नई दिल्ली. दिल्ली के कुतुब मीनार परिसर में मौजूद कुव्वुतुल इस्लाम मस्जिद में हिंदू देवताओं की पुनर्स्थापना और पूजा-अर्चना का अधिकार मांगने वाली याचिका पर मंगलवार को साकेत कोर्ट में सुनवाई होनी थी. लेकिन यह सुनवाई टल गई है. केस से जुड़े वकील विष्णु शंकर जैन के दिल्ली में नहीं होने के कारण सुनवाई को टाला गया है. अब यह सुनवाई 24 मई को होगी.
एएसआई से कोर्ट ने मांगा था जवाब
इस मामले में पहले हुई सुनवाई के दौरान साकेत अदालत ने केंद्र तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से जवाब मांगा था. अदालत ने कुतुब मीनार परिसर में हिंदू एवं जैन देवी-देवताओं की मूर्तियां पुन:स्थापित करने और वहां पूजा करने देने का अधिकार प्रदान करने का अनुरोध करने वाली एक याचिका को लेकर सवाल किया था. इस मामले में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश पूजा तलवार ने संबंधित अधिकारियों को 11 मई तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा था.
27 मंदिरों को आंशिक रूप से तोड़ा गया
इस मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता विष्णु जैन ने अदालत को बताया था कि अदालत ने केंद्र सरकार, संस्कृति मंत्रालय के जरिए एएसआई के महानिदेशक, दिल्ली क्षेत्र के अधीक्षक पुरातत्व को नोटिस जारी किया है. उन्होंने बताया कि दिसंबर 2021 में एक मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा दीवानी मुकदमे को खारिज किए जाने को चुनौती दी गई थी, जिस पर ये नोटिस जारी किए गए हैं. न्यायाधीश ने जैन की ओर से दायर की गई इस अपील को स्वीकार कर लिया था. जैन की ओर से दायर इस अपील में बताया गया था कि मुहम्मद गोरी के सिपाहसलार (जनरल) कुतुबुद्दीन ऐबक ने 27 मंदिरों को आंशिक रूप से तोड़ दिया था. इसके बाद सामग्री से परिसर में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद बनाई थी.
बता दें कि कुव्वत इस्लाम मस्जिद में तीर्थकर ऋषभदेव, भगवान विष्णु, गणेश जी, शिव-गौरी, सूर्य देवता समेत कई हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां मौजूद है. इनमे से ज़्यादातर मूर्तियां खंडित अवस्था में है. मस्जिद के बाहर लगे ASI के बोर्ड पर भी लिखा है कि ये मस्जिद 27 हिंदू जैन मंदिरों को तोड़कर उनके अवशेषों से बनाई गई हैं.
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