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए बनाया ये प्लान
Indian Railways Started Oxygen Express: भारतीय रेलवे ने ऑक्सीजन की ढुलाई के लिए विशेष रेलगाड़ी चलाने की घोषणा की है.
Indian Railway News: देशभर के कई शहरों में कोरोना के बढ़ते मरीजों के चलते ऑक्सीजन की कमी होने लगी है. इसके चलते भारतीय रेलवे ने आज से यानी सोमवार से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में ऑक्सीन पहुंचाने के लिए 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' ट्रेन शुरू की है.
कई शहरों में ऑक्सीजन की जिस कमी की बात कही जा रही थी वो सोमवार यानी आज से खत्म हो जाएगी क्योंकि रेलवे ने 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' ट्रेन चलाने जा रहा है. यह ऑक्सीनज एक्सप्रेस ट्रेन ग्रीन कोरिडोर के जरिए महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में सप्लाई की जाएगी. आपको बता दें कि कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार को पत्र लिखकर जल्द ऑक्सीजन की सप्लाई करने की मांग की है. इस पर केन्द्र सरकार ने देश के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में 162 प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन (पीएसए) ऑक्सीजन संयंत्र लगाने की पहल की है. वहीं, रेलवे ने आज से ऑक्सीजन की ढुलाई के लिए विशेष रेलगाड़ी चलाने की घोषणा की है.
रेलवे देशभर में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन तथा ऑक्सीजन सिलिंडरों की आपूर्ति के लिए सोमवार से 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' चलाएगी. रेलवे अधिकारियों ने रविवार को इसकी जानकारी दी. वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्रों में 162 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने का कार्य चल रहा है और 24 घंटे का प्रकोष्ठ राज्यों के साथ समन्वय कर रहा है. मंत्रालय ने ट्वीट किया कि इनसे मेडिकल ऑक्सीजन क्षमता 154.19 एमटी (मीट्रिक टन) बढ़ जाएगी. पीएसए संयंत्र ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं और अस्पतालों को चिकित्सा ऑक्सीजन की अपनी जरूरत के संदर्भ में आत्मनिर्भर बनने में मदद करते हैं. इनसे चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर नेशनल ग्रिड पर बोझ भी घटेगा.
मंत्रालय ने इससे पहले 50,000 मीट्रिक टन चिकित्सा ऑक्सीजन के आयात के लिए निविदा निकालने का निर्णय लिया है. वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रेमडेसिविर दवा का उत्पादन दोगुना करने, निर्बाध ऑक्सीजन की आपूर्ति करने और कोविड-19 टीका मुहैया कराने के साथ-साथ स्वास्थ्य अवसंरचना को बढ़ाने के लिए राज्यों की पूरी मदद की जा रही है.
ऑक्सीजन के औद्योगिक इस्तेमाल पर रोक
सभी राज्यों को भेजे पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि कोविड-19 के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी और इस कारण मेडिकल ऑक्सीजन की बढ़ती मांग के मद्देनजर केंद्र सरकार की तरफ से गठित उच्चाधिकार प्राप्त एक समिति ने औद्योगिक इस्तेमाल के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति की समीक्षा की है ताकि देश में मेडिकल ऑक्सीजन की मांग पूरी की जा सके और लोगों की जान बचाई जा सके. इसी के मुताबिक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने 22 अप्रैल से निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं द्वारा औद्योगिक उद्देश्य के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति अगले आदेश तक प्रतिबंधित कर दी है. इसमें नौ विशिष्ट उद्योगों को छूट दी गई है.
रेलवे आज से चलाएगा ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि 19 अप्रैल को खाली टैंकर चलेंगे, लिहाजा हम अगले कुछ दिन में ऑक्सीजन एक्सप्रेस अभियान शुरू होने की उम्मीद करते हैं. जहां कहीं मांग होगी, हम वहां ऑक्सीजन भेज सकेंगे. ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों के तीव्र संचालन के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है.
जानें महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सरकार ने पूछा था क्या सवाल?
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सरकारों ने इससे पहले रेलवे से पूछा था कि क्या उसके रेल नेटवर्क के जरिये तरल मेडिकल ऑक्सीजन टैंकरों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है. देश में सबसे बड़े इस्पात निर्माता सेल, टाटा स्टील और आर्सल मित्तल निप्पन स्टील इंडिया (एमएनएस) ने कहा कि वे अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं. इस्पात मंत्रालय के अनुसार इस्पात कारखानों में 28 ऑक्सीजन संयंत्र हैं. ये संयंत्र सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में स्थित हैं जो प्रतिदिन 1,500 टन चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं. इसके अलावा 30 हजार मीट्रिक टन के अतिरिक्त स्टॉक को भी चिकित्सा इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराया गया है.
