संजय सिंह के इस्तीफे के बाद बदला राज्यसभा का गणित

ऐसे पास होगा राज्यसभा में तीन तलाक बिल.
प्रधानमंत्री मोदी की ये खासियत है कि वो जो फैसला कर लेते हैं. उसे किसी कीमत पर लागू कराना जानते हैं. सरकार ने राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास कराने का मास्टर प्लान तैयार कर लिया है. ये भी अहम है कि कार्यवाही के दौरान ही कांग्रेस सांसद संजय सिंह ने इस्तीफा दे दिया
- News18Hindi
- Last Updated: July 30, 2019, 3:03 PM IST
तीन तलाक बिल पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान ही राज्यसभा का गणित हर घंटे बदल रहा है. कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के इस्तीफे के बाद अब राज्यसभा में बहुमत का आकड़ा भले ही 121 रहा हो लेकिन विपक्ष की संख्या 109 से घटकर 108 हो गई है. दूसरी ओर एनडीए में शामिल जेडीयू जहां तीन तलाक बिल के विरोध में चली गई तो बीजेडी तीन तलाक बिल के समर्थन में आ गई है. मतलब साफ है एनडीए के आकड़े पर जेडीयू के विरोध के बाद भी कोई असर नहीं पड़ा है.
ट्रिपल तलाक पर सरकार की रणनीति
मोदी सरकार ने राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास कराने की तैयारी पूरी कर ली है. आंकड़े भले ही सरकार के साथ न हों लेकिन सरकार के शीर्ष नेतृत्व को पूरा भरोसा है कि तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास हो जाएगा. इसके लिए आंकड़ों के गणित को सरकार ने अपने पाले में करने की तैयारी पूरी कर ली है. दरअसल ये बिल मोदी सरकार की प्राथमिकता के साथ-साथ प्रतिष्ठा से भी जुड़ा है. सरकार के सामने इस बिल को पास कराना किसी चुनौती से कम नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की ये खासियत है कि वो जो फैसला कर लेते हैं. उसे किसी कीमत पर लागू कराना जानते हैं. इसीलिए सरकार ने राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास कराने का मास्टर प्लान तैयार कर लिया है.
क्या है राज्यसभा का गणित245 सीटों वाली राज्यसभा में संजय सिंह के इस्तीफे के बाद अब 5 सीटें खाली हो गई हैं. यानि कुल 240 सदस्य मतदान कर सकेंगे. ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 121 का होगा. बात करें एनडीए की तो बीजेपी के 78 सदस्य हैं. 11 एआईडीएमके, जोडीयू के 6 शिव सेना और शिरोमड़ी अकाली दल के 3-3, लोकजनशक्ति पार्टी, निर्दलीय और मनोनीत 12 सदस्यों को मिलाकर एनडीए बीजेपी के साथ हैं. यानि एनडीए का पास 113 सदस्यों की समर्थन प्राप्त है. ये आंकड़ा बहुमत से सात कम है.
जेडीयू के विरोध के बाद भी पास हो जाएगा बिल
तीन तलाक बिल के विरोध में कांग्रेस , एसपी, सीपीआई,बीएसपी समेत जो पार्टिया हैं. संजय सिंह के इस्तीफे के बाद उनकी संख्या 109 से घट कर 108 हो जाएगी. जबकि 7 सीटों वाली बीजेडी, 6 सीटों टीआरएस, 2 सीटों वाली बाइएसआर कांग्रेस जैसी पार्टियों ने अभी तीन तलाक बिल पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. जबकि एनडीए में शामिल जेडीयू भी तीन तलाक बिल के खिलाफ है. ऐसे में मोदी सरकार इन दलों को तीन तलाक बिल के पक्ष में मनाने में लगी है कि अगर ये दल तीन तलाक बिल के खिलाफ भी जाते हैं तो सरकार की कोशिश इन्हें मतदान के समय वॉक आउट कराने की है. अगर ये दल मतगणना के समय वॉक आउट करते हैं तो सदन में मतदान करने वाले सदस्यों की संख्या 216 हो जाएगी. ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 108 होगा जो सरकार के साथ होगा.
ट्रिपल तलाक पर सरकार की रणनीति
मोदी सरकार ने राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास कराने की तैयारी पूरी कर ली है. आंकड़े भले ही सरकार के साथ न हों लेकिन सरकार के शीर्ष नेतृत्व को पूरा भरोसा है कि तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास हो जाएगा. इसके लिए आंकड़ों के गणित को सरकार ने अपने पाले में करने की तैयारी पूरी कर ली है. दरअसल ये बिल मोदी सरकार की प्राथमिकता के साथ-साथ प्रतिष्ठा से भी जुड़ा है. सरकार के सामने इस बिल को पास कराना किसी चुनौती से कम नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की ये खासियत है कि वो जो फैसला कर लेते हैं. उसे किसी कीमत पर लागू कराना जानते हैं. इसीलिए सरकार ने राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास कराने का मास्टर प्लान तैयार कर लिया है.
क्या है राज्यसभा का गणित245 सीटों वाली राज्यसभा में संजय सिंह के इस्तीफे के बाद अब 5 सीटें खाली हो गई हैं. यानि कुल 240 सदस्य मतदान कर सकेंगे. ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 121 का होगा. बात करें एनडीए की तो बीजेपी के 78 सदस्य हैं. 11 एआईडीएमके, जोडीयू के 6 शिव सेना और शिरोमड़ी अकाली दल के 3-3, लोकजनशक्ति पार्टी, निर्दलीय और मनोनीत 12 सदस्यों को मिलाकर एनडीए बीजेपी के साथ हैं. यानि एनडीए का पास 113 सदस्यों की समर्थन प्राप्त है. ये आंकड़ा बहुमत से सात कम है.
जेडीयू के विरोध के बाद भी पास हो जाएगा बिल
तीन तलाक बिल के विरोध में कांग्रेस , एसपी, सीपीआई,बीएसपी समेत जो पार्टिया हैं. संजय सिंह के इस्तीफे के बाद उनकी संख्या 109 से घट कर 108 हो जाएगी. जबकि 7 सीटों वाली बीजेडी, 6 सीटों टीआरएस, 2 सीटों वाली बाइएसआर कांग्रेस जैसी पार्टियों ने अभी तीन तलाक बिल पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. जबकि एनडीए में शामिल जेडीयू भी तीन तलाक बिल के खिलाफ है. ऐसे में मोदी सरकार इन दलों को तीन तलाक बिल के पक्ष में मनाने में लगी है कि अगर ये दल तीन तलाक बिल के खिलाफ भी जाते हैं तो सरकार की कोशिश इन्हें मतदान के समय वॉक आउट कराने की है. अगर ये दल मतगणना के समय वॉक आउट करते हैं तो सदन में मतदान करने वाले सदस्यों की संख्या 216 हो जाएगी. ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 108 होगा जो सरकार के साथ होगा.