एमसीडी चुनाव में AAP ने 250 वार्डों में से 134 पर जीत हासिल करते हुए बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया. (News18)
नई दिल्ली. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने बुधवार को दिल्ली नगर निगम चुनाव (MCD Election Results) में बड़ी जीत हासिल की. एमसीडी में बीते 15 वर्षों से बीजेपी का कब्जा था, लेकिन बुधवार को आए चुनाव नतीजों ने दिल्ली के सियासी मानचित्र को बदलकर रख दिया. राष्ट्रीय राजधानी में अब राज्य सरकार और एमसीडी की कमान अब एक ही पार्टी AAP के हाथ में चली गई.
दिल्ली नगर निगम (MCD) इससे पहले तीन हिस्सों नॉर्थ एमसीडी, साउथ एमसीडी और ईस्ट एमसीडी में बंटी थी. हालांकि अब इन तीनों नगर निगमों को वापस से मिलाकर एक कर दिया गया तथा परिसीमन के बाद एमसीडी के कुल वार्डों की संख्या घटकर 250 हो गई. इन 250 वार्डों में से AAP ने 134 पर जीत हासिल करते हुए बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया. इस नगर निकाय चुनाव में भगवा पार्टी ने 104 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 9 और तीन वार्ड निर्दलीय के खाते में गए.
ऐसे में यह जानना दिलचस्प होगा कि इस साल की शुरुआत में एमसीडी का एकीकरण नहीं हुआ होता तो AAP और बीजेपी के लिए ये चुनाव नतीजे कैसे दिखते? News18 ने आपके इसका पूरा लेखा-जोखा तैयार किया है..
अगर एमसीडी अभी भी एक के बजाय तीन हिस्सों में बंटी होती, तो नवीनतम सीटों की संख्या कुछ इस तरह दिखाई देती…
पुरानी पूर्वी दिल्ली नगर निगम (61 वार्ड)
आम आदमी पार्टी: 20
बीजेपी: 35
कांग्रेस: 5
निर्दलीय: 1
पुरानी उत्तरी दिल्ली नगर निगम (94 वार्ड)
आप: 56
बीजेपी: 36
कांग्रेस: 1
निर्दलीय: 1
पुरानी दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (95 वार्ड)
आप: 58
बीजेपी: 33
कांग्रेस: 3
निर्दलीय: 1
…तो 2:1 रहता एमसीडी चुनाव का नतीजा
बता दें कि पहले तीनों निगमों में कुल वार्डों की संख्या 272 थी. पहले उत्तरी दिल्ली में 104 वार्ड, दक्षिणी दिल्ली में 104 और पूर्वी दिल्ली में 64 वार्ड थे. हालांकि अब परिसीमन के बाद कुल वार्डों की संख्या घटकर 250 रह गई है और ऊपर बताए आंकड़े उसी आधार पर दिए गए हैं. ऐसे अगर इन आंकड़ों पर नजर डालने से पता चलता है कि अगर एमसीडी की एकीकरण और फिर परिसीमन नहीं हुआ होता तो बीजेपी एक निगम पूर्वी दिल्ली, जबकि AAP को अन्य दो नगर निगमों उत्तर और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम जीत जाती.
एक से तीन हिस्सों में बंटी, फिर एक हुई एमसीडी
इससे पहले दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) एक ही था, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान औपचारिक रूप से तीन भागों में बांट दिया गया था. हालांकि अब दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2022 के जरिये तीनों नगर निकायों – उत्तर, दक्षिण और पूर्व नगर निगमों को विलय करके इस वर्ष इसे फिर से एकीकृत किया गया.
तीनों नगर निकायों को एकीकृत करने वाले विधेयक को लोकसभा ने 30 मार्च को और राज्यसभा ने 5 अप्रैल को मंजूरी दी थी. फिर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 18 अप्रैल को अपनी सहमति देने के बाद यह विधेयक अधिनियम बन गया. इस अधिनियम में राष्ट्रीय राजधानी में वार्डों की संख्या 272 से घटाकर 250 कर दी गई, जिसकी वजह से एमसीडी चुनाव से पहले दिल्ली में एक बार फिर से परिसीमन की कवायद हुई.
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Tags: Delhi MCD Election, Delhi news
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