दिल्ली, यूपी, एमपी और छत्तीसगढ़ में संक्रमण की दर दोगुनी हुई
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 12 दिनों में संक्रमण की दर (कुल जांच किए नमूनों के अनुपात में संक्रमित) दोगुनी होकर 16.69 प्रतिशत तक पहुंच गई है और 10 राज्यों- महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, केरल,गुजरात, तमिलनाडु और राजस्थान- में ही 78.56 प्रतिशत नए मामले आ रहे हैं.
जानें क्या कहा गुजरात के मुख्यमंत्री ने
गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने अहमदाबाद स्थित सिविल अस्पताल परिसर में संवाददाताओं से कहा कि गुजरात में रोजाना 9,000 से ज्यादा कोरोना वायरस के मामले आ रहे हैं। हम समय-समय पर नयी सुविधाएं और बिस्तर बढ़ा रहे हैं, लेकिन ये हमारी मांग की तुलना में कम पड़ रहे हैं क्योंकि कोरोना वायरस रोगियों की संख्या अधिक है. सिविल अस्पताल के बाहर कोरोना वायरस रोगियों को लेकर खड़ी एंबुलेंसों की कतार के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा कि सरकार की प्रतिबद्धता है कि अन्य अस्पतालों से वापस भेज दिए गए हर रोगी का जीवन बचाया जाए.
मध्य प्रदेश के अस्पताल में छह मरीजों ने तोड़ा दम
सबसे बुरी तरह प्रभावित महाराष्ट्र और दिल्ली ने पहले ही केंद्र को बिस्तरों, ऑक्सीजन, दवाएं और कोविड-19 टीके की कमी संबंधी जानकारी दे दी है. मध्य प्रदेश में, शहडोल जिले के एक सरकारी अस्पताल में कथित रूप से चिकित्सकीय ऑक्सीजन आपूर्ति का दबाव कम हो जाने से कोविड-19 सेंटर के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) वार्ड में छह मरीजों की मौत हो गई. घटना शनिवार और रविवार की दरमियानी रात राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसीएच) में हुई. हालांकि, जिला प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से ये मौतें होने से इनकार किया है.
कोरोना हालात में केजरीवाल ने कहा....
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 25,000 से अधिक नए मामले सामने आए हैं और अब अस्पतालों में 100 से भी कम आईसीयू बिस्तर खाली बचे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की और उन्हें बेड तथा ऑक्सीजन की अत्यधिक जरूरत से अवगत कराया। हम निरंतर केंद्र के संपर्क में हैं और उससे मदद मांग रहे हैं. केजरीवाल ने केंद्र से अनुरोध किया कि दिल्ली में केंद्र द्वारा संचालित अस्पतालों के 10,000 बिस्तरों में से कम से कम 7,000 बिस्तर कोविड बेड के तौर पर आरक्षित किए जाएं तथा ऑक्सीजन की तत्काल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के अस्पतालों में 10,000 बिस्तरों में अभी सिर्फ 1,800 बिस्तर ही कोविड मरीजों के लिए आरक्षित हैं. केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार अगले दो-तीन दिनों में यमुना स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, राधा स्वामी सत्संग व्यास परिसर एवं स्कूलों में ऑक्सीजन की सुविधा के साथ 6,000 बिस्तरों की व्यवस्था करेगी. उन्होंने कहा कि हमारे पास आईसीयू बेड की कमी पड़ती जा रही है. दिल्ली में, हमारे पास अब 100 से भी कम आईसीयू बेड खाली बचे हैं. हमारे पास ऑक्सीजन की भी कमी पड़ती जा रही है. उत्तर-रेलवे ने दिल्ली के शकूर बस्ती रेलवे स्टेशन पर 50 पृथक-वास कोच तैयार किए हैं जिनमें से प्रत्येक में दो ऑक्सीजन सिलेंडर लगे हुए हैं. इसी तरह के 25 कोच सोमवार तक आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर उपलब्ध होंगे.
छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक साप्ताहिक संक्रमण दर दर्ज की गई है जो 30.38 प्रतिशत है. इसके बाद गोवा (24.24 प्रतिशत), महाराष्ट्र (24.17), राजस्थान (23.33 प्रतिशत) और मध्य प्रदेश (18.99 प्रतिशत) स्थान है. पांच राज्यों में- महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और केरल- में देश के 65.02 प्रतिशत उपचाराधीन मरीज हैं. आंकड़ों के मुताबिक, इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,28,09,643 हो गई है जिनमें गत 24 घंटे में 1,38,423 लोग ठीक हुए हैं. इस बीच, भारत ने 12 करोड़ लोगों का टीकाकरण करने में 92 दिनों का समय लिया, यह किसी भी देश की सबसे तेज रफ्तार है. इतने लोगों का टीकाकरण करने में अमेरिका ने 97 दिनों और चीन ने 108 दिनों का समय लिया.