दिल्ली MCD का फैसला, रेस्टोरेंट में नॉन-वेज सर्व करते समय बताना होगा 'हलाल' या 'झटका'

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
दिल्ली (Delhi) के सभी नॉन वेज (Non Veg) बेचने वाले रेस्टोरेंट और होटल में हलाल या झटका का बोर्ड लगाना ज़रूरी होगा.
- News18Hindi
- Last Updated: January 21, 2021, 6:13 PM IST
नई दिल्ली. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (MCD) ने बुधवार को कई प्रस्ताव पर मुहर लगाई है जिसमें एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर एक सड़क के साथ साथ दिल्ली के सभी नॉन वेज बेचने वाले रेस्टोरेंट और होटल में हलाल या झटका का बोर्ड लगाना ज़रूरी होगा. एसडीएमसी का कहना है कि उनके एरिया में चार जोन में आने वाले तकरीबन एक सौ चार वार्ड में हजारों रेस्टोरेंट हैं जिसमें कि महज दस प्रतिशत ही ऐसे हैं जहां वेजिटेरियन खाना मिलता है बाकी के 90 प्रतिशत जगहों पर नॉन वेज बेचा जाता है. लेकिन इन सभी जगहों पर यह नहीं बताया जाता है कि वह मांस हलाल का है या फिर झटका का. मीट बेचने वाली दुकानें भी इस तरह की कोई जानकारी नहीं देती हैं.
एसडीएमसी ने अपने प्रपोजल में कहा कि हिंदू और सिख धर्म में 'हलाल' मांस खाना मना है और धर्म के खिलाफ है. ऐसे में रेस्टोरेंट और मांस की दुकानों को निर्देश दिया जाता है कि उनके द्वारा दिए जा रहे मांस के बारे में यह जरुर बताया जाए कि यह मांस हलाल का है या फिर झटका.
वहीं साउथ एमडीएमसी में नेता नरेंद्र चावला ने कहा है कि अगर कोई इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह हर किसी को जानने का अधिकार है कि वह क्या खा रहा है. चाहे वो किसी भी धर्म का हो. क्योंकि आहार को लेकर कुछ निर्धारित नियम या परम्पराएं हैं.
एसडीएमसी ने अपने प्रपोजल में कहा कि हिंदू और सिख धर्म में 'हलाल' मांस खाना मना है और धर्म के खिलाफ है. ऐसे में रेस्टोरेंट और मांस की दुकानों को निर्देश दिया जाता है कि उनके द्वारा दिए जा रहे मांस के बारे में यह जरुर बताया जाए कि यह मांस हलाल का है या फिर झटका.
वहीं साउथ एमडीएमसी में नेता नरेंद्र चावला ने कहा है कि अगर कोई इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह हर किसी को जानने का अधिकार है कि वह क्या खा रहा है. चाहे वो किसी भी धर्म का हो. क्योंकि आहार को लेकर कुछ निर्धारित नियम या परम्पराएं हैं.