PM मोदी के बाद AMU के छात्रों को संबोधित करेंगी गुजरात दंगों पर सवाल उठाने वाले IPS की पत्नी

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था कि एएमयू में मिनी इंडिया बसता है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 23, 2020, 5:20 PM IST
नई दिल्ली. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) अपनी स्थापना का शताब्दी समारोह मना रही है. एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस मौके पर एएमयू के छात्रों, टीचर और दूसरे स्टाफ को संबोधित किया था. अब 25 दिसंबर को आईपीएस संजीव भट्ट (IPS Sanjiv Bhatt) की पत्नी श्वेता भट्ट (Shweta Bhatt) एएमयू के छात्रों को संबोधित करेंगी. आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने ही गुजरात दंगों (Gujarat Riots) पर गंभीर सवाल उठाए थे. इसके बाद उन्हें 30 साल पुराने एक मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. वो फिलहाल जेल में हैं.
अपनी स्थापना का शताब्दी समारोह मना रहा एएमयू अब एक और कार्यकम का गवाह बनने जा रहा है. एएमयू कॉर्डिनेशन कमेटी इस कार्यक्रम का आयोजन कर रही है. सर सैयद नॉर्थ हॉल में यह कार्यक्रम रखा गया है. कार्यक्रम का आयोजन 25 दिसंबर की शाम 6 बजे रखा गया है. श्वेता भट्ट का संबोधन ऑनलाइन होगा. इसे एएमयू कॉर्डिनेशन कमेटी के फेसबुक पेज पर भी लाइव किया जाएगा. इसके लिए कमेटी से जुड़े छात्रों ने प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है.
Delhi-UP और हरियाणा-राजस्थान के व्यापारियों ने सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों से की यह डिमांड...
AMU के छात्रों से PM मोदी ने की ये बातें>>समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन जब बात राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति की हो, तो हर मतभेद किनारे रख देने चाहिए. जब आप सभी युवा साथी इस सोच के साथ आगे बढ़ेंगे तो ऐसी कोई मंजिल नहीं, जो हम हासिल न कर सकें. सत्ता से बड़ा देश का समाज होता है.

>>हमें समझना होगा कि सियासत सोसाइटी का अहम हिस्सा है. लेकिन सोसाइटी में सियासत के अलावा भी दूसरे मसले हैं. सियासत और सत्ता की सोच से बहुत बड़ा, बहुत व्यापक किसी देश का समाज होता है.
>>Medical education को लेकर भी बहुत काम किया गया है. 6 साल पहले तक देश में सिर्फ 7 एम्स थे. आज देश में 22 एम्स हैं. शिक्षा चाहे ऑनलाइन हो या फिर ऑफलाइन, सभी तक पहुंचे, बराबरी से पहुंचे, सभी का जीवन बदले, हम इसी लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं.
>>सरकार higher education में number of enrollments बढ़ाने और सीटें बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है. वर्ष 2014 में हमारे देश में 16 IITs थे. आज 23 IITs हैं. वर्ष 2014 में हमारे यहां 13 IIMs थे, आज 20 IIMs हैं.
>>आज देश जो योजनाएं बना रहा है वो बिना किसी मत मजहब के भेद के हर वर्ग तक पहुंच रही हैं. बिना भेदभाव, 40 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुले. बिना भेदभाव, 2 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर दिए गए. बिना भेदभाव 8 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस मिला. सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास ये मंत्र मूल आधार है. देश की नीयत और नीतियों में यही संकल्प झलकता है.
अपनी स्थापना का शताब्दी समारोह मना रहा एएमयू अब एक और कार्यकम का गवाह बनने जा रहा है. एएमयू कॉर्डिनेशन कमेटी इस कार्यक्रम का आयोजन कर रही है. सर सैयद नॉर्थ हॉल में यह कार्यक्रम रखा गया है. कार्यक्रम का आयोजन 25 दिसंबर की शाम 6 बजे रखा गया है. श्वेता भट्ट का संबोधन ऑनलाइन होगा. इसे एएमयू कॉर्डिनेशन कमेटी के फेसबुक पेज पर भी लाइव किया जाएगा. इसके लिए कमेटी से जुड़े छात्रों ने प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है.
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AMU के छात्रों से PM मोदी ने की ये बातें>>समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन जब बात राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति की हो, तो हर मतभेद किनारे रख देने चाहिए. जब आप सभी युवा साथी इस सोच के साथ आगे बढ़ेंगे तो ऐसी कोई मंजिल नहीं, जो हम हासिल न कर सकें. सत्ता से बड़ा देश का समाज होता है.

>>हमें समझना होगा कि सियासत सोसाइटी का अहम हिस्सा है. लेकिन सोसाइटी में सियासत के अलावा भी दूसरे मसले हैं. सियासत और सत्ता की सोच से बहुत बड़ा, बहुत व्यापक किसी देश का समाज होता है.
>>Medical education को लेकर भी बहुत काम किया गया है. 6 साल पहले तक देश में सिर्फ 7 एम्स थे. आज देश में 22 एम्स हैं. शिक्षा चाहे ऑनलाइन हो या फिर ऑफलाइन, सभी तक पहुंचे, बराबरी से पहुंचे, सभी का जीवन बदले, हम इसी लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं.
>>सरकार higher education में number of enrollments बढ़ाने और सीटें बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है. वर्ष 2014 में हमारे देश में 16 IITs थे. आज 23 IITs हैं. वर्ष 2014 में हमारे यहां 13 IIMs थे, आज 20 IIMs हैं.
>>आज देश जो योजनाएं बना रहा है वो बिना किसी मत मजहब के भेद के हर वर्ग तक पहुंच रही हैं. बिना भेदभाव, 40 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुले. बिना भेदभाव, 2 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर दिए गए. बिना भेदभाव 8 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस मिला. सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास ये मंत्र मूल आधार है. देश की नीयत और नीतियों में यही संकल्प झलकता है.