नई दिल्ली. दिल्ली में कोरोना के साथ नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR News) में मौजूद आईटीबीपी के कई अस्पताल (ITBP Hospitals) बेहद मददगार साबित हो सकते हैं. आईटीबीपी के सरदार बल्लभ भाई पटेल कोविड अस्पताल में मरीजों के लिए 650 बेड की सुविधा है, जिसमें से150 आईसीयू बेड (ICU) और 500 ऑक्सीजन बेड हैं. यही नहीं, दिल्ली-एनसीआर में तकरीबन 200 से 250 अर्धसनिक बलों के डॉक्टरों द्वारा अस्पतालों में इलाज किया जाता है.
दिल्ली-एनसीआर में कोरोना के पहली और दूसरे चरण के दौरान लगातार संक्रमण के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा था, उस वक्त अर्ध सैनिक बल आईटीबीपी द्वारा प्रारंभ किए गए दो अस्पताल लोगों के लिए वरदान साबित हुए थे. हालांकि पिछले कुछ समय से उन अस्पतालों में पड़े बेड फिलहाल खाली हैं. इस मसले पर आईटीबीपी के अधिकारी ने बताया कि हमारे अस्पताल भी हम जवानों के जैसे हैं, हमेशा किसी भी विपरीत परिस्थितियों से सामना करने के लिए तैयार रहना होता है. अस्पताल में आज मरीजों की संख्या नहीं है, इसका मतलब ये नहीं है कि इसे पूर्ण तौर पर हम लोग बंद कर दें.
इसके साथ आईटीबीपी के अधिकारी ने कहा कि जिस तरह से कोरोना और ओमिक्रॉन के मामले देखने को मिल रहे हैं और कई देशों में अभी भी कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है, लिहाजा इस महामारी को हल्के में नहीं ले सकते हैं और हमें हर चुनौतियों से सामना करने के लिए तैयार रहना होगा.
दिल्ली-एनसीआर में ये हैं आईटीबीपी के अस्पताल
1. सरदार बल्लभ भाई पटेल कोविड अस्पताल, छतरपुर (दिल्ली)
2. आईटीबीपी अस्पताल, छावला (दिल्ली)
3. सीएपीएफ रेफरल अस्पताल , ग्रेटर नोएडा ( यूपी)
आईटीबीपी है केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी
इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस यानी आईटीबीपी को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिल्ली-एनसीआर में नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है. पिछले साल दिल्ली स्थित छतरपुर इलाके में स्थित कोविड अस्पताल के रिकॉर्ड की अगर बात करें तो जुलाई 2020 से लेकर फरवरी 2021 तक कुल आठ महीनों के दौरान करीब 11 हजार कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया गया. इनमें कुछ ऐसे मरीज भी थे जो विदेश से भारत आए थे.
इतनी है आईटीबीपी के अस्पतालों बेड्स की संख्या
कोरोना संक्रमण के पहले चरण और दूसरे चरण के दौरान विदेश से काफी भारतीय मूल के लोगों को विदेश से लाया गया था, उस दौरान आईटीबीपी का छावला स्थित कैम्प में बने अस्पताल सरकार के लिए और लोगों के लिए बेहद मददगार साबित हुआ था. इस अस्पताल में मरीजों और विदेश यात्रा से लौटे यात्रियों के 14 दिनों के क्वारंटाइन के दौरान भोजन, ठहरने , मनोरंजन, बच्चों के लिए खेलकूद, खिलौने समेत हर आवश्यक मुद्दों का ख्याल रखा गया था. आज भी वहां बहुत अच्छी व्यवस्था है.अगस्त महीने में अफगानिस्तान से सैकड़ो लोगों को भारत में लाने के बाद इसी कैम्प में क्वारंटाइन करके 14 दिनों तक रखा गया था.
कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए और मरीजों को जल्द से जल्द बेहतर मेडिकल सुविधाओं को प्रदान करने के लिए आईटीबीपी का सबसे महत्वपूर्ण अस्पताल सरदार बल्लभ भाई पटेल कोविड अस्पताल है. इसमें मरीजों के लिए 650 बेड की सुविधा है, जिसमें से 150 आईसीयू, तो 500 ऑक्सीजन बेड हैं. छतरपुर स्थित सरदार बल्लभ भाई पटेल कोविड-19 अस्पताल, दिल्ली एयरपोर्ट के पास स्थित आईटीबीपी का छावला इलाके में स्थित कैम्प में बना अस्पताल और ग्रेटर नोएडा स्थित रेफरल अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगभग नहीं के बराबर है. फिर भी आठ से 10 डॉक्टरों की तैनाती हर अस्पताल में की जाती है, जिससे कि अगर कोई मरीज गंभीर हालत में आए तो तत्काल प्रभाव से उसका इलाज किया जा सके. आईटीबीपी के अस्पतालों और मरीजों के बारे में पूछने पर आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पाण्डे का कहना है कि फिलहाल इन तीनों अस्पतालों में मरीजों की संख्या नहीं के बराबर है, लेकिन अस्पताल बंद नहीं हुए हैं. अस्पताल में डॉक्टर और कर्मचारी रोजाना आते हैं. हम हर विपरीत परिस्थितियों से सामना करने के लिए तैयार हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय से कोरोना संक्रमण से संबंधित जो निर्देश मिलते हैं हम लोगों के द्वारा उस पर अमल किया जाता है.
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Tags: Delhi-NCR News, ITBP, Omicron variant
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