पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वैश्विक ऊर्जा कंपनियों को भारत में निवेश का दिया न्योता

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान. (फाइल फोटो)
भारत (India) दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (Economy) और अमेरिका (America) एवं चीन (China) के बाद तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है. उन्होंने कहा, 'भारत आने वाले दशकों में वैश्विक ऊर्जा (Global energy) मांग को बनाए रखने वाला मुख्य देश बना रहेगा. भारत में हम हर चुनौती के लिए तैयार हैं.'
- भाषा
- Last Updated: October 14, 2019, 2:14 AM IST
नई दिल्ली. पेट्रोलियम मंत्री (Minister of Petroleum) धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को वैश्विक ऊर्जा कंपनियों (Energy companies) से देश में निवेश करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि वे दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती ऊर्जा उपभोक्ता (Energy consumer) अर्थव्यवस्था में निवेश करें. इसके लिए सरकार स्थिर नीति और बेहतर विनियामकीय प्रशासन मुहैया कराएगी.
सेरावीक सम्मेलन (Seraviak Conference) के रात्रिभोज के दौरान प्रधान ने कहा कि सरकार 2022 के नए भारत के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है. 'मैं वैश्विक और घरेलू उद्योगों से आह्वान करता हूं कि वह उन समाधानों पर बातचीत करें जो देश के ऊर्जा लक्ष्य के चारों आधार स्तंभों का विस्तार करें. देश के ऊर्जा लक्ष्य के चार आधार स्तंभ ऊर्जा तक पहुंच, बेहतर क्षमता, निरंतरता और ऊर्जा सुरक्षा हैं.
भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और अमेरिका एवं चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है. उन्होंने कहा, 'भारत आने वाले दशकों में वैश्विक ऊर्जा मांग को बनाए रखने वाला मुख्य देश बना रहेगा. भारत में हम हर चुनौती के लिए तैयार हैं.'
दुनिया भर की बड़ी कंपनियां कर रही हैं भारत में कारोबारउन्होंने कहा कि एक जीवंत लोकतंत्र, स्थायी राजनीतिक व्यवस्था, सुधार अपनाने वाले दृष्टिकोण और मजबूत संस्थागत ढांचे के साथ, 'मैं वैश्विक उद्योगों को आमंत्रित करता हूं कि वह हमारी प्रगति में हमारे साथी बनें और भारत में मौजूद ऊर्जा क्षेत्र की व्यापक निवेश संभावनाओं का लाभ उठाएं'.
उन्होंने कहा कि सरकार ने निवेशकों को मित्रवत माहौल सुनिश्चित करने के लिए पूरी पेट्रोलियम नीति में आमूलचूल बदलाव के लिए कई कदम उठाए हैं. प्रधान ने कहा कि सऊदी अरामको, एडनॉक, बीपी, शैल, टोटल, रोजनेफ्ट और एक्सॉनमोबिल जैसी वैश्विक कंपनियां भारत में अपना कारोबार कर रही हैं.
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सेरावीक सम्मेलन (Seraviak Conference) के रात्रिभोज के दौरान प्रधान ने कहा कि सरकार 2022 के नए भारत के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है. 'मैं वैश्विक और घरेलू उद्योगों से आह्वान करता हूं कि वह उन समाधानों पर बातचीत करें जो देश के ऊर्जा लक्ष्य के चारों आधार स्तंभों का विस्तार करें. देश के ऊर्जा लक्ष्य के चार आधार स्तंभ ऊर्जा तक पहुंच, बेहतर क्षमता, निरंतरता और ऊर्जा सुरक्षा हैं.
भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और अमेरिका एवं चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है. उन्होंने कहा, 'भारत आने वाले दशकों में वैश्विक ऊर्जा मांग को बनाए रखने वाला मुख्य देश बना रहेगा. भारत में हम हर चुनौती के लिए तैयार हैं.'
दुनिया भर की बड़ी कंपनियां कर रही हैं भारत में कारोबारउन्होंने कहा कि एक जीवंत लोकतंत्र, स्थायी राजनीतिक व्यवस्था, सुधार अपनाने वाले दृष्टिकोण और मजबूत संस्थागत ढांचे के साथ, 'मैं वैश्विक उद्योगों को आमंत्रित करता हूं कि वह हमारी प्रगति में हमारे साथी बनें और भारत में मौजूद ऊर्जा क्षेत्र की व्यापक निवेश संभावनाओं का लाभ उठाएं'.
उन्होंने कहा कि सरकार ने निवेशकों को मित्रवत माहौल सुनिश्चित करने के लिए पूरी पेट्रोलियम नीति में आमूलचूल बदलाव के लिए कई कदम उठाए हैं. प्रधान ने कहा कि सऊदी अरामको, एडनॉक, बीपी, शैल, टोटल, रोजनेफ्ट और एक्सॉनमोबिल जैसी वैश्विक कंपनियां भारत में अपना कारोबार कर रही हैं.
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