देश के कई हिस्सों में किसान संगठनों द्वारा कृषि कानूनों का विरोध किया जा रहा था. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) ने उपचुनाव के नतीजे (Bypoll Results 2021) पर बड़ा बयान दिया है. खासकर हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में बीजेपी (BJP) के खराब प्रदर्शन के लिए एसकेएम (SKM) ने किसान आंदोलन (Kisan Andolan) की सफलता करार दिया है. एसकेएम ने भारतीय जनता पार्टी के लिए इसे चेतावनी के तौर पर लेने को कहा है. साथ ही ये भी कहा है कि अगर बीजेपी सरकारी नीतियों को नागरिकों के हितों के अनुरूप नहीं बनाती हैं तो उन्हें परिणाम भुगतने पड़ेंगे. बता दें कि मंगलवार को 3 सीटों पर हुए संसदीय उपचुनाव में बीजेपी को सिर्फ एक सीट मिली है. वहीं, 14 राज्यों की 30 विधानसभा सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव में विशेषकर हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में जहां-जहां किसान आंदोलन ने अपनी ताकत लगाकर मतदाताओं से किसान विरोधी नीतियों के लिए भाजपा को दंडित करने का आग्रह किया, था वहां परिणाम भाजपा के खिलाफ गए.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बयान पर भी किसान मोर्चा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. किसान मोर्चा ने कहा है, ‘खट्टर ने कहा था कि संवाद ही किसी भी आंदोलन और किसानों के संघर्ष का समाधान है. हालांकि, यह भाजपा के पाखंड को दर्शाता है जो प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत फिर से शुरू करने को तैयार नहीं है. वार्ता का अंतिम दौर 22 जनवरी 2021 को समाप्त हुआ था. इसके बाद सरकार ने वार्ता को फिर से शुरू करने से इनकार कर दिया है. इस बीच खट्टर सहित कई भाजपा नेताओं ने किसानों के खिलाफ धमकी भरे बयान दिए हैं और हर संभव तरीके से आंदोलन को दबाने की कोशिश की है.’
उपचुनाव के परिणाम पर एसकेएम ने दिया बड़ा बयान
इसके साथ ही किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी हत्याकांड सहित कई विषयों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा है कि लखीमपुर खीरी हत्याकांड के चार आरोपियों की जमानत याचिका सीजेएम कोर्ट ने खारिज कर दी. इस बीच भाजपा नेताओं द्वारा मामले में न्याय को कमजोर करने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें अधिकारियों का स्थानांतरण, गवाहों की रिपोर्ट में देरी और आरोपी आशीष मिश्रा और उनके सहयोगियों को वीआईपी सुविधाएं दिया जाना शामिल है. नरसंहार के मुख्य सूत्रधार अजय मिश्रा टेनी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर बने हुए हैं.
एसकेएम की अब यह नई मांग
एसकेएम ने अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी और उच्चतम न्यायालय की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग दोहराई है. साथ ही पिंक बॉलवर्म के भारी प्रकोप से कपास की फसल को हुए नुकसान से पंजाब और हरियाणा के कई जिलों में कपास किसानों को व्यापक नुकसान हुआ है. परिणामस्वरूप किसानों के आत्महत्या के कई मामले सामने आ रहे हैं. क्षति की सीमा के वर्गीकरण के आधार पर सरकार द्वारा ₹2000 और ₹12000 प्रति एकड़ के बीच दिया जाने वाला मुआवजा किसानों के नुकसान की आंशिक भरपाई भी नहीं करता. औसतन अनुमानित नुकसान ₹ 60,000 प्रति एकड़ है. पंजाब के किसान संगठन घाटे में चल रहे किसानों के लिए पर्याप्त मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: किसानों का फायदा! मोदी सरकार ने पहली बार चीनी मिलों के कचरे से बनने वाले पोटाश पर तय की सब्सिडी
2020 और 2019 में एक ही समय में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों के स्टॉक के संबंध में आधिकारिक आंकड़े, डीएपी जैसे उर्वरकों की महत्वपूर्ण कमी की स्पष्ट तस्वीर दिखाते हैं. एसकेएम की मांग है कि सरकार संकट से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम तत्काल उठाए.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: BJP, Bypolls, Farmers movement, Kisan Andolan, Modi government, SKM
श्वेता तिवारी से लेकर अरबाज खान तक, 8 सितारे जिन्होंने पाकिस्तानी फिल्मों में किया काम, चौंका देगा तीसरा नाम
दुनिया के सबसे अमीर देश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ फ्री, फिर पैसे वालों के मुल्क में क्या हुआ...देखिए
IPL: डिविलियर्स के नाम है सर्वाधिक बार 'प्लेयर ऑफ द मैच' बनने का रिकॉर्ड, टॉप 5 में 2 भारतीय, कोहली का नाम गायब