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NCRTC Project: RRTS के पहले कॉरिडोर के लिये दुहाई में तैयार हो रहा ट्रेन डिपो, जानिये क्या होगा इसमें खास?

आरआरटीएस ट्रेनों के परिचालन और रखरखाव के लिए दुहाई, गाजियाबाद में डिपो का निर्माण कार्य बड़ी तेजी के साथ किया जा रहा है.

आरआरटीएस ट्रेनों के परिचालन और रखरखाव के लिए दुहाई, गाजियाबाद में डिपो का निर्माण कार्य बड़ी तेजी के साथ किया जा रहा है.

Delhi-Ghaziabad-Meerut RRTS: साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर 2023 में रैपिड रेल चलाने की पूरी तैयारी ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) के अंतर्गत दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस प्रोजेक्ट (RRTS Project) को 2025 तक पूरा किये जाने का लक्ष्य है. लेकिन साहिबाबाद से दुहाई तक के 17 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर इससे पहले 2023 में रैपिड रेल चलाने की पूरी तैयारी भी जा रही है. इसके लिए आरआरटीएस ट्रेनों के परिचालन और रखरखाव के लिए दुहाई, गाजियाबाद में डिपो का निर्माण कार्य बड़ी तेजी के साथ किया जा रहा है.

    दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस प्रोजेक्ट के अधिकारियों के मुताबिक आरआरटीएस ट्रेनों के परिचालन व रख रखाव के लिए दुहाई, गाज़ियाबाद में डिपो का निर्माण चल रहा है. दुहाई डिपो में आरआरटीएस ट्रेनों (RRTS Trains) के परिचालन व रख-रखाव के लिए स्टेबलिंग व इन्सपैक्शन लाइन, और कंट्रोल केंद्र तैयार किया जा रहा है.

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    अधिकारियों का कहना है कि कॉरीडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता खंड में परिचालन प्रारम्भ होने के समय दुहाई डिपो से ही आरआरटीएस ट्रेनों का संचालन, मरम्मत और रख-रखाव का कार्य नियंत्रित किया जाएगा. दुहाई डिपो में 12 आरआरटीएस ट्रेनों, 3 इंस्पेक्शन बे लाइन्स और 2 वर्कशॉप लाइनों को स्टैण्डर्ड गेज के स्थिर करने की क्षमता होगी.

    दुहाई डिपो के अलावा दूसरा आरआरटीएस ट्रेन डिपो मोदीपुरम, मेरठ में बनाया जाएगा. इस दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर की कुछ ट्रेनों का आधार भी आगामी मोदीपुरम डिपो, मेरठ में ही होगा.

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    आरआरटीएस ट्रेनों के परिचालन और रखरखाव के लिए दुहाई, गाजियाबाद में डिपो का निर्माण कार्य बड़ी तेजी के साथ किया जा रहा है.

    रेल बिछाने के लिए हो रहा है “प्री कास्ट ट्रैक स्लैब” तकनीक का इस्तेमाल 
    रेल बिछाने के लिए “प्री कास्ट ट्रैक स्लैब” तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा जिसमें ट्रैक स्लैब को फैक्टरी से मंगाकर वायडक्ट (जिस पर ट्रेन चलती है) पर फिट कर दिया जाएगा. प्री कास्ट ट्रैक का निर्माण शताब्दी नगर स्थित कास्टिंग यार्ड में किया जा रहा है.

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    सभी 5 स्टेशनों के सुपरस्ट्रक्चर का निर्माण कार्य एडवांस स्टेज पर 
    आरआरटीएस प्रोजेक्ट अधिकारियों का कहना है कि 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडर के प्राथमिकता खंड, साहिबाबाद से दुहाई तक 5 स्टेशन साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई व दुहाई डिपो सहित 17 किमी का हिस्सा, में आरआरटीएस स्टेशन के डिज़ाइन व आर्किटेक्चर का कार्य फाइनल होने के साथ ही सभी स्टेशनों के सुपरस्ट्रक्चर का निर्माण कार्य एडवांस स्टेज पर है.

    दुहाई डिपो में चल रहा है फ्लैश बट्ट वैल्डिंग का कार्य, डिपो में आ चुकी हैं ट्रेनें
    आरआरटीएस ट्रैक के लिए उच्च-स्तरीय व कम रख-रखाव वाले रेल दुहाई में आ चुके है जो आरआरटीएस की 180 किमी प्रति घंटे की डिजाइन गति व उच्च आवृत्ति के लिए उत्तम है. फ्लैश बट्ट वैल्डिंग का कार्य भी वर्तमान में दुहाई डिपो में चल रहा है.

    दिल्ली-मेरठ रीजनल रेल ट्रांजिट सिस्टम रूट पर एक सेक्शन पर मार्च, 2023 तक 17 किलोमीटर रूट पर रैपिड रेल चलाने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है. NCRTC, RRTS corridor, Delhi-Ghaziabad-Meerut RRTS, Depot Control Center, Duhai Depot, Modipuram Depot, Meerut, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस, आरआरटीएस प्रोजेक्ट, डिपो कंट्रोल सेंटर, दुहाई डिपो, मोदीपुरम डिपो, मेरठ

    दिल्ली-मेरठ रीजनल रेल ट्रांजिट सिस्टम रूट पर एक सेक्शन पर मार्च, 2023 तक 17 किलोमीटर रूट पर रैपिड रेल चलाने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है.

    ट्रेनों को बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए तेजी से हो रहा इलेक्ट्रिफिकेशन का काम
    आरआरटीएस ट्रेनों को बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए ओएचई (ओवर हेड इक्विपमेंट) इंस्टॉलेशन गतिविधियां भी चल रही हैं. जल्द ही वाइडक्ट पर इलैक्ट्रिक पोल या मास्ट की स्थापना का काम शुरू होगा. आरआरटीएस के उच्च परिचालन गति, उच्च आवृत्ति को सहने और ट्रेनों के निर्बाध संचालन के लिए आधुनिक तकनीक वाले केंटीलेवर व केटीनेरी केबल बिछाने का काम प्रगति पर है.

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    इसके अलावा आरआरटीएस कॉरीडोर में ट्रेनों के संचालन और स्टेशन को विद्युत की आपूर्ति के लिए आरएसएस (रिसीवर सब स्टेशन) स्थापित किया जा रहा है. आरएसएस से 25 केवी का एक केबल भूमिगत होते हुए मास्ट या वायडक्ट पर लगे विद्युत पोल के जरिये ट्रेन व 33 केवी का दूसरा केबल आरआरटीएस स्टेशन तक पहुंचाए जाएँगे जिससे ट्रेन और स्टेशन दोनों को विद्युत आपूर्ति हो सके.

    दुहाई डिपो में ट्रेनों के रखरखाव के लिए होंगी ये  सुविधाएं:-
    -ट्रेनों की पूरी तरह से सफाई के लिए एक स्वचालित ट्रेन वाशिंग प्लांट

    – प्रशासनिक भवन, डिपो कंट्रोल सेंटर (DCC), बैकअप ऑपरेशनल कंट्रोल सेंटर, इंजीनियरिंग ट्रेन यूनिट (ETU)

    -प्रशिक्षण और परिचित उद्देश्यों के लिए ट्रेन सिमुलेटर सहित चालक प्रशिक्षण सुविधा.

    -ट्रेन सेट के लिए समय-समय पर रखरखाव की सुविधा

    -आरआरटीएस ट्रेनों को डिपो में रात भर खड़ा किया जाएगा और ट्रेनों के सभी रखरखाव, सफाई, मरम्मत आदि का काम डिपो में ही किया जाएगा.

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