नयी दिल्ली. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कुलपति शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने बुधवार को कहा कि विश्वविद्यालय के 90 प्रतिशत छात्र गैर-राजनीतिक हैं और केवल 10 प्रतिशत ही ‘उपद्रवी’ हैं, जो यह सोचते हैं कि वे परिसर में अपना राजनीतिक करियर बना सकते हैं. उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि यह राजनीतिक रूप से सक्रिय परिसर है लेकिन विश्वविद्यालय में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है तथा जो नेता बनना चाहते हैं, उन्हें बाहर जाकर चुनाव लड़ना चाहिए. उनसे हाल में विश्वविद्यालय में हुई झड़पों के बारे में सवाल किया गया था.
उन्होंने कहा, ‘‘90 प्रतिशत छात्र गैर-राजनीतिक हैं. केवल 10 प्रतिशत ही उपद्रवी हैं। उन्हें लगता है कि जेएनयू में उनका राजनीतिक करियर बन सकता है.’’ कुलपति ने कहा, ‘जेएनयू राजनीतिक करियर का कब्रिस्तान है। आपको पता है कि पिछली बार क्या हुआ था, जिन्होंने (ऐसी) राजनीति की थी, वे सभी जेल में हैं.’
नेता बनना है तो बाहर जाकर चुनाव लड़ें: कुलपति
उन्होंने कहा, ‘आप क्यों अपना समय बर्बाद कर रहे हैं? यदि आप नेता बनना चाहते हैं तो बाहर जाकर चुनाव लड़ें. आपको कौन रोक रहा है? भारत एक स्वतंत्र देश है. आप यहां पढ़ाई के लिए आते हैं, आप यहां सीखने के लिए आते हैं. आपका परिवार आप पर निर्भर करता है कि आपको अच्छी नौकरी मिलेगी और आप बाहर जाएंगे.’
जेएनयू के इन छात्र नेताओं को किया गया गिरफ्तार
शरजील इमाम, उमर खालिद, नताशा नरवाल और देवांगना कालिता सहित जेएनयू के कई छात्रों और पूर्व छात्रों को 2020 के दिल्ली दंगों की साजिश से जुड़े मामले में कथित संलिप्तता को लेकर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था. नताशा नरवाल और देवांगना को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था जबकि उमर खालिद और शरजील अब भी जेल में हैं.
कुलपति ने विद्यार्थियों से सक्रिय राजनीति करने और बहस करने का आग्रह किया और हिंसा से दूर रहने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘‘जेएनयू में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. जेएनयू एक शोध विश्वविद्यालय है. मैं यह नहीं कह रही कि आपको बहस नहीं करनी चाहिए… बहस करें, चर्चा करें लेकिन एक-दूसरे के साथ मारपीट नहीं करें.’’
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