दिल्ली हाईकोर्ट ने मसाज पार्लर की आड़ में चल रही वेश्यावृत्ति पर सख्त रुख अख्तियार कर लिया है.(प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi HC) ने अब राजधानी में मसाज पार्लर (Massage Parlour) की आड़ में चल रहे वेश्यावृत्ति (Prostitution) के धंधे पर सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को कड़े कदम उठाने का आदेश जारी किया है. कोर्ट ने इसके लिए दिल्ली पुलिस को सभी जरूरी और समुचित कार्रवाई करने को कहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि राजधानी दिल्ली में कितने मसाज पार्लर हैं? इन मसाज पार्लरों को लेकर आखिर क्यों दायर की गई थी हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका?
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में पिछले दिनों एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इसमें आरोप लगाया कि राजधानी दिल्ली में मसाज के नाम पर बड़े पैमाने पर वेश्यावृत्ति का धंधा किया जा रहा है. ये सब दिल्ली पुलिस के नाक नीचे होता है. इस रैकेट में शामिल लोगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस कार्रवाई नहीं करती है.
दिल्ली में 900 से भी ज्यादा मसाज सेंटर्स
दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीष चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ के सामने दिल्ली पुलिस ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जब भी इससे संबंधित कोई शिकायत मिली है, उस पर सख्त कार्रवाई की गई है. इसके बाद दिल्ली पुलिस के जवाब से संतु्ष्ट कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया, लेकिन मसाज पार्लर की आड़ में चल वेश्यावृत्ति के धंधे पर नियंत्रण के लिए समुचित कार्रवाई करने का भी आदेश दिया.
क्यों इस बिजनेस पर मंदी की मार नहीं पड़ता?
गौरतलब है कि देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मसाज-स्पा सेंटरों की बहार है. सिविक एजेंसियों की मानें तो राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में करीब 900 मसाज सेंटर हैं. इन मसाज सेंटर की एक दिन की कमाई लाखों रुपये में होती है.
मसाज सेंटरों पर सर्विस देने के ये हैं तरीकें
इन मसाज सेंटरों में फुल सर्विस देने के एवज में अश्लीलता की सारी सीमाएं लांघ दी जाती हैं. वहीं, हाफ सर्विस का मतलब भी अश्लीलता से ही होता है. अगर ग्राहक फुल सर्विस के लिए बोलता है तो उससे 3 हजार से लेकर 5 हजार रुपये तक का चार्ज किया जाता है. वहीं, हाफ सर्विस का रेट 1,500 से लेकर 2,500 रुपये के बीच रहता है. यहां पर ग्राहकों को किस लड़की या महिला से मसाज कराना है, यह च्वाइस भी मिलता है.
एक मसाज सेंटर की औसत कमाई
एक मसाज सेंटर पर औसतन प्रतिदिन 15 से 20 ग्राहक आते हैं. वहीं, इन मसाज सेंटरों पर 4 या उससे ज्यादा लड़कियां या महिलाएं काम करती हैं. एक मसाज सेंटर की हर दिन की कमाई 50 हजार से कम नहीं होती है. एक लड़की के पास प्रतिदिन औसतन 3-4 ग्राहक आते हैं. अगर राजधानी की 900 सेंटरों की इसकी तुलना की जाए तो इन मसाज सेंटरों पर रोजाना 19000 के आस-पास ग्राहक आते हैं. मसाज सेंटर पर पहुंचने वाला एक शख्स अगर 2,500 रुपये भी खर्च करता है तो सभी सेंटरों को मिला दें तो राजधानी में 8-9 करोड़ रुपये के बीच रोजाना कलेक्शन हो जाता है.
दिल्ली पुलिस के पूर्व ज्वाइंट सीपी एसबीएस त्यागी कहते हैं, ‘इसमें दो राय नहीं है कि इन मसाज सेंटरों पर वेश्यावृत्ति का काम होता है. इन सेंटरों पर न तो नाबालिग रखे जाते हैं और न ही उन्हें इस पेशे में जबरदस्ती धकेला जाता है. अगर नाबालिग रखने की शिकायत मिलती है तो इस पर दिल्ली पुलिस कार्रवाई करती है. ऐसा भी नहीं है कि पुलिस कुछ करती ही नहीं. दिल्ली पुलिस के बीट कांस्टेबल आए दिन इन सेंटरों की जांच करते रहते हैं. मसाज करने वाली गर्ल्स अगर बालिग होती हैं तो इसमें पुलिस का रोल कुछ नहीं होता है.’
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