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जादूगरों के लिए यू ट्यूब चैनल बने चुनौती, जानें वजह

मोबाइल व अन्‍य हाईटेक गैजेट्स के बावजूद जादू का क्रेज बरकरार है

मोबाइल व अन्‍य हाईटेक गैजेट्स के बावजूद जादू का क्रेज बरकरार है

जादूगर ओपी शर्मा जूनियर ने बताया कि पहले के मुकाबले अब जादू का खेल क्‍यों चैले‍जिंग बनता जा रहा है. यही वजह है कि देशभर ...अधिक पढ़ें

गाजियाबाद. जादूगरों के लिए यू ट्यूब चैनल चुनौती बन रहे हैं. हालांकि जादूगरों का मानना है कि इससे दर्शकों को फायदा हो रहा है, उन्‍हें इसी बहाने  उन्‍हें नए -नए जादू के खेल देखने को मिल रहे हैं. जाने-माने जादूगार ओपी शर्मा जूनियर ने मौजूदा समय जादू के खेल में आने वाले चुनौतियों और समस्‍या के बारे में बताया. गौरतलब है कि ओपी शर्मा जूनियर आजकल पं. दीनदयाल उपाध्‍याय सभागार, गाजियाबाद में जादू के शो कर रहे हैं.

जादूगर ओपी शर्मा जूनियर ने बताया कि पहले के मुकाबले अब जादू का खेल चैले‍जिंग बनने की वजह से देशभर चार-पांच जाने माने जादूगर ही शो दिखा रहे हैं. उन्‍होंने बताया कि मौजूदा समय शो के जादू का अनाउंस करते ही लोग यू ट्यूब में उसका सिक्रेट खोजने लगते हैं और आपस में चर्चा करने लगते हैं. हालत यह होती है कि खेल बाद में शुरू होता है और उसका सिक्रेट दर्शकों को पता हो जाता है.

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जादू के एक खेल को तैयार करने में छह-छह माह का समय लग जाता है.

हालांकि कई बार यह सिक्रेट आधा-अधूरा या गलत भी होता है. यू ट्यूब की वजह से जादूगरों को नए-नए जादू के खेल तैयार करने पड़ते हैं, जिनका सिक्रेट यू ट्यूब पर न हो. इस तरह दर्शकों को फायदा होता है, उन्‍हें नए नए खेल देखने को मिलते हैं.

वे बताते हैं कि मोबाइल व अन्‍य हाईटेक गैजेट्स होने के बावजूद जादू का क्रेज बरकरार है. उनके शो में बच्‍चों और महिलाओं की संख्‍या खासी होती है. ओपी शर्मा बताते हैं कि जादू का शो चलाने में खर्च बहुत आता है. उनकी टीम में 100 से अधिक लोग हैं. सभी वेतनभोगी हैं. सभी की सेलरी नियमित रूप में देनी होती है. उन्‍होंने ये विधा अपने पिता ओपी शर्मा से सीखी है. वे 1971से कमर्शियल जादू के शो कर रहे थे. गाजियाबाद में 3 शो चल रहे हैं.

Tags: Ghaziabad News, Magician

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