किसान आंदोलन: 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान, सिर्फ एक दिन खुलेंगे टोल-नाको

तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसान पांच दिसंबर को देशभर में पुतले जलाएंगे और फिर तीन दिन बाद भारत बंद करेंगे.
Kisaan Aandolan: किसान नेता युद्धवीर सिंह का कहना है, हम तीनों कानून वापस लेने के अलावा कोई समझौता नहीं करेंगे. इसके अलावा MSP की गारन्टी भी चाहिए. हम बातचीत को आगे नहीं खींचना चाहते.’
- News18Hindi
- Last Updated: December 5, 2020, 1:52 AM IST
नई दिल्ली. भारतीय किसानों का आंदोलन (Kisaan Aandolan) अब उग्र होता जा रहा है. केंद्र सरकार से कई दौर की बातचीत के बाद भी कोई हल न निकलने पर अब किसानों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. तीनों कृषि कानूनों (Agriculture Laws) को वापस लेने की मांग कर रहे किसान पांच दिसंबर को देशभर में पुतले जलाएंगे और फिर तीन दिन बाद भारत बंद (Bharat Band) करेंगे.
भारतीय किसान यूनियन (BKU-Lakhowal) के महासचिव एचएस लखोवाल ने सिंघू बॉर्डर से कहा, कल हमने सरकार से कहा कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए. 5 दिसंबर को देशभर में पीएम मोदी (PM Modi) के पुतले जलाए जाएंगे. हमने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. वहीं नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि 8 तारीख को भारत बंद होगा. इसके बाद कोई एक तारीख तय होगी जब सभी टोल नाको को एक दिन के लिए फ्री कर देंगे. किसानों का यह विरोध प्रदर्शन अब जनआंदोलन बन गया है. ट्रेड यूनियन फेडरेशन (Trade Union Federation) ने भी इसका समर्थन किया है.’
वहीं किसान नेता युद्धवीर सिंह का कहना है, हम तीनों कानून वापस लेने के अलावा कोई समझौता नहीं करेंगे. इसके अलावा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारन्टी भी चाहिए. हम बातचीत को आगे नहीं खींचना चाहते.’
कांग्रेस की किसान इकाई ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह देश भर के किसानों के हित में कृषि संबंधी तीनों ‘काले कानूनों’ को तत्काल वापस ले. अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने यह भी कहा कि उनका संगठन शनिवार को प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेगा. उन्होंने एक बयान में कहा, 'पिछले दिनों जब कृषि विधेयक पारित हुए थे तब हमनें प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री को पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज कराया था. ये तीनों काले कानून किसानों की मुसीबत बढ़ाने वाले हैं. इनसे सिर्फ पूंजीपतियों को फायदा होगा.' सोलंकी ने सरकार से आग्रह किया कि वह किसानों के हित में इन काले कानूनों को तत्काल वापस ले. सोलंकी ने कहा, 'हमारा संगठन दिल्ली के निकट पिछले एक हफ्ते से डटे किसानों की सेवा में भी लगा है. हम आगे भी किसानों को हर संभव सहयोग करेंगे.'
भारतीय किसान यूनियन (BKU-Lakhowal) के महासचिव एचएस लखोवाल ने सिंघू बॉर्डर से कहा, कल हमने सरकार से कहा कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए. 5 दिसंबर को देशभर में पीएम मोदी (PM Modi) के पुतले जलाए जाएंगे. हमने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. वहीं नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि 8 तारीख को भारत बंद होगा. इसके बाद कोई एक तारीख तय होगी जब सभी टोल नाको को एक दिन के लिए फ्री कर देंगे. किसानों का यह विरोध प्रदर्शन अब जनआंदोलन बन गया है. ट्रेड यूनियन फेडरेशन (Trade Union Federation) ने भी इसका समर्थन किया है.’
वहीं किसान नेता युद्धवीर सिंह का कहना है, हम तीनों कानून वापस लेने के अलावा कोई समझौता नहीं करेंगे. इसके अलावा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारन्टी भी चाहिए. हम बातचीत को आगे नहीं खींचना चाहते.’
कांग्रेस की किसान इकाई ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह देश भर के किसानों के हित में कृषि संबंधी तीनों ‘काले कानूनों’ को तत्काल वापस ले. अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने यह भी कहा कि उनका संगठन शनिवार को प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेगा. उन्होंने एक बयान में कहा, 'पिछले दिनों जब कृषि विधेयक पारित हुए थे तब हमनें प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री को पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज कराया था. ये तीनों काले कानून किसानों की मुसीबत बढ़ाने वाले हैं. इनसे सिर्फ पूंजीपतियों को फायदा होगा.' सोलंकी ने सरकार से आग्रह किया कि वह किसानों के हित में इन काले कानूनों को तत्काल वापस ले. सोलंकी ने कहा, 'हमारा संगठन दिल्ली के निकट पिछले एक हफ्ते से डटे किसानों की सेवा में भी लगा है. हम आगे भी किसानों को हर संभव सहयोग करेंगे.'