उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने यमुना नदी के बाढ़ के मैदानों के पारिस्थितिक चरित्र को बहाल करने के लिए लक्ष्मी नगर के पास असिता पूर्व परियोजना का उद्घाटन किया.
नई दिल्ली. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) ने आज यमुना नदी (Yamuna River) के बाढ़ के मैदानों के पारिस्थितिक चरित्र को बहाल करने और पूर्वी दिल्ली के लोगों को सांस लेने योग्य सार्वजनिक हरी जगह मुहैया कराने के लिए लक्ष्मी नगर के पास असिता पूर्व परियोजना (Asita East Project) का उद्घाटन किया. यह प्रोजेक्ट दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के यमुना बाढ़ के मैदानों (Yamuna River flood plains Area) की बहाली और कायाकल्प कार्यक्रम का एक हिस्सा है.
इस अवसर पर डीडीए मैंबर और विधायक विजेन्द्र गुप्ता, ओपी शर्मा और अभय वर्मा के अलावा मुख्य सचिव नरेश कुमार, डीडीए वाइस चेयरमैन मनीष गुप्ता के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.
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विकास मार्ग से सटे डीडीए की 90 हेक्टेयर भूमि का लोकार्पण
असिता पूर्व परियोजना 197 हेक्टेयर भूमि में फैली हुई है, जिसमें से 90 हेक्टेयर भूमि डीडीए (Delhi Development Authority) के पास है और बाकी जमीन यूपी सिंचाई विभाग के अधिकार क्षेत्र में आती है. विकास मार्ग दक्षिणी छोर बनाता है, पुश्ता रोड, पूर्वी किनारा और यमुना नदी इसके पश्चिम की ओर बहती है. एलजी सक्सेना ने आज विकास मार्ग से सटे डीडीए के तहत 90 हेक्टेयर भूमि का लोकार्पण कर आम लोगों के लिए इसको खोल दिया गया है.
पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने में आमजन आएं सामने
इस अवसर पर एलजी सक्सेना ने कहा कि दिल्ली को ज्यादा हरा भरा बनाने के लिए शहर के निवासियों को आगे आना चाहिए. आम नागरिक शहर की वायु, जल और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने में एक सक्रिय हितधारक की भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने कहा कि डीडीए ने हाल ही में विभिन्न जैव-विविधता पार्कों, खोजा वाला बाग में नर्सरी, यमुना बैंक पर बांसरा और अनंग ताल बावली के कायाकल्प के रूप में कई खास कदम उठाए हैं. एलजी ने आशा व्यक्त की कि राजधानी में जल्द ही पर्याप्त पर्यावरण, मनोरंजन और अन्य सार्वजनिक गतिविधियों के लिए अनुकूल और पर्यावरण के अनुकूल सार्वजनिक हरित स्थान उपलब्ध होगा.
करीब 150 मीटर क्षेत्र को ‘ग्रीनवे’ के रूप में किया विकसित
उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में, प्रमुख सड़कों के साथ लगभग 100-150 मीटर क्षेत्र को ‘ग्रीनवे’ के रूप में विकसित किया गया है, जिसे सार्वजनिक मनोरंजन क्षेत्र के रूप में प्रस्तावित किया गया है जिसमें पैदल मार्ग, जल निकाय और जनता सुविधाओं के लिए खुले स्थान शामिल हैं.
इसके अलावा, यमुना नदी के किनारे के लगभग 300 मीटर क्षेत्र को एक ‘पारिस्थितिक क्षेत्र’ के रूप में विकसित किया गया है, जिसमें लोगों को नदी तक चलने के लिए नियमित अंतराल पर कच्चा ट्रेल्स हैं. इसका उद्देश्य शहर के लोगों के साथ यमुना नदी के प्राचीन और सामान्य संपर्क को पुनर्जीवित करना है.
जलाशय में मानसून का होगा करीब 50,000-60,000 सीयूएम पानी जमा
यमुना बाढ़ के मैदानों के अनुकूल वृक्षारोपण को रणनीतिक रूप से चुना गया है और अब तक लगभग 4000 पेड़ और 33.5 लाख नदी घास लगाए गए हैं. करीब 2 हेक्टेयर के एक मौजूदा हिस्से को बाढ़ के पानी को पकड़ने के लिए एक जल निकाय के रूप में बहाल कर दिया गया है. इस जलाशय में मानसून के दौरान लगभग 50,000-60,000 सीयूएम पानी जमा करने की क्षमता है.
असिता ईस्ट एक बार पूरी तरह से विकसित होने के बाद स्पॉटबिल्ड डक, इंडियन मूरहेन, पर्पल स्वैम्पेन और प्रवासी पक्षियों जैसे इंडियन पैराडाइज फ्लाईकैचर, वर्डिटर फ्लाईकैचर, ग्रे हेडेड कैनरी फ्लाईकैचर आदि जैसे कई निवासी पक्षियों का घर ही नहीं बल्कि पक्षी प्रेमियों (Bird Lovers) के लिए खुशी की बात भी साबित होगा.
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