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फांसी से पहले यह थी धनंजय चटर्जी, अजमल और अफज़ल की आखिरी ख्वाहिश

मृतक नीरज की मां सविता ने पुलिस को बताया कि नीरज पबजी गेम खेलने के लिए 3 महीने का इंटरनेट पैक रिचार्ज कराने की जिद कर रहा था. (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

मृतक नीरज की मां सविता ने पुलिस को बताया कि नीरज पबजी गेम खेलने के लिए 3 महीने का इंटरनेट पैक रिचार्ज कराने की जिद कर रहा था. (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

निर्भया गैंगरेप के गुनाहगार से भी उनकी आखिरी ख्वाहिश पूछी गई है, लेकिन अभी तक उन्होंने कोई ख्वाहिश ज़ाहिर नहीं की है. फ ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. गुनाहगार कत्ल का हो या रेप (Rape) का, फांसी से पहले उसकी आखिरी ख्वाहिश पूछी जाती है. जहां तक मुमकिन होता है उसकी जायज़ ख्वाहिश को पूरा किया जाता है.  निर्भया गैंगरेप के गुनाहगार से भी उनकी आखिरी ख्वाहिश पूछी गई है, लेकिन अभी तक उन्होंने कोई ख्वाहिश ज़ाहिर नहीं की है. हेतल पारिख रेप और कत्ल के केस में गुनाहगार पाए गए धनंजय चटर्जी से भी उसकी आखिरी ख्वाहिश पूरी गई थी. अलीपुर सेंट्रल जेल में उसे फांसी दी गई थी. इसी तरह संसद हमला (Parliament Attack) मामले के दोषी अफजल गुरू (Afzal Guru) और मुंबई (Mumbai) सीरियल बम ब्लास्ट केस में फांसी की सजा पाए याकूब मेमन और अज़मल कसाब (Ajmal Kasab) से भी उनकी आखिरी ख्वाहिश पूछी गई थी.

    आंख और गुर्दे दान करना चाहता था धनंजय चटर्जी
    हेतल पारिख रेप और कत्ल के केस में कोलकाता के धनंजय चटर्जी को फांसी की सजा सुनाई गई थी. 14 अगस्त, 2004 को उसे फांसी दी गई थी. लेकिन जब फांसी से पहले उसकी आखिरी ख्वाहिश पूछी गई तो उसने कहा कि वह अपनी आंख और गुर्दे दान करना चाहता है. उसने अपने भाई विकास और पिता बंशीधर को भी इस ख्वाहिश के बारे में बताया था, लेकिन वक्त को देखते हुए उसकी यह ख्वाहिश पूरी नहीं की गई थी.

    बेटी से बात करना चाहता था याकूब मेमन
    मुंबई सीरियल ब्लास्ट के गुनाहगार याकूब मेमन को 30 जुलाई, 2015 को नागपुर जेल में फांसी दी गई थी. जब कायदे-कानून के तहत मेमन से उसकी आखिरी ख्वाहिश पूछी तो उसने अपनी बेटी से बात करने की ख्वाहिश ज़ाहिर की. हालांकि उसकी बेटी को जेल में बुलाकर बात कराना उस वक्त मुमकिन नहीं था, इसलिए फोन पर उसकी बेटी से बात करा दी गई.

    मुंबई हमले के गुनाहगार अज़मल कसाब को 21 नवंबर, 2012 को फांसी दी गई थी. दूसरे गुनाहगारों की तरह से उसकी भी आखिरी ख्वाहिश पूछी गई. लेकिन अज़मल कसाब ने किसी भी ख्वाहिश को ज़ाहिर करने से मना कर दिया और कहा कि उसकी कोई आखिरी ख्वाहिश नहीं है.

    संसद हमले के गुनाहगार अफज़ल गुरू को 9 फरवरी, 2013 को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी. तिहाड़ जेल प्रशासन द्वारा आखिरी ख्वाहिश पूछने पर उसने पढ़ने के लिए कुरान शरीफ मांगी थी. जेल प्रशासन ने उसकी इस ख्वाहिश को पूरा भी किया था.

    निर्भया के गुनहगार ने नहीं बताई आखिरी ख्वाहिश
    20 मार्च को निर्भया गैंगरेप के चारों गुनाहगारों को तिहाड़ जेल में फांसी दी जाना है. इससे पहले उनकी आखिरी ख्वाहिश भी पूछी गई हैं, लेकिन इस बाबत अभी तक चारों ने कुछ नहीं कहा है. उनकी तरफ से किसी भी तरह की कोई ख्वाहिश ज़ाहिर नहीं की गई है.
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    Tags: Afzal guru, Azmal kasab, Mumbai, Nirbhaya, Tihar jail

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