Lockdown: जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार अपना सकती है यह तरीका!
Lockdown: जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार अपना सकती है यह तरीका!
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जानकारों की मानें दिल्ली (Delhi) के सरकारी स्कूलों में करीब 12 लाख बच्चों को मिड डे मील (Mid day meal) खिलाया जाता है. वहीं आंगनबाड़ी (Anganwadi) के 5 लाख बच्चों को पका हुआ खाना खिलाया जाता है.
नई दिल्ली. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) का दावा है कि लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान वो 6 लाख जरूरतमंदों को दो वक्त का खाना खिला रहे हैं. लेकिन सूत्रों की मानें तो दिल्ली सरकार अब यह संख्या बढ़ा सकती है. खाना बांटने के लिए सरकार मिड डे मील (Mid day meal) बनाने और बांटने वाली संस्थाओं की मदद ले सकती है.
जिससे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को खाना मिल सके. जानकारों की मानें दिल्ली के सरकारी स्कूलों में करीब 12 लाख बच्चों को मिड डे मील खिलाया जाता है. वहीं आंगनबाड़ी (Anganwadi) के 5 लाख बच्चों को पका हुआ खाना खिलाया जाता है. खाना बनाने वाली संस्थाओं के इसी इंतज़ाम को देखते हुए सरकार लॉकडाउन के दौरान खाना बांटने के लिए इनकी मदद ले सकती है.
सीएम केजरीवाल बोले- दिल्ली में 6 लाख लोगों को ऐसे खिला रहे खाना
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली सरकार रोज़ाना 6 लाख से अधिक लोगों को दिन में दो वक्त का खाना खिला रही है. उनका कहना है कि इसके लिए खासतौर से स्कूलों को केन्द्र बनाया गया है. सीएम ने व्यवस्थाओं की बात करते हुए बताया था कि दिल्ली में इसके लिए करीब 2800 केंद्र बनाए गए हैं. हर एक केंद्र पर प्रतिदिन 500-500 लोगों के खाने की क्षमता है. प्रतिदिन करीब 2,500 स्कूलों और 250 रैन बसेरों में 500-500 लोगों को भोजन वितरित करना शुरू कर दिया है.
दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी 50 लाख लोगों को खिला रही खाना
24 मार्च से जारी लॉकडाउन के कारण दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) गुरुद्वारों में करीब 50 लाख बेघर, प्रवासी अथवा बुजुर्गों को मुफ्त में खाना खिला रहा है. डीएसजीएमसी ने 500 लोगों को लॉकडाउन के दौरान राहत कार्य के लिये तैनात किया है जिनमें खाना पकाने वाले, चालक, सफाईकर्मी आदि शामिल हैं. डीएसजीएमसी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है कि दयालु लोगों के कारण लंगर सेवा जारी है, जो राशन का दान करते हैं जिसमें घी, तेल चीनी, आटा, चावल, दाल, मसाले और नमक आदि शामिल हैं.
एक जोड़े ने अपने विवाह की 50 वीं वर्षगांठ पर कमेटी को दो लाख 50 हजार का दान दिया है. करीब 20 ट्रक राशन गुरुद्वारों में गुप्त रूप से दान में आता है. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से रहने वाले और विभिन्न समुदायों के लोग राशन और नकदी दान देते हैं. हाल ही में एक संगठन ने 51 लाख रुपये डीएसजीएमसी को दान में दिए.