UP में कोहरा और धुंध सड़क हादसों की दूसरी सबसे बड़ी वजह, एक्सप्रेस-वे नहीं हाइवे पर होते हैं ज़्यादा एक्सीडेंट

file photo.
अगर रात के वक्त एक बजे से सुबह 4 बजे तक एक्सप्रेस-वे (Expressway) पर ट्रैफिक रोक दिया जाए तो कोहरे के चलते होने वाले एक्सीडेंट (Accident) में कमी आ सकती है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 24, 2020, 10:28 AM IST
नई दिल्ली. हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने 'रोड एक्सीडेंट इन यूपी' के नाम से कुछ आंकड़े जारी किए हैं. इनमें वो एक्सीडेंट भी शामिल हैं जो यमुना एक्सप्रेस-वे (Yamuna Expresswar) पर हुए. चौंकाने वाली बात यह है कि सामान्य मौसम में होने वाले एक्सीडेंट के अलावा दूसरे नंबर पर सबसे ज़्यादा दुर्घटनाएं कोहरे और धुंध के चलते हुए हैं. इतना ही नहीं आज भी एक्सप्रेस-वे से ज़्यादा एक्सीडेंट नेशनल और स्टेट हाइवे (Highway) पर हो रहे हैं. ज़्यादातर एक्सीडेंट के पीछे की वजह ओवर स्पीडिंग हैं.
यूपी सरकार ने 2019 में हुए एक्सीडेंट के जो आंकड़े जारी किए हैं, उसके मुताबिक पिछले एक साल में कोहरे और धुंध के कारण 8031 एक्सीडेंट हुए. इनमें 4177 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. वहीं, 5350 लोग घायल भी हो गए. सामान्य और खुले मौसम में हुए एक्सीडेंट के नंबर को देखते हुए कोहरा और धुंध दूसरे नंबर पर है. वहीं, बारिश के मौसम में 7001 एक्सीडेंट हुए, 3781 मौत हुईं और 4925 लोग घायल हुए.
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एक्सप्रेस-वे से ज़्यादा हाइवे पर हुए एक्सीडेंटयूपी में रोड एक्सीडेंट का आंकड़ा बताता है कि सबसे ज़्यादा दुर्घटनाएं नेशनल और स्टेट हाइवे पर हुए हैं. यमुना और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर होने वाले एक्सीडेंट का नंबर बहुत छोटा है. 2019 में एक्सप्रेस-वे पर 337 एक्सीडेंट हुए, जिनमें 324 लोगों की मौत हो गई और 611 लोग घायल हो गए. नेशनल हाइवे पर 15844 दुर्घटनाएं हुईं. इनमें 8506 मौत और 10289 लोग घायल हुए. स्टेट हाइवे पर 13402 एक्सीडेंट, 6816 मौत और 9272 लोग घायल हुए.
एक्सीडेंट रोकने को करने होंगे ये काम
आरटीआई एक्टिविस्ट और सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट केसी जैन लगातार कोर्ट से लेकर दूसरे प्लेटफार्म पर एक्सप्रेस-वे से जुड़े मामले उठाते रहते हैं. न्यूज18 हिन्दी से बात करते हुए उन्होंने बताया कि अगर रात के वक्त एक बजे से सुबह 4 बजे तक एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक रोक दिया जाए तो कोहरे के चलते होने वाले एक्सीडेंट में कमी आ सकती है.

सिर्फ इमरजेंसी में जा रहे वाहनों को ही इस वक्त छूट दी जाए. ओवर स्पीड होने पर टोल प्लाजा पर चेतावनी दी जाए. बेशक उसके बाद चालान ऑनलाइन पहुंच जाए. सर्दियों में वाहनों की स्पीड को कम किया जाए. खासतौर से रात के वक्त पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए.
यूपी सरकार ने 2019 में हुए एक्सीडेंट के जो आंकड़े जारी किए हैं, उसके मुताबिक पिछले एक साल में कोहरे और धुंध के कारण 8031 एक्सीडेंट हुए. इनमें 4177 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. वहीं, 5350 लोग घायल भी हो गए. सामान्य और खुले मौसम में हुए एक्सीडेंट के नंबर को देखते हुए कोहरा और धुंध दूसरे नंबर पर है. वहीं, बारिश के मौसम में 7001 एक्सीडेंट हुए, 3781 मौत हुईं और 4925 लोग घायल हुए.
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एक्सप्रेस-वे से ज़्यादा हाइवे पर हुए एक्सीडेंटयूपी में रोड एक्सीडेंट का आंकड़ा बताता है कि सबसे ज़्यादा दुर्घटनाएं नेशनल और स्टेट हाइवे पर हुए हैं. यमुना और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर होने वाले एक्सीडेंट का नंबर बहुत छोटा है. 2019 में एक्सप्रेस-वे पर 337 एक्सीडेंट हुए, जिनमें 324 लोगों की मौत हो गई और 611 लोग घायल हो गए. नेशनल हाइवे पर 15844 दुर्घटनाएं हुईं. इनमें 8506 मौत और 10289 लोग घायल हुए. स्टेट हाइवे पर 13402 एक्सीडेंट, 6816 मौत और 9272 लोग घायल हुए.
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आरटीआई एक्टिविस्ट और सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट केसी जैन लगातार कोर्ट से लेकर दूसरे प्लेटफार्म पर एक्सप्रेस-वे से जुड़े मामले उठाते रहते हैं. न्यूज18 हिन्दी से बात करते हुए उन्होंने बताया कि अगर रात के वक्त एक बजे से सुबह 4 बजे तक एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक रोक दिया जाए तो कोहरे के चलते होने वाले एक्सीडेंट में कमी आ सकती है.
सिर्फ इमरजेंसी में जा रहे वाहनों को ही इस वक्त छूट दी जाए. ओवर स्पीड होने पर टोल प्लाजा पर चेतावनी दी जाए. बेशक उसके बाद चालान ऑनलाइन पहुंच जाए. सर्दियों में वाहनों की स्पीड को कम किया जाए. खासतौर से रात के वक्त पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए.