school reopen: सिसोदिया ने कहा था कि स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कक्षाएं हाइब्रिड मोड यानि ऑनलाइन जारी रहेंगी.
आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार छात्रों में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए आज से यानी मंगलवार से राष्ट्रीय राजधानी के सभी सरकारी स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम लागू कर रही है. दिल्ली सचिवालय में अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के दौरान, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि पाठ्यक्रम गतिविधि आधारित होगा और यह स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को श्रद्धांजलि होगी.
हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, केजरीवाल ने कहा था कि देशभक्ति पाठ्यक्रम स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने में मदद करेगा और स्वतंत्रता दिवस का समारोह स्कूलों में प्रतीकात्मक नहीं रहेगा, लेकिन अब इसका वास्तविक अर्थ होगा. उन्होंने कहा, ‘इसमें ऐसा कुछ नहीं है जिसके लिए रटने की आवश्यकता होगी. बच्चों को राष्ट्र की कहानियों के बारे में बताया जाएगा, राष्ट्र के प्रति उनकी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के बारे में उनसे चर्चा की जाएगी और वे इसमें कैसे योगदान दे सकते हैं.’
केजरीवाल ने 2019 में 73वें स्वतंत्रता दिवस पर देशभक्ति पाठ्यक्रम के लिए विजन की घोषणा की थी. सरकार द्वारा नियुक्त पैनल द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति पाठ्यक्रम की रूपरेखा को इस साल 6 अगस्त को राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की गवर्निंग काउंसिल द्वारा अनुमोदित किया गया था. जब स्कूल फिजिकल उपस्थिति के लिए पूरी तरह से खुलेंगे तो देशभक्ति पाठ्यक्रम स्कूलों में नर्सरी से कक्षा 12वीं तक हर कक्षा में लागू किया जाएगा. अभी कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को ही फिजिकल क्लासेज के लिए स्कूलों में लौटने की अनुमति है.
देशभक्ति पाठ्यक्रमों की सभी बातें यहां जानें :
1. पाठ्यक्रम रोट लर्निंग पर आधारित नहीं होगा और कोई परीक्षा नहीं होगी.
2. पाठ्यक्रम एक्टिविटी आधारित होगा और छात्रों को स्वतंत्रता एवं राष्ट्र के गौरव की कहानियां सुनाई जाएंगी. बच्चों को राष्ट्र के प्रति उनकी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों का एहसास कराया जाएगा.
3. छात्र अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने और देश की प्रगति में योगदान देने के लिए तैयार रहेंगे.
4. सरकार के एक बयान के अनुसार, देशभक्ति पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क का उद्देश्य संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की गहरी भावना विकसित करना और मूल्यों एवं कार्यों के बीच की खाई को पाटना है.
5. पाठ्यक्रम के शुभारंभ के दौरान जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, “उनके दैनिक जीवन में समानता और बंधुत्व जैसे मूल्यों को जोड़ने की बहुत कम गुंजाइश है. देशभक्ति पाठ्यक्रम इन मूल्यों की गहरी समझ बनाने और उन्हें बच्चों के व्यवहार का हिस्सा बनाने का प्रयास करता है. इसलिए, स्कूल के बाहर बच्चों के जीवन से जुड़ने पर भी जोर दिया जा रहा है.”
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