गाजियाबाद. उत्तर विधानसभा चुनाव (uttar pradesh assembly election) में प्रमुख पार्टियों द्वारा उम्मीदवार घोषित होने के बाद विभिन्न पार्टियों के बागी (rebel candidate) सामने आते जा रहे हैं. गाजियाबाद (Ghaziabad) में टिकट न मिलने से नाराज उम्मीदवार भाजपा और सपा के बागियों ने फिलहाल ताल ठोंक दी है. इनमें से कुछ बागी निर्दलीय तो कुछ पार्टी से टिकट के जुगाड़ में हैं. ये बागी पार्टियों को कितना नुकसान पहुंचाएंगे, यह तो 10 मार्च को पता चलेगा, लेकिन ये बागी अभी से चर्चा में जरूर बने हुए हैं.
गाजियाबाद में सबसे ज्यादा दावेदार भाजपा और सपा से ही थे. सभी उम्मीदवार अपनी अपनी मजबूत दावेदारी जताकर जनसंपर्क भी शुरू कर चुके थे, लेकिन पार्टी द्वारा घोषित उम्मीदवारों की सूची में अपना नाम न पाकर बागी के रूप में चुनाव मैदान पर उतरने का ऐलान कर दिया है. पार्टी इन बागियों को समझाने का प्रयास कर चुकी है, लेकिन वो अभी तक नहीं माने हैं.
भाजपा से बागी के रूप में तीन उम्मीदवारों ने चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी की है. इनमें से एक बागी केके शुक्ला ने बीएसपी से गाजियाबाद विधानसभा से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. इसके लिए बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर चुके हैं. वो भाजपा में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष थे. गाजियाबाद से टिकट की दावेदारी जता रहे थे, टिकट नहीं मिलने से बगावत कर दी और पार्टी छोड़ बसपा में चले गए. हालांकि बसपा यहां से सुरेश बंसल को उम्मीदवार घोषित कर चुकी है, लेकिन वे बीमार होने की वजह से वेंटीलेटर में हैं. केके शुक्ला के अनुसार सतीश चन्द्र मिश्रा ने गाजियाबाद से टिकट देने का आश्वासन दे दिया है. इसलिए अपने को बसपा का उम्मीदवार बता रहे हैं.
दूसरा नाम साहिबाबाद से सच्चिदानंद पोखरियाल का है. ये भी साहिबाबाद से दावेदारी जता रहे थे लेकिन टिकट नहीं मिला तो उत्तराखंडियों की मदद से निर्दलीय चुनाव उतर रहे हैं और जनसंपर्क शुरू कर दिया है. वे उत्तराखंड में मंत्री रह चुके हैं. एक और नाम प्रभुनाथ का है, इन्होंने पूर्वांचल समाज के सहारे चुनाव मैदान में निर्दलीय उतरने का ऐलान कर दिया है.
इसके अलावा सबसे चर्चा में हैं सपा के पूर्व उपाध्यक्ष पंडित मनमोहन झा गामा. ये भी साहिबाद विधानसभा क्षेत्र से सपा से टिकट मांग रहे थे, यहां से पार्टी ने पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा को टिकट दे दिया. इस वजह से मनमोहन ने असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) से साहिबाबाद से ताल ठोंक दी है. फिलहाल ओवैसी की पार्टी से मनमोहन इकलौते उम्मीदवार हैं, जो हिन्दू हैं. इसके अलावा कांग्रेस और बसपा से भी पदाधिकारी बगावती तेवर दिखा सकते हैं.
यूपी में कब-कब है वोटिंग
बता दें कि उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में मतदान 10 फरवरी से शुरू होगा. उत्तर प्रदेश में अन्य चरणों में मतदान 14, 20, 23, 27 फरवरी, 3 और 7 मार्च को होगा. वहीं यूपी चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे. 2017 के चुनाव में बीजेपी ने यहां की 403 में से 325 सीटों पर जीत दर्ज की थी. सपा और कांग्रेस ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. सपा ने 47 और कांग्रेस ने 7 सीटें ही जीती थीं. मायावती की बसपा 19 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. वहीं 4 सीटों पर अन्य का कब्जा हुआ था .
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