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Delhi Government: कोरोना में शहीद स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों की अस्‍पतालों में लगाई जाएं प्रत‍िमा, सुनहरे अक्षरों में ल‍िखें नाम

कोविड-19 के कारण ज‍ो स्वास्थ्य कर्मचारी शहीद हुये हैं उनकी दिल्ली सरकार अस्‍पताल में शहीद वेदी का निर्माण करवाए.

कोविड-19 के कारण ज‍ो स्वास्थ्य कर्मचारी शहीद हुये हैं उनकी दिल्ली सरकार अस्‍पताल में शहीद वेदी का निर्माण करवाए.

Covid 19 : कर्मचारियों ने सरकार से मांग की है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की कोविड-19 के कारण जो मौत हुई हैं. उनको दिल्ली ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. दिल्ली सरकार (Delhi Government) के अस्पतालों में लैब स्टाफ अपनी मांगों को लेकर लगातार विरोध दर्ज करा रहा है. नेशनल पब्लिक हेल्थ एलायंस (NPHA) के नेतृत्व में लैब स्टाफ 17 जुलाई, 2015 से फाइनेंशियल बेनेफिट, और जनवरी, 2020 से एरियर सहित पूरा मंहगाई भत्ता की मांग को लेकर आवाज बुलंद किये है.

    नेशनल पब्लिक हेल्थ एलायंस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार ने कहा कि लगता है कि सरकार शांतिपूर्ण तरीके से नहीं समझने वाली है. सरकार को यह समझना चाहिए कि यह वहीं स्वास्थ्य कर्मचारी हैं जिन्होंने कोरोना काल में कोविड़-19 (Covid-19) में अपनी जान की परवाह नहीं की और परिवार से दूर रहकर मरीजों को बचाया है.

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    कोरोना काल में अपनी ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण (Coronavirus) से बहुत से कर्मचारियों की शहादत हुई है. कुछ के परिवार के सदस्य कोरोना की भेंट चढ़ गए. लेकिन उन कर्मचारियों ने इस समय पर अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाई. यह किसी भी तरह उन सैनिकों से कम नहीं जो देश की रक्षा करते हैं.

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    कोविड-19 के कारण ज‍ो स्वास्थ्य कर्मचारी शहीद हुये हैं उनकी दिल्ली सरकार अस्‍पताल में शहीद वेदी का निर्माण करवाए. 

    कर्मचारियों ने सरकार से यह भी मांग की है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की कोविड-19 (Covid-19) के कारण जो मौत हुई हैं. उनको दिल्ली सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि, आर्थिक सहायता के साथ-साथ शहीद का दर्जा देते हुए हर अस्पताल में शहीद वेदी का निर्माण किया जाए जिसमें उनका नाम शहीद के रूप में सुनहरे अक्षरों से लिखा जाना चाहिए. सरकार को यह भी चाहिए कि स्वास्थ्य कर्मचारि की मांगों को जल्द पूरा करें.

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    जीबी पंत अस्पताल से मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज तक एक मार्च निकाला गया जिसमें के कॉलेज के अलावा लोकनायक अस्पताल, जी.बी.पंत अस्पताल, दिल्ली सरकार के अन्य अस्पतालों के साथ-साथ केंद्र सरकार के कलावती अस्पताल के कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया. रैली का समापन शहीद वेदी पर हुआ जहां पर उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई जिन्होंने देश और अंग्रेजी सरकार के खिलाफ आंदोलन किया.

    एआईयूटीयूसी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष हरीश त्यागी ने कहा कि सरकार द्वारा प्रदर्शन पर रोक लगाने का ऑर्डिनेंस लाकर जनता को उनके मौलिक अधिकार से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है.

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    एस.एस नेगी ने कहा कि अस्पताल के कर्मचारियों को एकजुट होकर सरकार की निजीकरण की नीतियों का एकजुट होकर विरोध करना चाहिए. भारतवीर ने कहा कि सरकार को आज पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप, शॉर्ट टर्म कांटेक्ट और जेम पोर्टल के द्वारा पैरामेडिकल कर्मचारियों की भर्ती और 60 साल से ऊपर के कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगानी चाहिए.

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    साथ ही डीएसएसएसबी (DSSSB) दोबारा रेगुलर भर्ती की जानी चाहिए. मरीजों के बढ़ते अनुपात के अनुसार पोस्टों का सृजन किया जाना चाहिए. खाली पड़े पदों को जल्द भरा जाना चाहिए जिससे कि जनता को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें. स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट बढ़ाया जाना चाहिए.

    इस आंदोलन को DMT & EA व IMTEF के माध्यम से दिल्ली के लैब स्टॉफ के अतिरिक्त कलावती अस्पताल, MCD मलेरिया कर्मचारी, दिल्ली सरकार के लगभग 40 अस्पतालों, डिस्पेंसरियों, दिल्ली पैरामेडिकल व रेडियोलॉजी के कर्मचारियों आदि का भी पूर्ण समर्थन मिल रहा है.

    Tags: Corona Virus, Corona warriors, COVID 19, Delhi Government, Delhi Hospital, Health News

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